UP News / कानपुर देहात: स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 अंतर्गत ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन निर्माण योजना में 3.72 करोड़ के घोटाले में आरोपित जिला परामर्शदाता रहे संविदा कर्मी शैलेन्द्र श्रीवास्तव को अकबरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे विकास भवन लाकर दस्तावेजों की पड़ताल की गई।
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इसके बाद उन्हें लखनऊ कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। कानपुर देहात की 195 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन फेज टू के तहत बिना काम कराए 3.72 करोड़ का घोटाला किया गया था। ये रुपये ग्राम प्रधानों के डोंगल का प्रयोग कर निकाल लिये गये। इसमें तत्कालीन डीपीआरओ की ओर से अकबरपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
दो महीने पहले पता चला घोटाला
दो माह पूर्व घोटाले का पता चला तो मामला शासन तक पहुंच गया। विस्तृत जांच के बाद मामले में तत्कालीन डीपीआरओ, पूर्व डीपीआरओ समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के जिला परामर्शदाता रहे संविदा कर्मी विमल पटेल, शेलेंद्र श्रीवास्तव और प्रदीप की सेवा समाप्त कर दी गई थी। तत्कालीन डीपीआरओ अभिलाष बाबू ने अकबरपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद तत्कालीन डीपीआरओ नमिता शरण व वर्तमान डीपीआरओ अभिलाष बाबू, उपनिदेशक पंचायत कानपुर मंडल अभय शाही, सचिव भोजपुर गांव पुनीत व राजीव द्विवेदी को निलंबित किया गया था। मामले की जांच अकबरपुर सीओ प्रभात कुमार कर रहे हैं।
घोटाले के बाद से शैलेंद्र व अन्य दोनों आरोपित फरार थे। शुक्रवार को अकबरपुर पुलिस ने शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। सीओ अकबरपुर प्रभात कुमार ने बताया कि उसे जेल भेजा गया है, अन्य की तलाश जारी है।
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