मुजफ्फरपुर में मोदी ने किया विपक्ष पर हमला

मुजफ्फरपुर में मोदी ने किया विपक्ष पर हमला
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 OCT 2025 07:18 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी RJD और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन दलों की पहचान पांच चीजों से होती है – कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन, जिन्हें वे बिहार के "जंगलराज" के रूप में परिभाषित कर रहे हैं। Bihar Election 2025

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने छठ महापर्व को लेकर रखा अपना स्पष्ट रुख

मोदी ने कहा कि जब कट्टा और क्रूरता का राज हो, तो वहां कानून का शासन खत्म हो जाता है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जहां कटुता फैलाने वाली ताकतें होती हैं, वहां समाज में सद्भाव बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जहां RJD और कांग्रेस का कुशासन हो, वहां विकास की कोई संभावना नहीं होती और करप्शन के चलते समाज में सामाजिक न्याय की संभावना खत्म हो जाती है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "ऐसे लोग कभी भी बिहार का भला नहीं कर सकते।" मोदी का यह बयान बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां राजनीतिक दलों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

यह भी पढ़ें : तेजस्वी का बड़ा दांव! विरोधियों के साथ – साथ अपनों को भी दी सख्त चेतावनी

प्रधानमंत्री के बयान से संबंधित मुख्य बिंदु :

  1.  कट्टा - राज्य में असुरक्षा और हिंसा की स्थिति।
  2.  क्रूरता - जनविरोधी नीतियां और जनता के साथ बेरुखी।
  3.  कटुता - समाज में नफरत और बंटवारे की भावना फैलाना।
  4.  कुशासन - प्रशासनिक व्यवस्था और सार्वजनिक सेवा में विफलता।
  5. करप्शन - घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण विकास की धीमी गति।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर  (Muzaffarpur) में कांग्रेस और आरजेडी पर तगड़ा हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की जनता से जुड़ी कई अहम बातें साझा की, साथ ही विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस और आरजेडी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जनसभा की शुरुआत भारत माता के जयकारे से की और बिहार के लोगों को अपने कर्जदार के रूप में संबोधित किया।

 छठ महापर्व पर पीएम मोदी की भावुक बाते

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों की शुरुआत बिहार की सांस्कृतिक धरोहर से की। उन्होंने कहा, "छठ महापर्व बिहार और देश का गौरव है। यह पर्व न केवल बिहार में, बल्कि दुनिया भर में मनाया जाता है। हम छठ के गीत सुनते हैं, तो भाव विभोर हो जाते हैं।" उन्होंने कहा कि छठ पूजा में "मां की भक्ति, क्षमता, ममता और सामाजिक समरसता" की झलक मिलती है, जो भारत की साझा विरासत का हिस्सा है। पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार का विश्वास है कि छठ महापर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाए, ताकि यह बिहार के लोगों और पूरे देश के लिए गर्व का कारण बने।

कांग्रेस और आरजेडी की नीति को किया नकारा

प्रधानमंत्री मोदी ने महागठबंधन के भीतर की अनबन पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "यह लोग बाहर से एक दिखते हैं, लेकिन अंदर लड़ाई मची हुई है। इनका साथ होना तेल और पानी जैसा है। ये रहते तो ग्लास में हैं, लेकिन साथ नहीं होते।" पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस चुनाव में महागठबंधन की सबसे बड़ी हार होने जा रही है और एनडीए की सबसे बड़ी जीत होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार के चुनाव में नया इतिहास लिखा जाएगा।

राहुल गांधी और आरजेडी पर निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, "मैं दुनिया में छठी मैया को सम्मान दिलाने में लगा हुआ हूं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और आरजेडी के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। क्या कोई वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान कर सकता है?" पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा अपमान बिहार और हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा और ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए।

बिहार की पहचान लीची और बोली की तारीफ

मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की भी सराहना की। उन्होंने मुजफ्फरपुर की लीची को उसकी मिठास और लोगों की बोली की मीठास से जोड़ते हुए कहा, "आपकी लीची जितनी मीठी, उतनी ही आपकी बोली भी है।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "विकसित भारत के लिए बिहार का विकसित होना जरूरी है।" उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों ने बिहार में सिर्फ विश्वासघात किया है और यहां के विकास में कभी भी योगदान नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा, "आरजेडी और कांग्रेस वालों की पहचान कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन से है। ये जंगल राज की पहचान हैं।" बिहार के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत समृद्ध था, तो बिहार का योगदान सबसे अहम था, और आज भी देश के समृद्धि के लिए बिहार का विकसित होना जरूरी है।

कांग्रेस और आरजेडी की नीयत पर सवाल

पीएम मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, "इन लोगों को आपके सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है। चुनाव प्रचार में भी इनकी सोच का प्रतिबिंब दिखता है। इनके प्रचार में छर्रा, कट्टा, दुनाली जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।"

नए बिहार के लिए NDA का संकल्प

पीएम मोदी ने इस मौके पर मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की विशाल जनसभा का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह जनसागर साफ संकेत दे रहा है कि बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बनेगी। उन्होंने बिहार के लोगों को आश्वस्त किया कि उनका विकास भाजपा और NDA की सर्वोत्तम प्राथमिकता है।
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मुजफ्फरपुर में मोदी ने किया विपक्ष पर हमला

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बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी RJD और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि इन दलों की पहचान पांच चीजों से होती है – कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन, जिन्हें वे बिहार के "जंगलराज" के रूप में परिभाषित कर रहे हैं। Bihar Election 2025

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मोदी ने कहा कि जब कट्टा और क्रूरता का राज हो, तो वहां कानून का शासन खत्म हो जाता है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जहां कटुता फैलाने वाली ताकतें होती हैं, वहां समाज में सद्भाव बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जहां RJD और कांग्रेस का कुशासन हो, वहां विकास की कोई संभावना नहीं होती और करप्शन के चलते समाज में सामाजिक न्याय की संभावना खत्म हो जाती है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "ऐसे लोग कभी भी बिहार का भला नहीं कर सकते।" मोदी का यह बयान बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां राजनीतिक दलों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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प्रधानमंत्री के बयान से संबंधित मुख्य बिंदु :

  1.  कट्टा - राज्य में असुरक्षा और हिंसा की स्थिति।
  2.  क्रूरता - जनविरोधी नीतियां और जनता के साथ बेरुखी।
  3.  कटुता - समाज में नफरत और बंटवारे की भावना फैलाना।
  4.  कुशासन - प्रशासनिक व्यवस्था और सार्वजनिक सेवा में विफलता।
  5. करप्शन - घोटाले और भ्रष्टाचार के कारण विकास की धीमी गति।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर  (Muzaffarpur) में कांग्रेस और आरजेडी पर तगड़ा हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की जनता से जुड़ी कई अहम बातें साझा की, साथ ही विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस और आरजेडी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जनसभा की शुरुआत भारत माता के जयकारे से की और बिहार के लोगों को अपने कर्जदार के रूप में संबोधित किया।

 छठ महापर्व पर पीएम मोदी की भावुक बाते

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों की शुरुआत बिहार की सांस्कृतिक धरोहर से की। उन्होंने कहा, "छठ महापर्व बिहार और देश का गौरव है। यह पर्व न केवल बिहार में, बल्कि दुनिया भर में मनाया जाता है। हम छठ के गीत सुनते हैं, तो भाव विभोर हो जाते हैं।" उन्होंने कहा कि छठ पूजा में "मां की भक्ति, क्षमता, ममता और सामाजिक समरसता" की झलक मिलती है, जो भारत की साझा विरासत का हिस्सा है। पीएम मोदी ने बताया कि उनकी सरकार का विश्वास है कि छठ महापर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाए, ताकि यह बिहार के लोगों और पूरे देश के लिए गर्व का कारण बने।

कांग्रेस और आरजेडी की नीति को किया नकारा

प्रधानमंत्री मोदी ने महागठबंधन के भीतर की अनबन पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "यह लोग बाहर से एक दिखते हैं, लेकिन अंदर लड़ाई मची हुई है। इनका साथ होना तेल और पानी जैसा है। ये रहते तो ग्लास में हैं, लेकिन साथ नहीं होते।" पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस चुनाव में महागठबंधन की सबसे बड़ी हार होने जा रही है और एनडीए की सबसे बड़ी जीत होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार के चुनाव में नया इतिहास लिखा जाएगा।

राहुल गांधी और आरजेडी पर निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, "मैं दुनिया में छठी मैया को सम्मान दिलाने में लगा हुआ हूं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और आरजेडी के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। क्या कोई वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान कर सकता है?" पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा अपमान बिहार और हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा और ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए।

बिहार की पहचान लीची और बोली की तारीफ

मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की भी सराहना की। उन्होंने मुजफ्फरपुर की लीची को उसकी मिठास और लोगों की बोली की मीठास से जोड़ते हुए कहा, "आपकी लीची जितनी मीठी, उतनी ही आपकी बोली भी है।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "विकसित भारत के लिए बिहार का विकसित होना जरूरी है।" उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन दलों ने बिहार में सिर्फ विश्वासघात किया है और यहां के विकास में कभी भी योगदान नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा, "आरजेडी और कांग्रेस वालों की पहचान कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन से है। ये जंगल राज की पहचान हैं।" बिहार के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत समृद्ध था, तो बिहार का योगदान सबसे अहम था, और आज भी देश के समृद्धि के लिए बिहार का विकसित होना जरूरी है।

कांग्रेस और आरजेडी की नीयत पर सवाल

पीएम मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, "इन लोगों को आपके सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है। चुनाव प्रचार में भी इनकी सोच का प्रतिबिंब दिखता है। इनके प्रचार में छर्रा, कट्टा, दुनाली जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।"

नए बिहार के लिए NDA का संकल्प

पीएम मोदी ने इस मौके पर मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की विशाल जनसभा का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह जनसागर साफ संकेत दे रहा है कि बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बनेगी। उन्होंने बिहार के लोगों को आश्वस्त किया कि उनका विकास भाजपा और NDA की सर्वोत्तम प्राथमिकता है।
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बिहार चुनाव में Gen Z का जलवा, युवा चेहरों ने संभाली सियासी कमान

बिहार चुनाव में Gen Z का जलवा, युवा चेहरों ने संभाली सियासी कमान
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 OCT 2025 07:01 AM
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बिहार की राजनीति में इस बार कुछ अलग दिख रहा है। जहां एक ओर पुराने खिलाड़ी अपनी आखिरी पारी खेलने की तैयारी में हैं, वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी Gen Z  लोकतंत्र की इस परीक्षा में अपना दमखम दिखाने को मैदान में उतर चुकी है। अनुभव और उम्र के बीच यह दिलचस्प मुकाबला अब बिहार के चुनावी संग्राम को और भी रोमांचक बना रहा है।  नेपाल की सीमा पार हाल ही में Gen Z युवाओं ने जिस तरह सत्ता का समीकरण पलट दिया, उसने बिहार के युवाओं में भी नया जोश भर दिया है।    Bihar Assembly Elections 2025

अब वही डिजिटल युग की यह पीढ़ी बिहार की गलियों में अपनी छाप छोड़ने को तैयार है। सवाल यह है कि क्या ये युवा चेहरे, तजुर्बे के मजबूत किले को चुनौती देने में कामयाब होंगे? राजनीतिक रूप से जागरूक इस राज्य की मिट्टी ने ही लोकतंत्र को जन्म दिया था। यहां हर चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं होता। कई दिग्गजों के लिए यह आख़िरी रण साबित हो सकता है, जबकि कई युवाओं के लिए यह सफर की पहली पारी है।    Bihar Assembly Elections 2025

बदलते दौर में राजनीति का नया चेहरा

बिहार की चुनावी तस्वीर में इस बार युवाओं की चमक साफ दिख रही है। बड़े राजनीतिक दलों ने भी समझ लिया है कि नई सियासत अब नई सोच मांगती है — इसलिए उन्होंने भरोसा जताया है उन चेहरों पर जो उम्र में छोटे हैं, लेकिन सपनों और संकल्प में बड़े। करीब 10 युवा उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में हैं, जिनकी उम्र 30 साल या उससे कम है। इनमें से कुछ तो Gen Z पीढ़ी से हैं वो पीढ़ी जो 1997 से 2012 के बीच जन्मी और जिसने डिजिटल युग की पहली धूप महसूस की।  Bihar Assembly Elections 2025

Gen Z को कहा जाता है “डिजिटल नेटिव्स” यानी वो युवा जो इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया में पले-बढ़े हैं। यही वो वर्ग है जो सुबह अख़बार से पहले न्यूज़ ऐप खोलता है, बहस टीवी से नहीं बल्कि ट्विटर पर करता है, और जनता से सीधा जुड़ाव सोशल मीडिया के ज़रिए रखता है। अब यही तकनीकी रूप से समझदार, तेज़ सोच वाली पीढ़ी बिहार की सियासत में कदम रख रही है। और भले ही चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल हो, लेकिन इस पीढ़ी की परिपक्वता और राजनीतिक समझ उम्र से कहीं आगे निकल चुकी है।    Bihar Assembly Elections 2025

मैथिली ठाकुर

बिहार की राजनीति में इस बार युवाओं का जलवा है, लेकिन उनमें भी सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोर रही हैं मैथिली ठाकुर  एक ऐसा नाम जो संगीत की दुनिया से निकलकर अब सियासत की पगडंडी पर कदम रख चुकी हैं। तकनीक और सोशल मीडिया के दौर में जब राजनीतिक दल युवा चेहरों की ताकत समझ चुके हैं, तब बीजेपी समेत कई दलों ने इस नई पीढ़ी पर बड़ा दांव लगाया है। आंकड़े बताते हैं कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में Gen Z पीढ़ी के चार उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि करीब 10 युवा प्रत्याशी ऐसे हैं जो 30 साल या उससे कम उम्र के हैं। इनमें महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय है चार में से तीन Gen Z उम्मीदवार महिलाएं हैं।

इनमें सबसे युवा और चर्चित चेहरा हैं मैथिली ठाकुर, जो महज़ 25 साल की उम्र में ही लाखों दिलों की धड़कन बन चुकी हैं। मैथिली न सिर्फ एक लोकप्रिय गायिका हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी उनकी अपार फैन फॉलोइंग है — इंस्टाग्राम पर 63 लाख और यूट्यूब पर 50 लाख से अधिक फॉलोअर्स। संगीत की दुनिया से निकली यह आवाज़ अब राजनीति की गूंज बनने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मैथिली ने बीजेपी का दामन थामा और दरभंगा जिले की अलीनगर सीट से चुनावी मैदान में उतरीं।

हालांकि, बीजेपी के भीतर कुछ स्थानीय नेताओं ने उनके टिकट को लेकर नाराजगी जताई, लेकिन मैथिली ने इसे अपने हौसले पर हावी नहीं होने दिया। वह पूरी ऊर्जा के साथ प्रचार में जुटी हैं, युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता साफ झलक रही है। अलीनगर सीट हालांकि नई है, लेकिन राजनीतिक रूप से यह बेहद दिलचस्प मानी जाती है। पिछली बार यहां से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मिश्री लाल यादव ने जीत दर्ज की थी, जबकि इस बार आरजेडी के बिनोद मिश्रा और जन सुराज के विप्लव चौधरी मैदान में हैं।

रवीना कुशवाहा

बिहार की सियासत इस बार कई अप्रत्याशित मोड़ों से भरी है। इन्हीं में से एक नाम है रवीना कुशवाहा, जो महज़ 27 साल की उम्र में राजनीति की पारी शुरू कर रही हैं। समस्तीपुर जिले की विभूतिनगर सीट से जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। रवीना भले ही नई हों, लेकिन राजनीति उनके घर की विरासत का हिस्सा है। उनके पति राम बालक कुशवाहा दो बार इसी सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार कानूनी उलझनों की वजह से मैदान में नहीं उतर पाए। लिहाज़ा अब उनकी जगह युवा पत्नी रवीना ने मोर्चा संभाल लिया है।

रवीना की कहानी सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि निजी जीवन के उतार-चढ़ाव से भी भरी है। उनके पति राम बालक कुशवाहा, जिनकी उम्र 53 साल है, उनसे 26 साल बड़े हैं। राम बालक की पहली पत्नी आशा रानी की कैंसर से मौत के बाद पिछले साल उन्होंने रवीना से दूसरी शादी की थी। दिलचस्प यह भी है कि रवीना की यह दूसरी शादी है। अब यह युवा नेत्री सिर्फ अपने पति की सियासी विरासत नहीं संभाल रही, बल्कि अपने दम पर मतदाताओं के बीच पहचान बनाने की कोशिश में हैं। विभूतिनगर में उनकी उम्मीदवारी ने चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है — क्योंकि अब यह सीट सिर्फ अनुभव बनाम युवा जोश की नहीं, बल्कि परंपरा बनाम नई शुरुआत की जंग बन चुकी है।

शिवानी शुक्ला

बिहार की सियासी फिज़ा में इस बार एक नया चेहरा चर्चा में है  28 साल की शिवानी शुक्ला, जो बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी हैं। लेकिन शिवानी खुद को पिता की छवि से अलग एक शिक्षित और जागरूक युवा चेहरा के रूप में पेश कर रही हैं। आरजेडी ने उन्हें वैशाली जिले की लालगंज सीट से उम्मीदवार बनाकर Gen Z की इस नई पीढ़ी को मंच दिया है। शिवानी ने कानून की पढ़ाई भारत और विदेश, दोनों जगह से की है। उन्होंने बेंगलुरु की एलायंस यूनिवर्सिटी से BA-LLB और फिर लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से LLM की डिग्री हासिल की।

यानी उनके पास न सिर्फ सियासी विरासत है, बल्कि कानून की गहरी समझ भी। यह उनकी पहली राजनीतिक पारी है, और दिलचस्प बात यह है कि वे जिनसे मुकाबला कर रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने शुरुआत में अपना प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की थी, मगर बाद में गठबंधन के फार्मूले के तहत उम्मीदवार वापस ले लिया गया।

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दीपू सिंह

बिहार के भोजपुर ज़िले की संदेश विधानसभा सीट इस बार एक युवा चेहरे की वजह से चर्चा में है 28 वर्षीय दीपू सिंह। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस युवा उम्मीदवार पर भरोसा जताया है, जो राजनीति में नए हैं लेकिन सियासत उनके खून में है। दीपू सिंह एक मजबूत राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता अरुण यादव दो बार विधायक रह चुके हैं, जबकि मां किरण देवी वर्तमान में इसी सीट से जनप्रतिनिधि हैं। इससे पहले उनके ताऊ वीरेंद्र यादव भी दो बार विधानसभा पहुँच चुके हैं। यानी इस परिवार का संदेश सीट से तीन पीढ़ियों का राजनीतिक रिश्ता जुड़ा हुआ है।

हालांकि दीपू के लिए यह चुनावी मैदान भले नया हो, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि और परिवार की पकड़ देखकर कहा जा सकता है कि उनके लिए यह सफर किसी 'टफ बैटल' से ज्यादा ‘विरासत की अगली कड़ी’ साबित हो सकता है। दिलचस्प यह भी है कि अविवाहित दीपू सिंह अपनी सादगी और युवाओं से जुड़ाव को अपनी सबसे बड़ी ताकत बना रहे हैं।

क्या नया दौर लाएगी Gen Z?

बिहार की सियासी धरती पर इस बार युवाओं का जोश अपने चरम पर है। जहां कुछ चेहरे पूरी तरह Gen Z पीढ़ी से हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इस पीढ़ी के बिलकुल करीब खड़े हैं । इनमें तीन नाम सबसे आगे हैं — रविरंजन, धनंजय कुमार और रूपा कुमारी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने नालंदा की अस्थावां सीट से रविरंजन पर भरोसा जताया है, जबकि गोपालगंज की भोरे सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने धनंजय कुमार को मैदान में उतारा है। वहीं राजधानी पटना की फतुहा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने रूपा कुमारी को टिकट दिया है। तीनों ही युवा उम्मीदवार अपनी सोच, स्टाइल और चुनावी अभियान में नई राजनीति की झलक पेश कर रहे हैं।  Bihar Assembly Elections 2025

इसके साथ ही तीन 30 वर्षीय उम्मीदवार भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं आदित्य कुमार (सकरा, जेडीयू), कोमल कुशवाहा (गायघाट, जेडीयू) और राकेश रंजन (शाहपुर, बीजेपी)। ये सभी नेता उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो तकनीक और सोशल मीडिया की ताकत को राजनीति का नया औज़ार बना रही है। दिलचस्प बात यह है कि Gen Z के चार प्रमुख चेहरों में से केवल मैथिली ठाकुर ही ऐसी प्रत्याशी हैं जिनका राजनीति से कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है। बाकी तीनों — रवीना कुशवाहा, शिवानी शुक्ला और दीपू सिंह  अपने-अपने राजनीतिक परिवारों की विरासत संभाल रहे हैं।    Bihar Assembly Elections 2025