गंगा में उतरेगी मेट्रो, पटना बनेगा देश का दूसरा वॉटर मेट्रो शहर

Patna Water Metro : बिहार की राजधानी पटना अब देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल होने जा रही है, जहां गंगा की लहरों पर वॉटर मेट्रो दौड़ेगी। केंद्रीय पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि कोच्चि के बाद पटना देश का दूसरा शहर होगा, जहां यह अत्याधुनिक जल परिवहन सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस योजना को प्राथमिकता पर लेकर आगे बढ़ा रही है, ताकि शहरी परिवहन को एक नया आयाम दिया जा सके।
क्यों जरूरी है पटना में वॉटर मेट्रो?
पटना की भौगोलिक स्थिति और सीमित शहरी ढांचा इस शहर की सड़कों को और विस्तार देने में बड़ी बाधा बनते हैं। गंगा, पुनपुन और सोन नदियों से घिरे इस शहर में सड़कों पर अक्सर भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में वॉटर मेट्रो को एक सशक्त और व्यावहारिक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल यातायात का दबाव कम करेगी, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी अनुकूल रहेगी। बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने इस परियोजना को लेकर विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (KMRL) को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो पहले से कोच्चि में सफलतापूर्वक वॉटर मेट्रो का संचालन कर रही है। KMRL को गंगा और इसकी सहायक नदियों में संभावनाओं का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया था।
क्या होती है वॉटर मेट्रो?
वॉटर मेट्रो एक आधुनिक नाव परिवहन प्रणाली है, जो इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड नौकाओं के माध्यम से यात्रियों को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक सुरक्षित, तेज और पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से पहुंचाती है। यह व्यवस्था खास तौर पर उन शहरों के लिए कारगर मानी जाती है, जहां सड़क यातायात की अधिक भीड़ है और नदियों का नेटवर्क मजबूत है। पटना में प्रस्तावित वॉटर मेट्रो को आगामी पटना रेल मेट्रो परियोजना का पूरक माना जा रहा है। राजधानी में 15 अगस्त से शुरू होने जा रही मेट्रो की ब्लू लाइन, पटना जंक्शन को अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से जोड़ेगी। इसी नेटवर्क के अंतर्गत वॉटर मेट्रो टर्मिनलों को भी आवासीय इलाकों, व्यावसायिक केंद्रों और प्रमुख परिवहन हब के पास विकसित करने की योजना है, जिससे शहरवासियों को 'अंतिम मील कनेक्टिविटी' में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। Patna Water Metro
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Patna Water Metro : बिहार की राजधानी पटना अब देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल होने जा रही है, जहां गंगा की लहरों पर वॉटर मेट्रो दौड़ेगी। केंद्रीय पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि कोच्चि के बाद पटना देश का दूसरा शहर होगा, जहां यह अत्याधुनिक जल परिवहन सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस योजना को प्राथमिकता पर लेकर आगे बढ़ा रही है, ताकि शहरी परिवहन को एक नया आयाम दिया जा सके।
क्यों जरूरी है पटना में वॉटर मेट्रो?
पटना की भौगोलिक स्थिति और सीमित शहरी ढांचा इस शहर की सड़कों को और विस्तार देने में बड़ी बाधा बनते हैं। गंगा, पुनपुन और सोन नदियों से घिरे इस शहर में सड़कों पर अक्सर भीषण जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में वॉटर मेट्रो को एक सशक्त और व्यावहारिक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल यातायात का दबाव कम करेगी, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी अनुकूल रहेगी। बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने इस परियोजना को लेकर विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (KMRL) को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो पहले से कोच्चि में सफलतापूर्वक वॉटर मेट्रो का संचालन कर रही है। KMRL को गंगा और इसकी सहायक नदियों में संभावनाओं का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया था।
क्या होती है वॉटर मेट्रो?
वॉटर मेट्रो एक आधुनिक नाव परिवहन प्रणाली है, जो इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड नौकाओं के माध्यम से यात्रियों को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक सुरक्षित, तेज और पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से पहुंचाती है। यह व्यवस्था खास तौर पर उन शहरों के लिए कारगर मानी जाती है, जहां सड़क यातायात की अधिक भीड़ है और नदियों का नेटवर्क मजबूत है। पटना में प्रस्तावित वॉटर मेट्रो को आगामी पटना रेल मेट्रो परियोजना का पूरक माना जा रहा है। राजधानी में 15 अगस्त से शुरू होने जा रही मेट्रो की ब्लू लाइन, पटना जंक्शन को अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से जोड़ेगी। इसी नेटवर्क के अंतर्गत वॉटर मेट्रो टर्मिनलों को भी आवासीय इलाकों, व्यावसायिक केंद्रों और प्रमुख परिवहन हब के पास विकसित करने की योजना है, जिससे शहरवासियों को 'अंतिम मील कनेक्टिविटी' में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। Patna Water Metro



