बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, अब मतदाता खुद देख सकेंगे अपनी स्थिति

वेबसाइट पर उपलब्ध होगी सूची
आज शाम 3 बजे से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर यह ड्राफ्ट अपलोड किया जाएगा। मतदाता यहां अपना नाम खोज सकेंगे और किसी भी विसंगति के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (EROs) इस प्रक्रिया को संचालित करेंगे। साथ ही, राज्य के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने राजनीतिक दलों को सूची की फिजिकल और डिजिटल प्रतियां भी सौंप दी हैं।
65 लाख नाम ड्राफ्ट से बाहर: क्या हैं वजहें?
आयोग के अनुसार, 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के दौरान 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने अपने विवरण प्रस्तुत किए। इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम इस बार के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं।
इन नामों को हटाने के पीछे प्रमुख वजहें हैं —
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मतदाता की मृत्यु,
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स्थायी निवास स्थान में बदलाव,
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एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना।
यह भी पढ़े:AIIMS पटना में इलाज पर ब्रेक! OPD-इमरजेंसी बंद, वजह कर देगी हैरान
नए मतदाताओं के लिए विशेष पहल
आयोग ने युवाओं को विशेष रूप से इस प्रक्रिया से जोड़ने की योजना बनाई है। वे युवा जो 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, वे फॉर्म-6 के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए 1 अगस्त से एक सितंबर तक राज्यव्यापी अभियान भी चलाया जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया पर अब राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो चुका है। विपक्षी दलों ने SIR को 'गुप्त एनआरसी' की संज्ञा देते हुए संसद में मोर्चा खोल दिया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार सुबह संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी (कांग्रेस), ए. राजा (डीएमके) और मीसा भारती (राजद) जैसे वरिष्ठ नेताओं ने 'SIR लोकतंत्र पर हमला है' लिखे प्लेकार्ड और बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया।
इस विरोध की गूंज संसद के भीतर भी सुनाई दी। लोकसभा की कार्यवाही सुबह से ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाज़ी और तख्तियों के जरिए विरोध जताया। स्पीकर ओम बिड़ला ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के चलते अंततः दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा।
देशभर में लागू होगी प्रक्रिया
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। विपक्ष इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है और वहां इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। Bihar Voter Verification
वेबसाइट पर उपलब्ध होगी सूची
आज शाम 3 बजे से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर यह ड्राफ्ट अपलोड किया जाएगा। मतदाता यहां अपना नाम खोज सकेंगे और किसी भी विसंगति के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (EROs) इस प्रक्रिया को संचालित करेंगे। साथ ही, राज्य के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने राजनीतिक दलों को सूची की फिजिकल और डिजिटल प्रतियां भी सौंप दी हैं।
65 लाख नाम ड्राफ्ट से बाहर: क्या हैं वजहें?
आयोग के अनुसार, 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के दौरान 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने अपने विवरण प्रस्तुत किए। इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम इस बार के ड्राफ्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं।
इन नामों को हटाने के पीछे प्रमुख वजहें हैं —
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मतदाता की मृत्यु,
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स्थायी निवास स्थान में बदलाव,
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एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना।
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नए मतदाताओं के लिए विशेष पहल
आयोग ने युवाओं को विशेष रूप से इस प्रक्रिया से जोड़ने की योजना बनाई है। वे युवा जो 1 जुलाई 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, वे फॉर्म-6 के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए 1 अगस्त से एक सितंबर तक राज्यव्यापी अभियान भी चलाया जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया पर अब राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो चुका है। विपक्षी दलों ने SIR को 'गुप्त एनआरसी' की संज्ञा देते हुए संसद में मोर्चा खोल दिया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार सुबह संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी (कांग्रेस), ए. राजा (डीएमके) और मीसा भारती (राजद) जैसे वरिष्ठ नेताओं ने 'SIR लोकतंत्र पर हमला है' लिखे प्लेकार्ड और बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया।
इस विरोध की गूंज संसद के भीतर भी सुनाई दी। लोकसभा की कार्यवाही सुबह से ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाज़ी और तख्तियों के जरिए विरोध जताया। स्पीकर ओम बिड़ला ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के चलते अंततः दोपहर 2 बजे तक सदन स्थगित करना पड़ा।
देशभर में लागू होगी प्रक्रिया
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यह प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। विपक्ष इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है और वहां इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। Bihar Voter Verification



