Capsicum Farming: मीना कौशिक/ एक जमाना था जब शिमला मिर्च सिर्फ सब्जी तक सीमित थी, ज्यादा से ज्यादा उसे भरवा शिमला मिर्च के रूप में बना लिया जाता था।, लेकिन आज शिमला मिर्च होटल संस्कृति के कॉन्टिनेंटल खाने से जुड़कर घर से लेकर रेस्टोरेंट तक और रेस्टोरेंट से लेकर 5 सितारा तक भारतीय खाने की शान बन चुकी है। शिमला मिर्च को अब हम सब्जियों में ताज कह सकते हैं क्योंकि आप कोई भी व्यंजन ले उसमें शिमला मिर्च का स्वाद किसी ना किसी रूप में जोड़ा ही जा रहा है। चाहे वह नूडल हो या आप के नाश्ते के खाने की टेबल पर अन्य कोई व्यंजन उसमें शिमला मिर्च जीरे की तरह भूमिका निभा रही है। शिमला मिर्च के बढ़ते इस्तेमाल के कारण भारत से विदेशों तक शिमला मिर्च की मांग बड़ी है। यही नहीं उसके दाम भी हम देखकर हैरत में रह जाते हैं। उफ्फ शिमला मिर्च इतनी महंगी!
Capsicum Farming
लेकिन मित्रों एक बार आपने शिमला मिर्च को अपने घर आंगन, बागवानी या खेती में उगाने का प्रण ले लिया तो आप कहेंगे शिमला मिर्च और इतनी सस्ती… क्योंकि Capsicum Farming के इतने सुंदर सुंदर रूप हरे पीले बैंगनी लाल जब आपके खेत और खलिहान में उग आएंगे तो देखेंगे इतनी पोषक, स्वादिष्ट और सुंदर शिमला मिर्च सस्ती कैसे हो सकती है।। यही नहीं आप 1 एकड़ में 100 ग्राम बीजों से लगभग ढाई सौ क्विंटल शिमला मिर्च का रिकॉर्ड उत्पादन कर सकते हैं और लागत का दुगना कमाई करके अपने घर की तिजोरी मालामाल कर सकते हैं।
शिमला मिर्च मात्र 60 दिनों में 1 एकड़ में लगभग 128000 की पूरी लागत से आपको लगभग 3:30 लख रुपए की कमाई दे देती है। और पॉलीहाउस में तो शिमला मिर्च को इस तरह से उगाया जाता है जैसे हम मेडिकल साइंस में मानव शरीर की देखभाल एक-एक नस और एक-एक हड्डी से लेकर दिल तक उसकी देखभाल करते हैं। मजाल है उसको कोई जीवाणु नुकसान भी पहुंचा दे। रस्सी धागा बांस की सहायता कीटनाशकों का इस्तेमाल खेती की उर्वरा शक्ति और हफ्ते भर में उसकी सिंचाई निराई गुड़ाई से लेकर खेत लेट से दुकानों तक पहुंचाने तक में बहुत ही व्यवस्थित ढंग से शिमला मिर्च का व्यापार किया जाता है। और तब यह शिमला मिर्च अपने सुंदर चिकने और मोहक रूप में बाजारों में आकर हमारी थाली में सजती है और हम कहते हैं वाह शिमला मिर्च!
लेकिन अब आप Capsicum Farming से मोटी कमाई के बारे में इसकी खेती करके धनवान बनने की सारी जानकारी हम आपको दे रहे हैं । . शिमला मिर्च के पौधे बीज से लेकर उसकी खेती तक और सेहत के लिए लाभप्रद होने तक सब कुछ जाने बैठे-बिठाए हमारे कुछ खास टिप्स और शिमला चर्चा के साथ।
कहां कहां होता है शिमला मिर्च का उत्पादन
शिमला मिर्च की खेती से पहले हम यह जान ले शिमला मिर्च का उत्पादन मुख्यत हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। देश के 21 राज्यों में शिमला मिर्च की खेती और उसके हरे-भरे खेत देखे जा सकते हैं और घर आंगन बगीचे में भी इसका उत्पादन बहुत ही शौक से किया जा रहा है।
शिमला मिर्च बोने का समय
शिमला मिर्च की बुवाई वर्ष में तीन बार खेत में की जा सकती है। पहले खेत में जून जुलाई दूसरी, खेत में अगस्त सितंबर और तीसरे में अक्टूबर नवंबर में हम शिमला मिर्च की बुवाई कर सकते हैं और इस समय अगस्त का महीना शिमला मिर्च की बुवाई के लिए सर्वोत्तम है.
शिमला मिर्च कितने प्रकार की होती है
शिमला मिर्च की तमाम किस्मे है। मुख्यतः बाजारों में लाल हरी पीली शिमला मिर्च अपने सुंदर चिकने रूप के साथ सभी को अपनी और आकर्षित करती है। अगर हम इनके नामों की चर्चा करें तो उन्नत किस्म की शिमला मिर्च मे कैलिफोर्निया वंडर, रायल वंडर, येलो वंडर, ग्रीन गोल्ड, भारत , अरका बसन्त, अरका गौरव , अरका मोहिनी, सिंजेटा इंडिया की इन्द्रा, बॉम्बी, लारियो एवं ओरोबेल, क्लॉज़ इंटरनेशनल सीडस की आशा, सेमिनीश की 1865, हीरा यह बेहतर किस्म की उन्नत शिमला मिर्च मिलती है।
एक एकड़ में कितने बीजों या नर्सरी की जरूरत
1 एकड़ में 100 ग्राम से लेकर ढाई सौ ग्राम तक अलग-अलग हिसाब से बीज की जरूरत पड़ती है और अगर हम पौधे की बात करें तो लगभग 11000 पौधे एक एकड़ में बोए जा सकते हैं। 100 ग्राम बीज की कीमत 16 सौ रुपए से लेकर ढाई हजार तक देखने को मिलती है। किसान उन्नत किस्म के बीज लेकर लेकर कॉकपिट की सहायता से अपनी नर्सरी खुद तैयार कर सकते हैं। उन्नत किस्म के बीज अभी 16 सो रुपए से 2200 तक 100 ग्राम बाजार में उपलब्ध हो जाते हैं। वर्मी पोस्ट उपजाऊ मिट्टी के साथ कॉकपिट में एक एक बीज डालकर उसकी हल्की सिंचाई करके नर्सरी तैयार की जाती है।
तापमान और क्यारी की चौड़ाई और मिट्टी
Capsicum Farming के लिए 18 से 30 के बीच तापमान सबसे उत्तम माना जाता है अधिक या कम होने पर हमें सिंचाई के जरिए उसको नियंत्रित करने की जरूरत पड़ती है अधिक तापमान से शिमला मिर्च के फूल झड़ने की समस्या आ सकती है इसलिए शिमला मिर्च के लिए उचित तापमान बनाकर शेड से और सिंचाई से रखना चाहिए।
शिमला मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मृदा उपयुक्त रहती है जिसमे अधिक मात्रा मे कार्बनिक पदार्थ मौजूद हो एवं जल निकासी हो।।खेत में उठी हुई 90 सेमी चौडी क्यारियाँ और पौधों की रोपाई ड्रिप लाईन बिछाने के बाद 45 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए।
सिंचाई-शिमला मिर्च की खेती के लिए गर्म मौसम में एक हफ्ते में और सर्दी के मौसम में 10 से 15 दिन की अंतर पर सिंचाई करना अच्छा रहता है। ड्रिप इरीगेशन की सुविधा उपलब्ध होने पर उर्वरक एवं सिंचाई (फर्टीगेशन) ड्रिप द्वारा की जा सकती है ।
उर्वरक और कीटनाशक प्रबंधन…
शिमला मिर्च की खेती के लिए खेत की तैयारी करते time हीं खेत में करीब 25 टन गोबर की कंपोस्ट खाद डालनी चाहिए
पौधों के रोपाई के वक्त रासायनिक उर्वरक भी डाले जाते हैं।
खेत तैयार करते समय 2.22 लीटर की दर से फ्लूक्लोरेलिन (बासालिन ) का छिडकाव कर खेत मे मिला देना चाहिए। या पेन्डीमिथेलिन 3.25 लीटर प्रति हैक्टयर की दर से रोपाई के 7 दिन के अंदर छिडकाव कर देना चाहिए।
शिमला मिर्च की उपज बढाने और उचित देखभाल के लिए के लिए ट्राइकोन्टानाॅल 1.25 पी.पी.एम (1.25 मिलीग्राम/लीटर पानी ) रोपाई के बाद 20 दिन की अवस्था से 20 दिन के अन्तराल पर 3से 4 बार करना चाहिए। इसी प्रकार एन.ए.ए. 10 पी.पी.एम (10 मिलीग्राम/लीटर पानी ) का 60 वे एवं 80 वे दिन छिडकाव किया जाना चाहिए।
पौधों को खुली हवा और पनपने के लिए रखरखाव
शिमला मिर्च मे पौधो को प्लास्टिक या जूट की सूतली रोप से बांधकर उपर की और बढने के लिए सहारा दिया जाता है।जिससे फल गिरे भी नही एवं फलो का आकार भी अच्छा हो। पौधो को सहारा देने से फल मिट्टी एवं पानी के सम्पर्क मे नही आ पाते जिससे फल खराब होने की संभावना नहीं रहती।
शिमला मिर्च को प्रभावित करने वाले कीट
शिमला मिर्च मे कीटो मे मुख्य तौर पर चेपा, सफेद मक्खी, थ्रिप्स , फल भेदक इल्ली एवं तम्बाकू की इल्ली एवं व्याधियों मे चूर्णी फफूंद, एन्थ्रेक्नोज, फ्यूजेरिया विल्ट, फल आदि है इनसे बचाव के लिए हमें कीटनाशक का छिड़काव करना ही होता है ताकि हमारी फसल बिना किसी बीमारी के उन्नत उत्पाद दे सके।
खुद की नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो ध्यान देने योग्य बातें
Capsicum Farming
1. नर्सरी पौधशाला की क्यारियां भूमि धरातल से लगभग 10 सेमी की ऊंचाई पर रखी जाए।
2. क्यारियों को तपन से रोकने के लिए मार्च अप्रेल माह मे 0.45 मि.मी. मोटी पॉलीथिन शीट से ढकना चाहिए।
3. नर्सरी की क्यारी तैयार करने से पहले 3 किग्रा गोबर की खाद मे 150 ग्राम फफूंद नाशक ट्राइकोडर्मा मिलकर मिट्टी तैयार करें।
4. नर्सरी की मिट्टी को कॉपर ऑक्सीक्लोराइड के 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल से बुवाई के 2-3 सप्ताह बाद छिडकाव करें।
नर्सरी के पौधे खेत में लगाने के लिए कितनी हो उसकी ग्रोथ..
नर्सरी मेजर पौधा लगभग 15 सेंटीमीटर का हो जाए और उसकी तीन से चार पत्तियां निकल आए तो यह पौधा रोकने के काबिल तैयार हो जाता है और जब हम इन पौधों को खेत में लगाएं तो उसमें 40 से 60 सेंटीमीटर तक की दूरी होनी चाहिए
बीज बोने से पहले ध्यान देने योग्य बात
शिमला मिर्च की पत्तियों पर काले धब्बे वाली बीमारी ना लगे इसके लिए उपचारित बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा 0.2% मेन्कोजेब या फिर डायफोल्टान का घोल बनाकर हर 20 दिन के interval 2 बार छिड़काव करना चाहिए।
फल लगने की प्रक्रिया
लगभग 60 दिन में शिमला मिर्च फसल तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है कभी-कभी 75 दिन भी लग जाते हैं।
शिमला मिर्च के फायदे और गुण..
शिमला मिर्च में beta-carotene विटामिन ए विटामिन सी और फाइबर विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटमिन सी, विटमिन ए, विटमिन के, फाइबर और बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
आंखों की रोशनी के लिए कैप्सिकम यानी शिमला मिर्च का प्रयोग बहुत उपयोगी बताया जाता है।शिमला मिर्च में ल्यूटिन और जेक्सैथीन तत्व पाए जाते हैं, जो मोतियाबिंद से से बचाव में कारगर है।
शिमला मिर्च में ओस्टियो ओस्टियोआर्थराइटिस बीमारी में दर्द फैलाने वाले पदार्थ काम करने की क्षमता होती है इसलिए गठिया वाले रोगियों को शिमला की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है।
हड्डियों ,दांतों के लिए लाभप्रद
शिमला मिर्च में विटामिन ए बी सी और आईरन होने की वजह से यह हमारे दांतो और हड्डियों के लिए लाभप्रद है और हमारी स्किन को चमकदार रखने में भी सहायक है।
कैंसर से बचाव में उपयोगी
कैप्साइसिन (Capsaicin) नामक तत्व पाया जाता है। यह तत्व एंटी कैंसर माना जाता है।
Capsicum Farming
हृदय की बीमारियों से बचने के लिए भी लाभप्रद
शिमला मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं जैसे – मोटापे और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है । हृदय रोग से बचाने के लिए भी तमाम विटामिन से भरपूर होने के कारण शिमला मिर्च को सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। निष्कर्ष रूप से हम कह सकते हैं की शिमला मिर्च हमारे लिए सेहत से भरपूर खजाना है और दूसरी तरफ मात्र दो से ढाई महीने के बीच यह दोगुनी लागत करके हमें धनवान बनाने की चाबी भी है। इसलिए हम शिमला मिर्च यानि कैप्सिकम की खेती अपने घर के गमले से लेकर खेतों और पॉलीहाउसेस में कर सकते हैं। मात्र 1 एकड़ खेत में शिमला मिर्च की उगाई करके आप 15000 किलोग्राम शिमला मिर्च का उत्पादन करके धनवान बन सकते हैं। इसलिए शिमला मिर्च आपकी सेहत और आपकी तिजोरी का खजाना है।
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