आगरा: देश ने आज एक और वीर सपूत को खो दिया। भारतीय वायुसेना के वारंट ऑफिसर रामकुमार तिवारी, उम्र 41 वर्ष, का आज सुबह एक सैन्य अभ्यास के दौरान पैरा जंपिंग मिशन में दुखद निधन हो गया। हादसा उस समय हुआ जब वह आगरा एयरबेस पर आयोजित एक प्रशिक्षण और प्रदर्शन अभ्यास में भाग ले रहे थे।
ट्रेनिंग के दौरान घाटी भयानक घटना:
घटना शनिवार सुबह 9:30 बजे हुई, जब तिवारी जी ने अपने अनुभव और साहस के साथ आसमान से छलांग लगाई। लेकिन दुर्भाग्यवश, एक तकनीकी खराबी के चलते उनका पैराशूट समय पर और पूरी तरह से नहीं खुल सका। ज़मीन से तेज़ टक्कर के कारण उन्हें गंभीर अंदरूनी चोटें आईं और उन्हें तुरंत मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
वारंट ऑफिसर तिवारी भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध ‘आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम’ का हिस्सा थे, जो अपने साहसिक करतबों और पेशेवर प्रशिक्षण के लिए जानी जाती है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बेल्हा गांव के निवासी थे और पिछले दो दशकों से देश की सेवा में समर्पित थे।
उनके सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें एक निडर, अनुशासित और प्रेरणादायक योद्धा बताया। तिवारी जी ने ना केवल देश के लिए कई बार जोखिम उठाए, बल्कि युवा जवानों को भी प्रशिक्षित किया और प्रेरणा का स्रोत बने।
परिवार पर छाएं दुख के बादल:
भारतीय वायुसेना के वारंट ऑफिसर रामकुमार तिवारी अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए हैं — एक बेटा (14 वर्ष) और एक बेटी (10 वर्ष)। परिवार और पूरे गाँव में शोक की लहर है। उनके पिता रमाशंकर तिवारी और मां उर्मिला प्रतापगढ़ के बेलहा गांव में रहते हैं। रामकुमार सात दिन पहले ही गांव जाकर परिजनों से मिले थे। पूरा राष्ट्र उनके बलिदान को नमन करता है। ओम शांति।