बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर जीरो अथवा हीरो


बिहार चुनाव के मौसम में बार-बार एक ही बात दोहराई जा रही है “बिहार में 18 फीसदी मुसलमान हैं। हर पार्टी और हर बहस में यही आंकड़ा गूंजता है। सवाल उठता है कि जब राज्य की इतनी बड़ी आबादी मुस्लिम समुदाय की है, तो उन्हें टिकटों में और सत्ता की हिस्सेदारी में बराबर की जगह क्यों नहीं मिलती? क्या महागठबंधन को एक मुस्लिम डिप्टी सीएम घोषित करना चाहिए था? पर सच ये है कि ये 18 फीसदी आंकड़ा जितना बड़ा दिखता है, उतना सीधा नहीं है। असलियत कहीं ज़्यादा पेचीदा और राजनीतिक तौर पर दिलचस्प है। Bihar Elections 2025
सबसे पहले समझिए बिहार में जीत और हार के बीच का फासला अक्सर बहुत मामूली होता है। ऐसे में अगर 18 फीसदी वोट किसी एक दिशा में जाएं, तो नतीजा बदल सकता है। लेकिन सवाल यही है क्या ये 18 फीसदी वोट कभी एक साथ पड़ते हैं? बिहार में कुल 38 ज़िले हैं, जिन्हें 9 प्रमंडलों में बांटा गया है। राज्य के बीच से गंगा बहती है उसके उत्तर में 5 प्रमंडल और दक्षिण में 4 प्रमंडल आते हैं। अब बात करते हैं उस हिस्से की, जिसे कहा जाता है सीमांचल यानी पूर्णिया प्रमंडल, जो बंगाल सीमा से सटा है। इस प्रमंडल के चार ज़िले हैं अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार। Bihar Elections 2025
किशनगंज: 68% मुस्लिम आबादी
कटिहार: 44%
अररिया: 43%
पूर्णिया: 38%
यानी इन चार जिलों में मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। अब ज़रा सोचिए — अगर सिर्फ़ इन चार जिलों में इतनी ज़्यादा मुस्लिम आबादी है, तो पूरे बिहार में औसत 18% कैसे बनता है? जवाब साफ़ है बाकी ज़िलों में मुस्लिम आबादी काफी कम है। Bihar Elections 2025
अगर गंगा के उत्तर की तरफ चलें तो तिरहुत प्रमंडल आता है, जिसमें दरभंगा, सीतामढ़ी, पश्चिम और पूर्वी चंपारण जैसे ज़िले हैं — इन चारों में मुस्लिम आबादी 19% से 22% के बीच है। सीमांचल के 4 और तिरहुत के 4 यानी कुल 8 ज़िले ऐसे हैं जहां मुस्लिम आबादी प्रभावी है। इनके अलावा सीवान, मधुबनी, सुपौल और भागलपुर इन 4 ज़िलों में भी मुस्लिम आबादी 18% के करीब है। कुल मिलाकर 12 ज़िले ऐसे हैं जो औसत को ऊपर खींचते हैं। बाकी 26 ज़िलों में मुस्लिम जनसंख्या 10% या उससे भी कम है।लखीसराय में तो महज़ 4%, शेखपुरा और बक्सर में 6%, जबकि नालंदा, भोजपुर, जहानाबाद में करीब 7% ही मुसलमान हैं। Bihar Elections 2025


