दुनिया का सबसे आधुनिक देश यानी कि चीन में बिजली संकट गहरा गया है। जानकारी के मुताबिक चीन के कई राज्यों में लोगों को ना सिर्फ अंधेरे में रात काटने पड़ रही है बल्कि किल्लत इतनी बढ़ गई है कि आर्थिक गतिविधियों के ठप होने से अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट लगने की संभावना जताई जा रही है वही ग्लोबल सप्लाई चैन में बाधा आने से दूसरे देशों पर भी इसका असर पड़ सकता है। क्रिसमस से पहले दुनिया भर के दुकानदार स्मार्टफोन की संभावित कमी का सामना कर रहे हैं। वहीं चीन सरकार ने बिजली उपभोग की ऊपरी सीमा निर्धारित कर दी है जिसके चलते कंपनियां अपने उत्पादन संयंत्र बंद करने को मजबूर हैं। हालांकि एप्पल की सप्लायर कंपनी ने कहा है कि वह मांग पूरी करने के लिए अपने अन्य संयंत्रों में उत्पादन बढ़ाने की पूरी कोशिश करेगी। इसके साथ ही एक अन्य फैक्ट्री के कर्मचारी ने कहा कि कुछ दिन पहले उत्पादन बंद करने को कहा गया था लेकिन अब उत्पादन शुरू हो सकेगा इसमें भी संदेह है। मयंक घरेलू उपभोक्ताओं को भी आ रही दिक्कतों से पता चलता है कि चीन में कितनी तेजी से बिजली संकट बढ़ रहा है।
आमतौर पर ऐसा माना गया है यहां जब आपूर्ति में कमी होती है तो पहले बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं को उपभोग घटाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। वही इस बिजली संकट से उत्तरी चीन के कई प्रांतों में भी काफी दिक्कत है। बिजली की किल्लत इस कदर बढ़ गई है कि ट्रैफिक लाइट तक बंद हो जाने की वजह से सड़कों पर अफरा-तफरी का नजारा दिखता है यहां के लोगों को घरों में प्राकृतिक रोशनी का इस्तेमाल और एसी का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी गई है और फैक्ट्रियों में पहले से ही बिजली कटौती हो रही है। एक सरकारी चैनल के मुताबिक उत्तरी शहर लियाओयांग मैं बिजली गुल होने के बाद मेटल कास्टिंग फैक्ट्री में वेंटिलेशन बंद होने के कारण जहरीली गैस की चपेट में आए 23 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह इस मामले में कुछ लोगों का मानना है कि कोविड-19 चीन की आर्थिक स्थिति थोड़ी गिरी है उसी के चलते वह बिजली में भारी बढ़ोतरी कर रहा है जिसके कारण उसके ही प्रांत के लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन एक अत्याधुनिक देश है जो जल्दी इस स्थिति से बाहर निकल जाएगा। लेकिन जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं उससे यह साफ पता चलता है कि अभी इस स्थिति से चीन बाहर जल्द तो नहीं निकल पाएगा