Rashifal 9 July 2023- कारोबार में होगा लाभ, संतान पक्ष से मिलेगा शुभ समाचार, जानें अपना आज का राशिफल




Sawan Shivratri 2023 : श्रावण माह में आने वाली शिवरात्रि साल में आने वाली उन प्रमुख शिवरात्रियों में से एक है जब देशभर में इसकी अलग ही धूम दिखाई दे रही है। सावन शिवरात्रि की महत्ता इस दिन भक्तों के द्वारा किए जाने वाले अभिषेक में निहित है, क्योंकि सावन के आरंभ होने के साथ ही भक्त कांवड़ उठाए अपनी यात्रा आरंभ करते हैं।
भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लम्बी दूरी की दुर्गम यात्रा तय करते हुए गंगा का पवित्र जल एकत्रित करते हैं और शिवरात्रि के दिन शिवलिंग अभिषेक के साथ इस संकल्प की पूर्ति करते हैं। ऐसे में सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का बेहद ही विशेष है।
शिवरात्रि का अभिषेक सावन माह की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व होता है और इस दिन किया जाने वाला जलाभिषेक सभी प्रकार के कष्टों को समाप्त कर देने वाला होता है। श्रावण शिवरात्रि 2023 को 15 जुलाई के दिन मनाई जाएगी। इस दिन के विषय में शिवपुराण में भी उल्लेख है। इसके अलावा लोक-मान्यताओं में भी शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं।
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 15 जुलाई को रात 20:32 बजे शुरू होगा। 16 जुलाई 2023 को रात 22:08 बजे यह समाप्त होगी। शिवरात्रि व्रत पर भगवान शिव की पूजा निशिथ काल में बहुत विशेष मानी गई है ओर इस दिन यह समय 15 जुलाई 2023 दिन रहने वाला है।
चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 15 जुलाई 2023 को 20:32 चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 16 जुलाई 2023 को 22:08 निशिथ काल पूजा समय - 24:07 से 24:48 (16 जुलाई) 16 जुलाई को, शिवरात्रि पारण समय - 05:33 से 15:54 तक रहेगा
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 19:21 से 09:54 (15 जुलाई) रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:54 से 24:27 (16 जुलाई) रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 24:27 से 27:00 (16 जुलाई) रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27:00 से 29:33 (16 जुलाई)
शिवरात्रि पर करें शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ
श्रावण शिवरात्रि के दिन शिव जलाभिषेक करने के साथ साथ शिव पंचाक्षर स्त्रोत करना शुभफलदायक होता है। इस दिन किया जाने वाला यह स्त्रोत भक्तों को अभीष्टफलों की प्राप्ति के लिए सहयोगी बनता है।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ॥1॥
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय । मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नम: शिवाय ॥2॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ॥3॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय । चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय, तस्मै वकाराय नम: शिवाय ॥4॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय । दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नम: शिवाय ॥5॥
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ । शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥6॥ इति श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र सम्पूर्ण॥
Sawan Shivratri 2023 : श्रावण माह में आने वाली शिवरात्रि साल में आने वाली उन प्रमुख शिवरात्रियों में से एक है जब देशभर में इसकी अलग ही धूम दिखाई दे रही है। सावन शिवरात्रि की महत्ता इस दिन भक्तों के द्वारा किए जाने वाले अभिषेक में निहित है, क्योंकि सावन के आरंभ होने के साथ ही भक्त कांवड़ उठाए अपनी यात्रा आरंभ करते हैं।
भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए लम्बी दूरी की दुर्गम यात्रा तय करते हुए गंगा का पवित्र जल एकत्रित करते हैं और शिवरात्रि के दिन शिवलिंग अभिषेक के साथ इस संकल्प की पूर्ति करते हैं। ऐसे में सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का बेहद ही विशेष है।
शिवरात्रि का अभिषेक सावन माह की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व होता है और इस दिन किया जाने वाला जलाभिषेक सभी प्रकार के कष्टों को समाप्त कर देने वाला होता है। श्रावण शिवरात्रि 2023 को 15 जुलाई के दिन मनाई जाएगी। इस दिन के विषय में शिवपुराण में भी उल्लेख है। इसके अलावा लोक-मान्यताओं में भी शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं।
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 15 जुलाई को रात 20:32 बजे शुरू होगा। 16 जुलाई 2023 को रात 22:08 बजे यह समाप्त होगी। शिवरात्रि व्रत पर भगवान शिव की पूजा निशिथ काल में बहुत विशेष मानी गई है ओर इस दिन यह समय 15 जुलाई 2023 दिन रहने वाला है।
चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 15 जुलाई 2023 को 20:32 चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 16 जुलाई 2023 को 22:08 निशिथ काल पूजा समय - 24:07 से 24:48 (16 जुलाई) 16 जुलाई को, शिवरात्रि पारण समय - 05:33 से 15:54 तक रहेगा
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 19:21 से 09:54 (15 जुलाई) रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:54 से 24:27 (16 जुलाई) रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 24:27 से 27:00 (16 जुलाई) रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27:00 से 29:33 (16 जुलाई)
शिवरात्रि पर करें शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ
श्रावण शिवरात्रि के दिन शिव जलाभिषेक करने के साथ साथ शिव पंचाक्षर स्त्रोत करना शुभफलदायक होता है। इस दिन किया जाने वाला यह स्त्रोत भक्तों को अभीष्टफलों की प्राप्ति के लिए सहयोगी बनता है।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ॥1॥
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय । मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नम: शिवाय ॥2॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ॥3॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय । चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय, तस्मै वकाराय नम: शिवाय ॥4॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय । दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नम: शिवाय ॥5॥
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ । शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥6॥ इति श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र सम्पूर्ण॥
