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धर्म -कब है अनंत चतुर्दशी, जानिए महत्व, शुभ मुहूर्त तथा पूजन की विधि

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाने की मान्यताएं हैं। वैसे इसे बहुत लोग अनंत चौदस के नाम से भी जानते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा अर्चना की जाती है।

अनंत चौदस के दिन ही गणेश उत्सव का भी समापन किया जाता है और साथ ही साथ लोग गणेश प्रतिमा का आज ही विसर्जन भी करते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का एक विशेष ही महत्व माना जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर 2021, रविवार के दिन है।

इस दिन लोग भगवान विष्णु का व्रत करते हैं, साथ में उनकी पूजा-अर्चना भी करते हैं। इसमें हाथों पर दीर्घायु और बाधाओं से दूर करने के लिए एक अनंत सूत्र बांधा जाता है।

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानने के लिए आगे पढ़ें –

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर 2021 को प्रातः 6:07 से 20 सितंबर 2021 की सुबह को 5:28 तक अनंत चतुर्दशी बनी रहेगी। जिसके बाद पूर्णिमा का मुहूर्त लग जाएगा। अगर हम बात करें पूजा मुहूर्त की तो बता दें कि अभिजीत मुहूर्त – प्रातः 11:56 से लेकर दोपहर 12:44 तक रहेगा। वही जो अमृत काल की बात करें तो शाम 8:14 बजे से लेकर शाम 9:50 तक अमृत काल का मुहूर्त रहेगा और ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:42 से लेकर सुबह 5:30 तक रहेगा

अगर हम बात करें पूजन विधि की तो अनंत चौदस के दिन रहता है स्नान करके पूजा स्थल पर बैठ जाएं। बाद में एक कलश की स्थापना करें। आप इस कलश पर एक धातु का पात्र रखें साथ ही कुछ से भगवान अनंत की स्थापना करें। वैसे तो भगवान विष्णु के शेषनाग को अनंत कहते हैं। बता दें कि आज ही के दिन उनकी पूजा होती है।

आगे अनंत भगवान को सूत या फिर रेशम का धागा हो उसे हल्दी या फिर केसर से रंग लगाकर उसमें 14 गांठ लगानी चाहिए। इस अनंत सूत्र को भगवान को चढ़ाना चाहिए और साथ ही पंचोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। बाद में अनंत चौदस की व्रत कथा तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इससे हमें काफी लाभदायक फल मिलता है। पूजा करने के बाद दीर्घायु या फिर समस्त क्षेत्र कष्टों को दूर करने के लिए अनंत सूत्र को अपने हाथ में बांध ले। इस दिन अगर आप भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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