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हबूर पत्थर : राजस्थान में हबूर पत्थर जिसकी विदेशों तक है चर्चा

Habur Stone

Habur Stone

Habur Stone : राजस्थान प्रदेश के जैसलमेर में छोटे गांव में एक ऐसा पत्थर पाया जाता है जिसकी चर्चा अब विदेशों तक हो रही है। इस पत्थर में एक गुण तो ऐसा है जिसे जानकर हर कोई इस पत्थर को अपने घर में रखना चाहता है। चेतना मंच पर इस चमत्कारिक हाबुर पत्थर का अनोखा गुण, नीचे पढ़े।

Habur Stone

Habur Magical Stone

पत्थर भी और दही भी

यदि हम कहें कि राजस्थान के जैसलमेर में पाया जाने वाला पत्थर केवल पत्थर ही नहीं है बल्कि दही भी है तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे। लेकिन हैरान कर देने वाला सच है कि पत्थर का दूध से संपर्क होते ही दूध की दही जम जाती है। हबूर गांव के तमाम लोगों को दूध जमाने के लिए जामन की जरुरत नहीं पड़ती। वे हबूर पत्थर को दूध के साथ छुआ देते हैं। इस प्र​क्रिया से दूध जम जाता है और दही बन जाती है। हबूर पत्थर के इस अनोखे गुण के कारण हर कोई इस पत्थर को अपने घर में रखना चाहता है।

इस पत्थर के दूध जमाने वाले गुण को लेकर अनेक प्रकार की रिसर्च हो चुकी है। विदेशों तक के वैज्ञानिक हबूर गांव में आकर इस पत्थर पर रिसर्च कर चुके हैं। हबूर गांव के लोग बताते हैं कि पत्थर को दूध में डालने के 14 घंटे के बाद दूध बेहतरीन दही में बदल जाता है। हबूर गांव के लोग इस पत्थर को चमत्कारिक पत्थर कहते हैं। और बताते हैं कि इस गांव के पत्थर को भगवान ने यह आशीर्वाद दे रखा है कि उससे दूध जम जाएगा। उधर, इस पत्थर की जांच परख करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पत्थर में बायोकेमिकल अमीनो एसिड फिनाइल एलिनिया तथा रिफ्टोफेन मौजूद है। जिसके कारण दूध दही में बदल जाता है।

कहां है हाबुर ?

आपको बता दें कि राजस्थान के जैसलमेर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी क्षेत्र में एक छोटा सा गांव है इस गांव का नाम है हबूर। हबूर गांव में ही यह हबूर पत्थर पाया जाता है। इस पत्थर को स्वर्णगिरी भी कहा जाता है। स्वर्णगिरी पत्थर से बहुत ही आकर्षक व सुंदर बर्तन भी बनाए जाते हैं। इन बर्तनों का दुनियाभर में क्रेज बढ़ रहा है। हबूर पत्थर को लेकर जैसलमेर क्षेत्र में जितनी मुंह उतनी बात वाली कहावत ​चरिता​र्थ है।

Habur Stone

Habur Stone

इस पत्थर को लेकर यहां के लोग अलग-अलग कहानियां सुनाते हुए पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मत है कि अब से हजारों साल पहले इस क्षेत्र में समुंद्र फैला हुआ था। धीरे धीरे समुंद्र के सूख जाने के कारण समुद्र में मौजूद समुद्री ​जीव जीवाष्म में बदल गए। उन्हीं जीवाष्मों से यहां पर पहाड़ों का निर्माण हुआ। यही कारण है कि यहां के पहाड़ों में अनेक प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।

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