Thursday, 18 April 2024

New Body Part : वैज्ञानिकों ने खोज ​निकाला इंसानी शरीर का नया अंग

New Body Part : अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वैज्ञानिकों ने इंसानी शरीर के एक नए अंग की खोज…

New Body Part : वैज्ञानिकों ने खोज ​निकाला इंसानी शरीर का नया अंग

New Body Part : अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वैज्ञानिकों ने इंसानी शरीर के एक नए अंग की खोज की है। मानव शरीर के इस नए अंग को रेस्पिरेटरी एयरवे सेक्रेटरी नाम दिया गया है। मानव शरीर का यह अंग मानव शरीर के खून के भीतर आक्सीजन और कार्बन डाइआक्साइड का आदान प्रदान करते हैं। इनका मुख्य काम है श्वसन प्रणाली को दुरुस्त रखना भी है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसकी मदद से वो धूम्रपान संबंधी बीमारियों से लोगों को बचा पाएंगे अथवा ठीक कर पाएंगे।

New Body Part

ट्वीटर हैंडल ScienceAlert पर दी गई जानकारी के अनुसार अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के वैज्ञानिकों ने शरीर के इस नए अंग को बेहद रोचक नाम दिया है। इसका नाम है रेस्पिरेटरी एयरवे सेक्रेटरी (Respiratory Airway Secretory – RAS)। यह फेफड़ों के अंदर अंदर मौजूद नसों की शाखा ब्रॉन्किओल्स में मौजूद रहते हैं। इनका संबंध एल्वियोली के साथ भी रहता है। ये वहीं अंग है जो खून के अंदर ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करते हैं।

ये कोशिकाएं किसी स्टेम सेल्स की तरह होती हैं। इन्हें ब्लैंक कैनवास कोशिकाएं कहते हैं, क्योंकि ये शरीर के अंदर किसी भी के नए अंग या कोशिकाओं की पहचान करते हैं। ये क्षतिग्रस्त एल्वियोली को सुधारती हैं। नए एल्वियोली कोशिकाओं का निर्माण करती है। ताकि खून में गैसों का बहाव सही बना रहे।

वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पााय कि कि यह कोशिकाएं फेफड़ों पर निर्भर रहने से फ्रस्टेट होने लगती हैं, क्योंकि उनका पूरा काम फेफड़ों से संबंधित प्रणालियों से ही चलता है। लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता। असल में इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक स्वस्थ इंसान के फेफड़ों का टिश्यू यानी ऊतक लिया। इसके बाद हर कोशिका के अंदर मौजूद जीन्स का विश्लेषण किया, तब इन कोशिकाओं का पता चला।

यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर एडवर्ड मॉरिसे के अनुसार यह बात तो पहले से पता थी कि इंसानी फेफड़ों की शाखाएं यानी हवाओं के आने-जाने का मार्ग चूहों के फेफड़ों से अलग होते हैं। नई तकनीकों के विकसित होने से हमें यह फायदा हुआ कि हम इस नई कोशिका को खोज पाए और उसके सैंपल की जांच कर पाए।

फोटो साभार : यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया

Related Post