जोहानिसबर्ग। दिल्ली की नृत्यांगना वल्लभी चेल्लम अन्नामलाई ने इस सप्ताह पीटरमारित्ज़बर्ग में आयोजित गांधी-किंग-मंडेला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2023 के उद्घाटन की संध्या पर अपनी अनूठी भरतनाट्यम प्रस्तुति से 400 से अधिक दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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गांधीवादी विचारधाराओं के साथ पली-बढ़ी
नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक अलागन अन्नामलाई की बेटी वल्लभी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो…’ पर भरतनाट्यम प्रस्तुति दी। वल्लभी ने कहा कि उनके लिए इस भजन पर नृत्य तैयार करना मुश्किल नहीं था, क्योंकि उनके माता-पिता गांधीवादी विचारधारा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध से हैं। वह उनकी विचारधाराओं के साथ पली-बढ़ी हैं।
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15 साल से प्रस्तुति दे रही हैं वल्लभी
उन्होंने कहा कि गांधीवादी विचारधारा बहुत कम समय में मेरे भीतर घर कर गई थी। मैं पिछले दो दशक से प्रशिक्षित भरतनाट्यम नृत्यांगना हूं और बीते 15 साल से बड़े स्तर पर प्रस्तुतियां दे रही हूं। वल्लभी ने कहा कि मुझे जब यहां प्रस्तुति देने का निमंत्रण मिला, तब मैंने सोचा कि यदि मैं दोनों कला प्रारूपों को मिलाकर पेश करूं, तो यह बहुत प्रासंगिक रहेगा। इसलिए मैंने इस गीत पर प्रस्तुति तैयार की।
130 साल पहले गांधी जी को ट्रेन से फेंका गया था
युवा वकील मोहनदास गांधी को 1893 में पीटरमारित्जबर्ग स्टेशन पर एक ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था, क्योंकि वह केवल श्वेत यात्रियों के लिए आरक्षित डिब्बे में बैठे थे। इस घटना के 130 साल पूरे होने पर गांधी-किंग-मंडेला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। ट्रेन से बाहर फेंके जाने की घटना के बाद गांधी ने सत्याग्रह शुरू किया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका एवं भारत में दमन के खिलाफ संघर्ष किया और अंतत: महात्मा का दर्जा हासिल किया।
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