Bihar Elections 2025 : सम्राट चौधरी के राजनीतिक संघर्ष ने बिहार भाजपा में बवंडर मचा


बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (JDU) उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह ने जीत का दावा करते हुए राजद उम्मीदवार पर सीधा हमला किया है। उन्होंने कहा कि जनता का साथ उनकी सबसे बड़ी ताकत है और इस बार भी मोकामा विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराएंगे। इस सीट पर अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी आमने-सामने हैं। अनंत सिंह ने कहा, “सूरजभान सिंह को जितने बड़े नेता के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन मैं पिछले 20-25 साल से चुनाव लड़ रहा हूँ। वे हर बार हार चुके हैं और इस बार भी हारेंगे।” उन्होंने साफ किया कि उन्हें न तो बाहुबल का डर है और न ही चुनाव में हिंसा की आशंका। Bihar Election
राजद और कांग्रेस के बीच टिकट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान पर तंज कसते हुए अनंत सिंह ने कहा, “सात जगहों पर ये दोनों पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार उतार रही हैं। इनकी साझेदारी अब टूटी हुई है।” उन्होंने सिवान में मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को राजद से टिकट मिलने पर भी निशाना साधा और कहा, “इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं, जब वहां कुछ है ही नहीं।” उन्होंने राजद पर जंगलराज लाने का आरोप लगाते हुए कहा, “वे चाहते हैं कि जंगलराज आए, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा।
अनंत सिंह ने जनता के साथ अपने गहरे संबंध को अपनी सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा, “हम हमेशा जनता के बीच रहते हैं। यही वजह है कि लोग हमें इतना प्यार देते हैं। नीतीश कुमार पहले मुझे मंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन मैंने कहा कि मुझे वही चाहिए जो जनता ने मुझे दिया है। अब जनता कहेगी कि मुझे मंत्री बनना चाहिए, तो मैं बनूंगा। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश साहनी को लेकर उन्होंने कहा, “उन्हें हमारी पार्टी में आ जाना चाहिए। हमारी पार्टी सभी को सम्मान देती है और हम उनका स्वागत करेंगे।
राजद नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए अनंत सिंह ने कहा, “अगर लालू यादव आज नहीं होते तो तेजस्वी की कोई पहचान नहीं होती। उनकी कोई अलग खूबी नहीं, बस लालू के बेटे होने की वजह से लोग उन्हें जानते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए अनंत सिंह ने कहा, “पीएम मोदी एक अच्छे इंसान हैं और बिहार के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पहले के मुकाबले बिहार काफी बदल चुका है। सड़कें, पुल और आधारभूत संरचना में सुधार हुआ है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है। Bihar Election



बिहार विधानसभा चुनाव इस बार राजनीतिक परिवारों और रिश्तों की ताकत को पूरी तरह उजागर कर रहे हैं। इसी क्रम में यादव परिवार का एक दंपति भी अपनी किस्मत आजमा रही है। कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव दोनों ही इस बार अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में हैं। नवादा से कौशल यादव और गोविंदपुर से पूर्णिमा यादव को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने टिकट दिया है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों इस साल जुलाई में जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए थे। राजनीतिक हलकों में इसे एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि पति-पत्नी दोनों ही चार-चार बार विधायक रह चुके हैं और दोनों के नाम पर क्षेत्र में मजबूत आधार है। Bihar Elections 2025
गोविंदपुर सीट से आरजेडी ने मौजूदा विधायक मोहम्मद कामरान का टिकट काटकर पूर्णिमा यादव को उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि पूर्णिमा यादव चार बार विधायक रह चुकी हैं, जिसमें एक बार गोविंदपुर और तीन बार नवादा से जीत दर्ज की। वहीं कौशल यादव ने भी चार बार विधायक के रूप में चुनावी जीत हासिल की है। कौशल परिवार का गोविंदपुर क्षेत्र में लंबा राजनीतिक वर्चस्व रहा है। शुरुआत युगल किशोर प्रसाद यादव से हुई, जिन्हें पहली बार चुनाव में सफलता मिली। उनके निधन के बाद, कौशल की मां गायत्री देवी ने पांच बार गोविंदपुर का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अब कौशल और पूर्णिमा यादव के जीतने का सिलसिला जारी है।
गोविंदपुर में पहला विधानसभा चुनाव 1967 में हुआ, जिसमें कांग्रेस के अमृत प्रसाद ने जीत दर्ज की। 1969 में युगल किशोर प्रसाद यादव ने कांग्रेस के ही अमृत प्रसाद को मात्र 744 वोटों के अंतर से मात दी। इसके बाद राजनीतिक परिदृश्य में कई उतार-चढ़ाव आए। 1980, 1985 और 1990 में गायत्री देवी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। 2000 में आरजेडी से उन्होंने फिर से गोविंदपुर में विजय पाई। 2005 में कौशल यादव निर्दलीय और उनकी मां आमने-सामने थीं, जिसमें कौशल यादव विजयी रहे। इसके बाद 2010 में जेडीयू और 2015 में कांग्रेस के माध्यम से पूर्णिमा यादव की जीत हुई, जबकि 2020 में आरजेडी के मोहम्मद कामरान ने जीत हासिल की। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक परिवारों, जातिगत समीकरण और पारिवारिक बंधनों का खेल और गहरा दिख रहा है। पति-पत्नी की यह जोड़ी इसका जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है। Bihar Elections 2025
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार राजनीतिक परिवारों और रिश्तों की ताकत को पूरी तरह उजागर कर रहे हैं। इसी क्रम में यादव परिवार का एक दंपति भी अपनी किस्मत आजमा रही है। कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव दोनों ही इस बार अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में हैं। नवादा से कौशल यादव और गोविंदपुर से पूर्णिमा यादव को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने टिकट दिया है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों इस साल जुलाई में जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए थे। राजनीतिक हलकों में इसे एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि पति-पत्नी दोनों ही चार-चार बार विधायक रह चुके हैं और दोनों के नाम पर क्षेत्र में मजबूत आधार है। Bihar Elections 2025
गोविंदपुर सीट से आरजेडी ने मौजूदा विधायक मोहम्मद कामरान का टिकट काटकर पूर्णिमा यादव को उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि पूर्णिमा यादव चार बार विधायक रह चुकी हैं, जिसमें एक बार गोविंदपुर और तीन बार नवादा से जीत दर्ज की। वहीं कौशल यादव ने भी चार बार विधायक के रूप में चुनावी जीत हासिल की है। कौशल परिवार का गोविंदपुर क्षेत्र में लंबा राजनीतिक वर्चस्व रहा है। शुरुआत युगल किशोर प्रसाद यादव से हुई, जिन्हें पहली बार चुनाव में सफलता मिली। उनके निधन के बाद, कौशल की मां गायत्री देवी ने पांच बार गोविंदपुर का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अब कौशल और पूर्णिमा यादव के जीतने का सिलसिला जारी है।
गोविंदपुर में पहला विधानसभा चुनाव 1967 में हुआ, जिसमें कांग्रेस के अमृत प्रसाद ने जीत दर्ज की। 1969 में युगल किशोर प्रसाद यादव ने कांग्रेस के ही अमृत प्रसाद को मात्र 744 वोटों के अंतर से मात दी। इसके बाद राजनीतिक परिदृश्य में कई उतार-चढ़ाव आए। 1980, 1985 और 1990 में गायत्री देवी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। 2000 में आरजेडी से उन्होंने फिर से गोविंदपुर में विजय पाई। 2005 में कौशल यादव निर्दलीय और उनकी मां आमने-सामने थीं, जिसमें कौशल यादव विजयी रहे। इसके बाद 2010 में जेडीयू और 2015 में कांग्रेस के माध्यम से पूर्णिमा यादव की जीत हुई, जबकि 2020 में आरजेडी के मोहम्मद कामरान ने जीत हासिल की। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक परिवारों, जातिगत समीकरण और पारिवारिक बंधनों का खेल और गहरा दिख रहा है। पति-पत्नी की यह जोड़ी इसका जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है। Bihar Elections 2025