Prashant Kishore : बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर के खिलाफ राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया है। मामला सिर्फ कानूनी नहीं, राजनीतिक मर्यादाओं और व्यक्तिगत आचरण की गरिमा से भी जुड़ा हुआ है। इस पूरे विवाद की जड़ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस है, जिसमें प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी बेटी शांभवी चौधरी को पैसे के बल पर लोकसभा का टिकट दिलाया। इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी और अब यह मामला कानूनी जंग में तब्दील हो चुका है।
या तो प्रमाण दें या माफी मांगें – चौधरी की दो टूक चेतावनी
पटना में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने साफ कहा कि उन्होंने किशोर को लीगल नोटिस भेजा था, जिसका जवाब उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। “उनके उत्तर से कहीं भी यह प्रतीत नहीं होता कि वे अपने कथन पर पछता रहे हैं। जब बात परिवार के सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा की हो, तो चुप रहना कायरता है,” चौधरी ने कहा। उन्होंने आगे कहा, “अगर प्रशांत किशोर यह आरोप प्रमाणित नहीं कर सकते कि हमने टिकट के लिए पैसे दिए, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए। अन्यथा, मैं इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने में पीछे नहीं हटूंगा।
राजनितिक व्यवसायीकरण का लगाया आरोप
मंत्री चौधरी ने प्रशांत किशोर पर तीखा हमला करते हुए उन्हें ‘राजनीतिक दलों का सौदागर’ बताया। उन्होंने कहा, “आप तो पैसे लेकर चुनावी रणनीति बनाते हैं, हम लोग विचारधारा की राजनीति करते हैं। हमारी बेटी सिर्फ 25 वर्ष की है, पढ़ी-लिखी है और दलित समाज से आती है — शायद यही बात आपको चुभ रही है।” चौधरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक मंच से किसी के परिवार की गरिमा को ठेस पहुंचाए और बिना प्रमाण आरोप मढ़ दे।
क्या हैं पूरा मामला ?
दरअसल, कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर यह कहकर हमला बोला था कि उन्होंने टिकट खरीदकर अपनी बेटी शांभवी चौधरी को सांसद बनवाया। इस टिप्पणी के बाद चौधरी ने लीगल नोटिस भेजा और अब यह विवाद अदालत की दहलीज़ पर खड़ा है। अपने वक्तव्य में चौधरी ने भावुक होते हुए कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे शिक्षित किया ताकि मैं समाज की सशक्त आवाज़ बन सकूं, न कि किसी के आरोपों का निशाना। हम उस वर्ग से आते हैं जिसकी आवाज़ को दशकों तक दबाया गया — अब जब हम संसद में हैं, तो यह कुछ लोगों को स्वीकार नहीं हो रहा। Prashant Kishore