Friday, 29 November 2024

गुड हैल्थ टिप्स

गुड हैल्थ टिप्स कुछ सुझाव ऐसे होते हैं । जिन्हें दिनचर्या में अपना लेने से फायदा ही फायदा होता है । ऐसी जानकारियों…

गुड हैल्थ टिप्स

गुड हैल्थ टिप्स

कुछ सुझाव ऐसे होते हैं । जिन्हें दिनचर्या में अपना लेने से फायदा ही फायदा होता है । ऐसी जानकारियों को साझा करने से हम बहुत से और लोगों का भी फायदा कर सकते हैं । इनका हम सबकी दिनचर्या पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है । अब हर समय दवा की गोली निगल लेना ही तो उपाय नहीं होता न ? इसीलिए कभी कुछ घरेलू नुस्खे आप भी अपनाएं और फिर खुद जान जाएँ –

भूख लगे तो संतरा खाओ

मेरी भाभी की पहली गर्भावस्था थी। हर कोई उनसे कहता बहु सेहत का ध्यान रखना खुराक अच्छी लेना वो भी सबका कहना मानती। अच्छी महंगी खुराक खाती। अभी उनका 6 वाँ महिना चल रहा था भाभी 60 से 72 किलो पर पहुंच गई थी। उनहीं  दिनों मेरी एक सहेली अमेरिका से आई। उसकी गर्भावस्था का आठवाँ महीना था। अकेले परदेस में कोई परेशानी न हो जाये इसलिए मा के घर डिलीवरी के लिए आई थी। उसका वजन भी कुछ बढ़ा था! लेकिन देखने में पहले सी ही लगती थी। पेट पर नज़र जाये तो ही पता चलता था। मैंने उससे जब उसकी चुस्ती का कारण पूछा तो उसने डाइट और डाइट – मैनेजमेंट ही इसका कारण बताया। भूख लगे तो संतरा खाओ उसका उपाय भी।

गुड हैल्थ टिप्स

गर्मी या भूख सताये तो संतरा दोनों ही बुझाये। बिना वजन बढ़ाए भूख प्यास मिटाने वाला स्वादिष्ट फल है संतरा। 16 वीं व 17 वीं शताब्दी में तो जो नाविक लंबी समुंदरी यात्राओं पर जाते थे। उन्होने भी आजमाया था कि बहुत लंबे  समय तक ताजे फल न मिलने से वे एक बीमारी के शिकार हो जाते थे और वो भी खट्टे फलों के अभाव में यानि स्कर्वी बीमारी से। शायद इसी कारण लोकप्रियता में नंबर एक है संतरा तथा खपत में भी केले के बाद इसी का स्थान आता है। क्योंकि जैसे केला पूर्ण भोजन प्रदान करता है वैसे ही संतरा भी केवल विटामिन सी ही नहीं प्रदान करता। बल्कि ये कई विटामिनों, खनिजों और फाइबर का भी अच्छा स्रोत है।

गुड हैल्थ टिप्स

यूएसडीए के अनुसार, 100 ग्राम (नेवल, संतरे का प्रकार) कच्चे संतरे में –

पानी: 97 ग्राम, ऊर्जा: 49 से 60 कैलोरी, प्रोटीन: 91 ग्राम, कुल लिपिड (वसा): 15 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट: 54 ग्राम, फाइबर: 2 ग्राम, कुल शुगर: 5 ग्राम, पोटेशियम: 166 मिग्रा, कैल्शियम: 43 मिग्रा, आयरन: 13 मिग्रा, मैग्नीशियम: 11 मिग्रा, फास्फोरस: 23 मिग्रा, सोडियम: 1 मिग्रा विटामिन सी: 1 मिग्रा, नियासिन: 425 मिग्रा, फोलेट डीएफई: 34 माइक्रोग्राम, विटामिन ए: 247 आईयु पाया जाता है।

संतरे के लाभ

पोटैशियम के सेवन से उच्च रक्तचाप, हार्ट-अटैक और स्ट्रोक का जोखिम तो कम होता ही है। विटामिन-सी भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। संतरे में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर से लड़ते हैं। संतरे में घुलनशील, अघुलनशील फाइबर तथा सैलूलोज होता है जब खाओ तो पेट भर जाता है। फ़ाइबर को पचाने में शरीर को समय लगता है इससे बहुत देर तक भूख भी नहीं लगती। हम कम खाते हैं और फालतू वजन भी नहीं बढ़ता। फ़ाईबरस मल त्‍याग की क्रिया को नियंत्रित करते हैं। जिससे कब्ज दूर होती है। आंतड़ियाँ साफ तो कोलन कैंसर भी नहीं होता है। पेट साफ तो मुह से गंध भी नहीं आती। पाचन तंत्र सही रहने से हमारी त्वचा में भी निखार आता है ।  संतरे में आयरन तो अधिक नहीं पर विटामिन सी अच्छी मात्रा में होता है। विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। जिससे एनीमिया की समस्या से बचाव होता है हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है । एंटी-एजिंग व यूवी प्रोटेक्शन के साथ त्वचा में निखार आता है। डार्क स्पॉट भी नहीं बनते। संतरे में लगभग 70% विटामिन सी पाया जाता है. दिनभर में सिर्फ एक ताजा संतरा खा लेने से शरीर में विटामिन सी की पूर्ति हो जाती है। अब जैसे डेंगू बुखार चल रहा है। स्वस्थ लोग खाएंगे तो वैसे ही ठीक रहेंगे। डेंगू पीड़ित खाएँगे तो वे भी स्वस्थ होंगे।

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गर्भावस्था में संतरे का अपना ही महत्व है

गर्भावस्था में तनाव तथा कब्ज सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। संतरे में पोटेशियम होता है। जिससे ब्लड प्रेशर  नियंत्रित रहता है और गर्भवती महिलाओं को तनाव नहीं होता। फ़ाईबरस की वजह से कब्ज नहीं होती । प्रेगनेंट महिला को प्रतिदिन 85 मि.ग्रा विटामिन सी की खुराक लेने की सलाह दी जाती है। अत: गर्भावस्था में महिला 2 या 3 संतरे खा सकती हैं। प्राकृतिक विटामिन सी लेने से उन्हें खांसी, जुकाम इत्यादि भी नहीं होता। माँ स्वस्थ तो बच्चे का विकास भी सही होता है ।

नुकसान

अति तो हर चीज की बुरी होती है। ऐसे ही संतरे भी अधिक नहीं नहीं खाने चाहियेँ। ज्यादा संतरा खाने से कभी कभी पेट खराब हो जाता है। मितली सी होने लगती है। इसलिए बस 2 या तीन संतरे वो भी अलग अलग समय खाएं।

यकीन मानिए आज भी दूर-दराज गाँव देहात में इलाज की कोई सुविधा नहीं है। परेशानियाँ तो किसी को भी कहीं भी हो सकती हैं । कहीं भी हो सकता है। ऐसे में प्राकृतिक चीजों का सेवन तथा स्वास्थ्यवर्धक भोजन ही हमारा इलाज होता है।
आज के लिए इतना ही आप चेतना मंच द्वारा प्रकाशित इन टिप्स के साथ स्वस्थ रहें, सआनंद रहें। मिलते है गुड हेल्थ टिप्स के साथ अगले लेख में।

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