सुबह उठते ही भूलकर भी न देखें ये चीजें, वरना पूरा दिन होता है खराब

GNRc80R4 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 DEC 2021 00:57 AM
bookmark

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार सुबह के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें सुबह के समय किन चीजों का देखना वर्जित है।

1. सुबह उठने के बाद आपको पहले शीशा नहीं देखना चाहिए। क्योंकि आईने को देखकर आप रात भर की नेगेटिव एनर्जी को खुद खींच लेते हैं और नेगेटिव एनर्जी आपके विचारों में दिन भर बनी रहती है। जिससे आपका मन किसी काम में नहीं लगता।

2. रात को सोने से पहले अपने घर के सभी गंदे बर्तनों को साफ करके सोएं। क्योंकि सुबह के समय गंदे बर्तन देखने से आपको अशुभ संदेश मिल सकता है और आपका पूरा दिन तनाव में बीत सकता है। इसलिए हो सके तो रात के समय बर्तन साफ ​​करके ही सोएं।

3. सुबह उठकर अपनी या किसी और की परछाईं को न देखें। अगर आप सुबह उठने के बाद परछाई को देखते हैं, तो इसका असर आपके पूरे दिन पर पड़ता है और आप दिन भर तनाव, डर, गुस्सा महसूस करते हैं। इसलिए कभी भी बिस्तर से उतरने के बाद परछाई न देखें।

4. वास्तु शास्त्र के अनुसार सुबह के समय बंद घड़ी को नहीं देखना चाहिए। इसके अलावा सुबह के समय सुई- धागे नहीं देखने चाहिए। ये चीजें अशुभ मानी जाती हैं। सुबह उठकर इन्हें देखने से आपका पूरा दिन खराब हो सकता है।

5. सुबह सबसे पहले अपनी हथेली को देखना अच्छा होता है और गायत्री मंत्र या किसी अन्य मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इसी तरह बिस्तर से उठने के बाद सकारात्मक चीजें जैसे भगवान का फोटो, मोर की आंखें, फूल आदि दिखाई देते हैं तो आपका दिन अच्छा जाता है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

अगली खबर पढ़ें

इस मंदिर में दूध चढ़ाते ही हो जाता है नीला, जानिए रहस्य...

locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 DEC 2021 00:47 AM
bookmark

भारतवर्ष (India) में मंदिरों का इतिहास काफी पुराना है। कई ऐसे मंदिर (Temple) हैं जहां की कुछ रहस्यमयी घटना लोगों को हैरत में डाल देती है। दक्षिण भारत के एक मंदिर में जब कोई भक्त दूध चढ़ाता है तो दूध चढ़ने के तुरंत बाद नीला पड़ जाता है। यह मंदिर नवग्रह में केतु देव (Ketu Temple) को समर्पित है। जानिए क्या है इसका रहस्य…

यह मंदिर केरल में कावेरी नदी के किनारे है। कीजापेरुमपल्लम गांव में स्थित इस मंदिर को नागनाथस्वामी या केति स्थल के नाम से जानते हैं। इस मंदिर के मुख्य देव भगवान शिव हैं। हालांकि इसके अलावा राहु और केतु की भी प्रतिमा स्थपित है। इस मंदिर में राहु देव को दूध चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि केतु दोष से पीड़ित लोग जब राहु देव को दूध चढ़ाते हैं तो वह नीला हो जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए केतु ने इसी मंदिर में शिव को प्रसन्न करने के लिए आराधना शुरू की। कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन केतु को भगवान शिव ने दर्शन दिए। साथ ही केतु को श्राप से मुक्त भी किया। केतु को सांपों का देवता भी कहते हैं क्योंकि उसकी सिर इंसान का और धड़ सांप का होता है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह बताया गया है। नौ ग्रहों में राहु और केतु को भी रखा गया है। इसके अलावा नौ ग्रहों में बृहस्पति, शनि, शुक्र, चंद्रमा, बुध, मंगल और सूर्य शामिल हैं। इस ग्रहों का अपना अलग-अलग स्वभाव है। जिसके आधार पर ये जातक पर प्रभाव छोड़ते हैं।

अगली खबर पढ़ें

इस मंदिर में दूध चढ़ाते ही हो जाता है नीला, जानिए रहस्य...

locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 DEC 2021 00:47 AM
bookmark

भारतवर्ष (India) में मंदिरों का इतिहास काफी पुराना है। कई ऐसे मंदिर (Temple) हैं जहां की कुछ रहस्यमयी घटना लोगों को हैरत में डाल देती है। दक्षिण भारत के एक मंदिर में जब कोई भक्त दूध चढ़ाता है तो दूध चढ़ने के तुरंत बाद नीला पड़ जाता है। यह मंदिर नवग्रह में केतु देव (Ketu Temple) को समर्पित है। जानिए क्या है इसका रहस्य…

यह मंदिर केरल में कावेरी नदी के किनारे है। कीजापेरुमपल्लम गांव में स्थित इस मंदिर को नागनाथस्वामी या केति स्थल के नाम से जानते हैं। इस मंदिर के मुख्य देव भगवान शिव हैं। हालांकि इसके अलावा राहु और केतु की भी प्रतिमा स्थपित है। इस मंदिर में राहु देव को दूध चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि केतु दोष से पीड़ित लोग जब राहु देव को दूध चढ़ाते हैं तो वह नीला हो जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए केतु ने इसी मंदिर में शिव को प्रसन्न करने के लिए आराधना शुरू की। कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन केतु को भगवान शिव ने दर्शन दिए। साथ ही केतु को श्राप से मुक्त भी किया। केतु को सांपों का देवता भी कहते हैं क्योंकि उसकी सिर इंसान का और धड़ सांप का होता है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह बताया गया है। नौ ग्रहों में राहु और केतु को भी रखा गया है। इसके अलावा नौ ग्रहों में बृहस्पति, शनि, शुक्र, चंद्रमा, बुध, मंगल और सूर्य शामिल हैं। इस ग्रहों का अपना अलग-अलग स्वभाव है। जिसके आधार पर ये जातक पर प्रभाव छोड़ते हैं।