बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, अब मतदाता खुद देख सकेंगे अपनी स्थिति

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Bihar Voter Verification
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 AUG 2025 00:20 PM
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत संशोधित वोटर लिस्ट का पहला मसौदा गुरुवार को जारी कर दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि शाम 3 बजे से मतदाता https://voters.eci.gov.in पर जाकर ड्राफ्ट लिस्ट में अपना नाम देख सकेंगे। यह प्रक्रिया एक अगस्त से एक सितंबर तक चलेगी, जिसके दौरान नागरिक नाम जुड़वाने, हटवाने या किसी भी त्रुटि को ठीक करवाने के लिए दावे-आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। आयोग के अनुसार, नागरिक अब 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच अपने नाम की पुष्टि, संशोधन, नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। Bihar Voter Verification

वेबसाइट पर उपलब्ध होगी सूची

आज शाम 3 बजे से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर यह ड्राफ्ट अपलोड किया जाएगा। मतदाता यहां अपना नाम खोज सकेंगे और किसी भी विसंगति के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (EROs) इस प्रक्रिया को संचालित करेंगे। साथ ही, राज्य के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने राजनीतिक दलों को सूची की फिजिकल और डिजिटल प्रतियां भी सौंप दी हैं।

65 लाख नाम ड्राफ्ट से बाहर: क्या हैं वजहें?

आयोग के अनुसार, 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के दौरान 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने अपने विवरण प्रस्तुत किए। इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम इस बार के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं।

इन नामों को हटाने के पीछे प्रमुख वजहें हैं —

  • मतदाता की मृत्यु,

  • स्थायी निवास स्थान में बदलाव,

  • एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना।

यह भी पढ़े:AIIMS पटना में इलाज पर ब्रेक! OPD-इमरजेंसी बंद, वजह कर देगी हैरान

नए मतदाताओं के लिए विशेष पहल

आयोग ने युवाओं को विशेष रूप से इस प्रक्रिया से जोड़ने की योजना बनाई है। वे युवा जो 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, वे फॉर्म-6 के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए 1 अगस्त से एक सितंबर तक राज्यव्यापी अभियान भी चलाया जाएगा।

इस पूरी प्रक्रिया पर अब राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो चुका है। विपक्षी दलों ने SIR को 'गुप्त एनआरसी' की संज्ञा देते हुए संसद में मोर्चा खोल दिया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार सुबह संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी (कांग्रेस), ए. राजा (डीएमके) और मीसा भारती (राजद) जैसे वरिष्ठ नेताओं ने 'SIR लोकतंत्र पर हमला है' लिखे प्लेकार्ड और बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया।

इस विरोध की गूंज संसद के भीतर भी सुनाई दी। लोकसभा की कार्यवाही सुबह से ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाज़ी और तख्तियों के जरिए विरोध जताया। स्पीकर ओम बिड़ला ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के चलते अंततः दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा।

देशभर में लागू होगी प्रक्रिया

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। विपक्ष इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है और वहां इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।  Bihar Voter Verification

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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत संशोधित वोटर लिस्ट का पहला मसौदा गुरुवार को जारी कर दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि शाम 3 बजे से मतदाता https://voters.eci.gov.in पर जाकर ड्राफ्ट लिस्ट में अपना नाम देख सकेंगे। यह प्रक्रिया एक अगस्त से एक सितंबर तक चलेगी, जिसके दौरान नागरिक नाम जुड़वाने, हटवाने या किसी भी त्रुटि को ठीक करवाने के लिए दावे-आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। आयोग के अनुसार, नागरिक अब 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच अपने नाम की पुष्टि, संशोधन, नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। Bihar Voter Verification

वेबसाइट पर उपलब्ध होगी सूची

आज शाम 3 बजे से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर यह ड्राफ्ट अपलोड किया जाएगा। मतदाता यहां अपना नाम खोज सकेंगे और किसी भी विसंगति के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (EROs) इस प्रक्रिया को संचालित करेंगे। साथ ही, राज्य के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने राजनीतिक दलों को सूची की फिजिकल और डिजिटल प्रतियां भी सौंप दी हैं।

65 लाख नाम ड्राफ्ट से बाहर: क्या हैं वजहें?

आयोग के अनुसार, 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के दौरान 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने अपने विवरण प्रस्तुत किए। इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम इस बार के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं।

इन नामों को हटाने के पीछे प्रमुख वजहें हैं —

  • मतदाता की मृत्यु,

  • स्थायी निवास स्थान में बदलाव,

  • एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना।

यह भी पढ़े:AIIMS पटना में इलाज पर ब्रेक! OPD-इमरजेंसी बंद, वजह कर देगी हैरान

नए मतदाताओं के लिए विशेष पहल

आयोग ने युवाओं को विशेष रूप से इस प्रक्रिया से जोड़ने की योजना बनाई है। वे युवा जो 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, वे फॉर्म-6 के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए 1 अगस्त से एक सितंबर तक राज्यव्यापी अभियान भी चलाया जाएगा।

इस पूरी प्रक्रिया पर अब राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो चुका है। विपक्षी दलों ने SIR को 'गुप्त एनआरसी' की संज्ञा देते हुए संसद में मोर्चा खोल दिया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार सुबह संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी (कांग्रेस), ए. राजा (डीएमके) और मीसा भारती (राजद) जैसे वरिष्ठ नेताओं ने 'SIR लोकतंत्र पर हमला है' लिखे प्लेकार्ड और बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया।

इस विरोध की गूंज संसद के भीतर भी सुनाई दी। लोकसभा की कार्यवाही सुबह से ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाज़ी और तख्तियों के जरिए विरोध जताया। स्पीकर ओम बिड़ला ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के चलते अंततः दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा।

देशभर में लागू होगी प्रक्रिया

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। विपक्ष इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है और वहां इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।  Bihar Voter Verification

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Bihar News 11
Bihar News
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calendar01 AUG 2025 11:25 AM
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आज पटना एम्स में स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार सुबह से एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है, जिसके तहत ओपीडी से लेकर आपातकालीन सेवाओं तक को बंद कर दिया गया है। इस असाधारण निर्णय के पीछे कारण सिर्फ प्रशासनिक या मांगें नहीं हैं, बल्कि डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है जिसने बिहार की राजनीति और चिकित्सा व्यवस्था—दोनों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।    Bihar News

विधायक पर गंभीर आरोप

हड़ताल की जड़ में है शिवहर से निर्दलीय विधायक चेतन आनंद का कथित आचरण। डॉक्टरों का आरोप है कि चेतन आनंद, उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह और उनके निजी सुरक्षाकर्मियों ने हाल ही में एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जबरन प्रवेश किया और वहां मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों और डॉक्टरों के साथ हाथापाई की। आरोप यह भी है कि सुरक्षाकर्मियों ने हथियार लहराए और रेजिडेंट डॉक्टरों को जान से मारने की धमकी दी।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के अनुसार, यह हमला केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि संस्थानिक गरिमा और चिकित्सकों की सुरक्षा पर सीधा प्रहार है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को राज्यव्यापी और फिर देशव्यापी रूप दिया जा सकता है।  Bihar News

यह भी पढ़े:सुबह-सुबह वेतन बूस्ट ! नीतीश सरकार ने खोला सरकारी खजाना

NAFORD ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद नेशनल एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (NAFORD) ने एम्स पटना के डॉक्टरों के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया है। संगठन ने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा कि “चिकित्सकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। यह हमला सिर्फ डॉक्टरों पर नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य सेवा तंत्र पर है। NAFORD ने FIR , सख्त सुरक्षा व्यवस्था और नेशनल टास्क फोर्स (NTF) के जरिए डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए एम्स प्रशासन की शिकायत पर विधायक चेतन आनंद, उनकी पत्नी और दो सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ फुलवारीशरीफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है और एम्स परिसर की सुरक्षा को लेकर भी समीक्षा की जा रही है।

कौन है NAFORD ?

 देश भर के एम्स और अन्य इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस (INI) में कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रमुख संगठन है। यह संस्था डॉक्टरों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए लगातार सक्रिय रहती है और किसी भी प्रकार की प्रताड़ना या हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाती रही है।    Bihar News