Sunday, 1 December 2024

सपा ने शुरू किया मिशन 2024, दी जा रही है कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग UP News

UP News : वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारियों को शुरु कर…

सपा ने शुरू किया मिशन 2024, दी जा रही है कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग UP News

UP News : वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारियों को शुरु कर दिया है। इस ​चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए सपा ने जहां संगठन को मजबूत करने की योजना बनाई है, वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं में भी जान फूंकने काम काम किया जा रहा है। इसी के तहत सपा की ओर से कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है।

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सपा शुक्रवार को यूपी के सीतापुर जिले के नैमिषारण्य में बड़े स्तर पर पूजा और हवन करने जा रही है। इसके साथ ही पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव 4 हजार कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे।

आपको बता दें कि यूपी में सपा प्रशिक्षण शिविर के साथ साथ लोक जागरण यात्रा भी निकाल रही है और सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना को लेकर माहौल तैयार कर रही है। इसकी शुरुआत लखीमपुर खीरी से हो गई है। सपा का जिस जिले में कार्यक्रम होगा, वहां रथ यात्रा निकालकर भाजपा के खिलाफ मुद्दों को धार देने की कोशिश की जाएगी। यूपी में सपा ने नए तेवर और कलेवर के साथ नजर आने का प्लान बनाया है। माना जा रहा है कि पार्टी ने सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने का भी मूड बनाया है।

ट्रेनिंग कैंप के लिए स्थानों का खास चयन

यदि राजनीतिक जानकारों की माने तो इस सपा की यात्रा के जरिये बीजेपी की गलत नीतियों को सामने लाया जाएगा और पिछड़े-दलित वोटबैंक को साधने पर पूरा फोकस रखा जाएगा। पार्टी ने कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने के लिए स्थानों का चयन भी खास ध्यान में रखकर किया है। यही वजह है कि ये शिविर ऐसे स्थानों पर आयोजित होने हैं, जहां के प्रतीकों के जरिये पूरे प्रदेश में संदेश दिया जा सके। पहला शिविर पांच जून को छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला गोकर्णनाथ में हुआ था। अब दूसरा शिविर 9 और 10 जून को पवित्र तीर्थस्थल नैमिषारण्य में होने जा रहा है, जिसे ऋषि-मुनियों की तपोस्थली माना जाता है।

चुनाव प्रबंधन की पुख्ता रणनीति

बताते चलें कि यह प्रशिक्षण शिविर हर जिले में लगाने की तैयारी है। शिविरों के आयोजन में धार्मिक स्थलों को तवज्जो दी जाएगी। शिविर में बूथ प्रबंधन से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रबंधन की पुख्ता रणनीति बनाए जाने का प्लान है। जानकार बताते हैं कि सपा ने जब भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए और कार्यकर्ताओं को साधा है, तब पार्टी का ग्राफ बढ़ता देखा गया है। यही वजह है कि 2017, 2019, 2022 के चुनाव में पार्टी को मिली हार ने नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का हर जिले में इन शिविरों में जाने का कार्यक्रम है। इनमें बूथ स्तर से लेकर सेक्टर और नगर से लेकर ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे।

सपा के लिए संजीवनी रही है रथयात्रा

आपको बता दें कि सपा के लिए चुनावी रथयात्रा सियासी संजीवनी की तरह रही है। रथ यात्रा की परंपरा मुलायम सिंह यादव ने शुरू की थी और उसे अखिलेश यादव ने आगे बढ़ाया है। साल 1987 में मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए ‘क्रांति रथ’ निकाला था और 1989 के चुनाव में मुलायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। साल 2001 में अखिलेश यादव ने पिता मुलायम के ही अंदाज में ‘क्रांति रथ’ निकाला था। पहली बार ‘क्रांति रथ यात्रा’ 31 जुलाई को शुरू हुई थी। तब अखिलेश की यह सियासी लांचिंग थी। उसके बाद 2002 विधानसभा चुनाव में सपा 143 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और 2004 में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बनने में सफल रहे थे।

UP News 2012 में मिला था पूर्ण बहुमत

अखिलेश यादव ने 2012 के चुनाव से पहले बसपा सरकार के खिलाफ रथ यात्रा और साइकिल यात्रा निकाली थी. इस तरह उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा किया था. 2012 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से सपा की सरकार प्रदेश में आई थी और अखिलेश यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. 2017 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी के सामने बड़ी हार मिली थी. कांग्रेस से गठबंधन के बाद भी दोनों को मिलाकर कुल 52 सीटें ही मिल पाई थीं. इस बाद समाजवादी पार्टी ने सत्ता में वापसी के लिए 2022 में ‘विजय रथ’ निकाला था. इस यात्रा से सपा सत्ता में तो नहीं आ सकी, लेकिन पार्टी की सीटें दो गुना हो गई थी. सूबे में सपा 47 सीट से बढ़कर 111 पर पहुंच गई. UP News

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