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Ganesh chaturthi : गणपति स्थापना से पहले जानिए उनकी सूंड में छुपे ये रहस्य

गणेश चतुर्थी का पर्व आने वाला है। दस सितंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। गणेशजी ज्ञान और बुद्धि के देवता माने जाते हैं, साथ ही सभी भगवानों में सबसे पहले पूजा भी की जाती है। गणेशजी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए जब आर घर में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करते हैं तो क्या इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी सूंड किस तरफ होनी चाहिए। मूर्ति या तस्वीरों में सीधी सूंड वाले गणेशजी को दुर्लभ माना जाता है, एक तरफ सूंड के मुड़ी होने के चलते ही उन्हें वक्रतुण्ड भी कहा जाता है। आपको बता दें गणेशजी की दाई सूंड में सूर्य का प्रभाव और बाई में चंद्रमा का प्रभाव माना जाता है।

दाईं ओर घूमी हुई सूंड
गणेशजी की सूंड अगर दाईं तरह घूमी हो तो हठी होते हैं, इस तरह की मूर्ति और तस्वीरें ज्यादातर ऑफिस और घर में नहीं रखते। कई धार्मिक रीतियों का पालन इन्हें स्थापित करने के दौरान ध्यान में रखना होता है। आपको बता दें जिस गणेशजी की सूंड दाईं तरफ घूमी हो उन्हें सिद्धिविनायक कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सफल हो जाता है और शुभ फल मिलता है।

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बाईं ओर घूमी सूंड
गणेशजी की ऐसी प्रतिमा जिसमें वो सिंहासन पर बैठे रहते हैं और सूंड बाई तरह मुड़ी होती है, उसे पूजा घर में रखनी चाहिए। इस प्रतिमा की पूजा से घर में समृद्धि और सुख-शांति आ जाती है। बाईं तरफ जिस गणेशजी की सूंड घूमी होती है, उन्हें विघ्नविनाशक कहा जाता है। ऐसी प्रतिमा को घर के मुख्य द्वार पर लगानना चाहिए, इससे घर में किसी भी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं कर पाती है, और वास्तु दोष का भी नाश हो जाता है।

सीधी सूंड वाले गणेशजी
संत समाज के लोग गणेशजी की सीधी सूंड वाली मूर्ति रख आराधना करते हैं, इनकी आराधना रिद्धि-सिद्धि, कुण्डलिनी जागरण,मोक्ष, समाधि आदि के उत्तम बताई जाती है।

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