Omicron: जब ओमिक्रॉन पर है बेअसर, तो क्यों लगवाएं कोरोना का टीका!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Dec 2021 05:32 AM
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क्रिसमस (Christmas) आने वाला है और साथ में ओमिक्रॉन (Omicron) भी। भारत में कोरोना (Corona) संक्रमण पर नज़र रखने वाले कमेटी, नेशनल कोविड सुपरमॉडल पैनल का अनुमान है कि ओमिक्रॉन के चलते साल 2022 की शुरूआत में भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) आ सकती है। पैनल के मुताबिक, फरवरी में तीसरी लहर अपने चरम पर होगी।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या टीकाकरण (Vaccination) का कोई लाभ नहीं हुआ? अगर टीके से फायदा नहीं होता तो, फिर क्यों लगवाएं टीका?

ओमिक्रॉन (Omicron) का पहला मामला नंवबर में सामने आया था और दिसंबर के बीच में ही इसके 30,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यानी, अब तक किसी भी वैरियंट (कोविड-19) की तुलना में ओमिक्रॉन सबसे ज्यादा तेजी से फैल रहा है। केवल एक महीने में ही यह दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से निकल कर 77 देशों में फैल चुका है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अभी तक इससे केवल एक मौत (ब्रिटेन में) हुई है।

टीकाकरण के बाद भी क्यों फैल रहा है ओमिक्रॉन सवाल उठता है कि आखिर ओमिक्रॉन इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है? अब तक के अध्ययन में सामने आया है कि ओमिक्रॉन के तेजी से संक्रमण की दो बड़ी वजहें हैं।

पहली वजह है, इसका इम्यून स्केप (Immune Escape) होना। यानी, यह वायरस उन लोगों को भी तेजी से फैल रहा है जिनमें कोरोना के प्रति एंटीबॉडी (Antibody) विकसित हो चुकी है या जिन्हें टीका लग चुका है।

दूसरी वजह है इसका बेहद संक्रामक होना। अब तक के अध्ययन में सामने आया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट, कोरोना के पिछले दोनों वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रामक है यानी, एक से दूसरे व्यक्ति में इसका संक्रमण बहुत जल्दी होता है।

क्या ओमिक्रॉन से हो रही हैं ज्यादा मौतें ओमिक्रॉन (Omicron) के संक्रमण की गति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो महीने पहले यानी, 11 अक्टूबर को दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन लाख से कुछ ज्यादा (3,325,16) थी। जबकि, 11 दिसंबर को संक्रमितों की संख्या लगभग दो गुनी (6,01,263) हो गई।

हालांकि, राहत की बात यह है कि संक्रमितों की तुलना में मरने वालों की संख्या में इतना उछाल नहीं आया है। 11 अक्टूबर को कोरोना से मरने वालों की वैश्विक संख्या 5,213 थी जबकि, 11 दिसंबर को कोरोना से 6,459 मौतें हुईं।

क्या हर छह महीने पर आएंगे नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के बाद यह सवाल भी सबको परेशान कर रहा है ​कि क्या हर छह महीने पर कोरोना (Corona) रूप बदलेगा और ऐसे ही तबाही मचाता रहेगा?

कोरोना (Corona) के फैलने की सबसे बड़ी वजह इसके संक्रमण की तेज गति है। आमतौर पर जिस भी देश ने कोरोना के प्रति लापरवाही-पूर्ण रवैया अपनाया या इसे हल्के में लेने की कोशिश की उन देशों में यह न सिर्फ तेजी से फैलता है बल्कि, नए वैरिएंट को पनपने का मौका भी देता है।

भारत में कोरोना (Corona) की पहली लहर के दौरान सख्ती के बाद सरकार ने न केवल टीकाकरण में देरी की बल्कि, चुनाव के मौके पर जमकर भीड़-भरे आयोजन किए। परिणामस्वरूप, दूसरी लहर में पैदा हुए नए वैरिएंट ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया और बड़ी संख्या में मौतें भी हुईं।

टीकाकरण और नए वैरिएंट में क्या संबंध है हम जानते हैं कि कोरोना के सबसे नए वैरिएंट, ओमिक्रॉन का पहला मामला नवंबर के महीने में दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। क्या इसका टीकाकरण से कोई संबंध है? इस बारे में वैज्ञानिक और दुनिया भर के चिकित्सा जगत में शोध जारी है लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि टीकाकरण (Vaccination) की धीमी गति भी इसके लिए जिम्मेदार है।

अ​फ्रीकी महाद्वीप में अभी तक केवल 8% लोगों का ही टीकाकरण (Vaccination) हुआ है। जबकि, भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में एक सौ पैंतीस करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है और लगभग 40% आबादी का पूर्ण टीकाकरण (दोनों डोज) हो चुका है।

दो साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद दुनिया में 41 ऐसे देश हैं जहां 10% से भी कम लोगों का टीकाकरण हुआ है और 98 देशों में 14% से भी कम लोगों को टीका लगा है।

ऐसे में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट (New Variant) के पनपने का खतरा बना हुआ है क्योंकि, नए शरीर (जिसमें एंटीबॉडी न हो) में पहुंचते ही इसे म्यूटेट (Mutation) होने का समय मिलता है और यह ज्यादा घातक हो जाता है।

कितनी खतरनाक होगी तीसरी लहर नेशनल कोविड सुपरमॉडल पैनल का अनुमान है कि ओमिक्रॉन (Omicron) के चलते नए साल की शुरुआत में भारत में तीसरी लहर (Third Wave) आ सकती है और फरवरी में यह पीक पर होगी। पैनल का अनुमान है कि दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर कमजोर हो सकती है। तीसरी लहर में रोजना संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या और मौतों के आंकड़ें भी अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि केवल आठ महीने पहले ही भारत ने भयावह दूसरी लहर का सामना किया था। इस लहर में न सिर्फ़ आम आदमी बल्कि, चिकित्सा जगह से जुड़े लोगों ने भी बड़ी संख्या में जानें गंवाईं। ऐसे में तीसरी लहर का अतिरिक्त बोझ डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

बचाव का केवल एक ही उपाय अब तक के रिसर्च से यह बात साबित हो चुकी है कि टीकाकरण (Vaccination) का फायदा होता है। इससे गंभीर रोगियों की संख्या और मौतों में कमी आती है। लेकिन, यह भी जाहिर है कि टीकाकरण नए वैरिएंट के फैलने या कोरोना के संक्रमण पर रोक नहीं लगा पाया है।

ऐसे में सावधानी, मास्क (Mask), सामाजिक दूरी (Social distancing), भीड़भाड़ से बचना और साफ-सफाई (Wash Hands) ही इससे बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे लोग जो टीकाकरण (Vaccination) से बचने या उसके प्रति नकारात्मक रवैया रखते हैं उन्हें यह समझना होगा कि वह अपने साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं।

खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) कह चुका है कि आने वाले समय में भी कोरोना, गैर-टीकायुक्त लोगों के लिए महामारी बना रहेगा।

-संजीव श्रीवास्तव

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Omicron in UP- उत्तर प्रदेश में भी नए वेरिएंट की दस्तक, मिले दो पॉजिटिव

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गाजियाबाद में मिले 2 संक्रमित (PC- Mint)
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar26 Nov 2025 10:19 PM
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Omicron in UP- कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (UP) में भी प्रवेश कर चुका है। देश की राजधानी दिल्ली से सटे जिले गाजियाबाद Ghaziabad) में ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से संक्रमित दो व्यक्तियों की पुष्टि हुई है। इसमें एक महिला है और एक पुरुष। संक्रमित मरीजों की उम्र 60 साल के ऊपर बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये दोनों ही शख्स 2 दिसंबर को महाराष्ट्र से वापस आए हैं जिसके बाद से ही इनमें कोविड के लक्षण देखने को मिले थे। टेस्ट के बाद ये दोनों ही कोविड पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद जब जिनका जीनोम टेस्ट किया गया तो इनमे कोराेना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के पाए जाने की पुष्टि की गई। फिलहाल इन दोनों ही संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन (Home Isolation) में रखकर इनका इलाज किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश (UP) में नए वेरिएंट के दस्तक देते ही हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

देश के कई राज्यों में ओमिक्रॉन (Omicron) दे चुका है दस्तक-

यूके (UK), अमेरिका (America) और ब्रिटेन (Britain) जैसे देश में पूरी तरह से अपने पैर पसार चुका ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant), अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रहा है। भारत (India) के भी कई राज्यों में इस वैरीअंट ने दस्तक दे दी है। शुक्रवार को देश में कोरोना के 93,045 मामले सामने आए, जिनमे से ज्यादातर मामले ओमिक्रोन वैरीअंट से जुड़े पाए गए। अब तक यह वेरिएंट देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत महाराष्ट्र (Maharashtra), राजस्थान (Rajasthan), केरल (Kerala) व कर्नाटक (Karnataka) राज्य में पहुंच चुका है इसके साथ ही अब देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (UP) में भी इसके मरीज पाए गए।

स्थिति नियंत्रण में बस सावधान रहने की है आवश्यकता -

फिलहाल सरकार के मुताबिक देश में स्थिति नियंत्रण में है। लोगों को पैनिक होने की आवश्यकता नही है, बस सावधान एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि कोविड प्रोटोकॉल्स का सख्ती से पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क अवश्य पहने।

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Health Talk: सेहत के लिए कमाल, मूंग की दाल!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:35 PM
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विनय सकोची

सभी जानते हैं कि दालें (Pulses)प्रोटीन(Proteins) से भरपूर होती हैं, लेकिन दालों में भी सबसे स्वास्थ्यवर्धक तथा शक्तिवर्धक दाल मूंग की होती है। मूंग की दाल  (Moong Daal)की खास बात है कि यह सुपाच्य होती है। इसके अतिरिक्त मूंग की दाल में कार्बोहाइड्रेट्स, कई प्रकार के विटामिन(Vitamins), फास्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं। मूंग साबूत हो या दली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और विटामिंस की मात्रा दोगुनी हो जाती है। अंकुरित मूंग दाल में मैग्नीशियम, कॉपर, फॉलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है।

कुछ लोगों को लगता है कि मूंग दाल बीमारी में खाने के लिए होती है, जबकि मूंग दाल में इतने पौष्टिक तत्व होते हैं कि अपनी खुराक में उसे शामिल करना ही चाहिए। मात्र एक कटोरी पकी हुई मूंग की दाल में सौ से भी कम कैलोरी होती है। इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। रात के खाने में रोटी के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाने से भरपूर पोषण मिलता है और जल्दी ही बढ़ा हुआ वजन कम होता है। इस तरह मूंग दाल मोटापा घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

शोध(Experiment )बताते हैं कि मूंग दाल खाने से त्वचा कैंसर(Skin Cancer) से सुरक्षा भी मिलती है। जब मनुष्य सूर्य की किरणों या फिर पर्यावरण प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, तो उनकी त्वचा में हानिकारक मुक्त कण प्रवेश कर जाते हैं, जिससे त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है। लेकिन यदि खाने में मूंग दाल को शामिल किया जाए, तो उस से एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं, जो हानिकारक मुक्त कणों से लड़कर त्वचा को कैंसर से बचा लेते हैं।

मूंग की मदद से आसानी से रक्तचाप (Blood Pressure)को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही मूंग कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करती है। यह सोडियम के प्रभाव को कम कर देती है, जिससे रक्तचाप बढ़ता नहीं है। मूंग, आयरन की कमी को पूरा करने में सक्षम है। आमतौर पर शाकाहारी लोग अपने खाने में कम आयरन लेते हैं, अपनी खुराक में मूंग दाल को शामिल करके आयरन की कमी दूर की जा सकती है, जिससे एनीमिया का जोखिम भी अपने आप कम हो जाएगा। दाद खाज खुजली की समस्या में मूंग की दाल को छिलके सहित पीसकर लेप बनाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाने से लाभ होता है।

टाइफाइड होने पर मूंग की दाल खाने से मरीज को बहुत आराम मिलता है। किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है। मूंग की दाल खाने से शरीर की ताकत मिलती है। मूंग की दाल के लेप से ज्यादा पसीना आना भी रुक जाता है। दाल को हल्का गर्म करके पीस लें फिर उस पाउडर में कुछ मात्रा पानी की मिलाकर लेप की तरह पूरे शरीर पर मालिश करें, ज्यादा पसीना आने की शिकायत दूर हो जाएगी।

अंकुरित मूंग में ग्लूकोज लेबल बहुत कम होता है, इस वजह से मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं। अंकुरित मूंग के सेवन से पाचन क्रिया हमेशा सही बनी रहती है, जिसके कारण पेट संबंधी समस्या नहीं होती हैं। अंकुरित मूंग में शरीर के विषाक्त तत्वों को निकालने का गुण होता है। इसके सेवन से शरीर में विषाक्त तत्वों में कमी आती है और शरीर स्वस्थ तथा चुस्त रहता है। अंकुरित मूंग में पेप्टीसाइड होता है, जो रक्तचाप को संतुलित रखता है और शरीर को स्वस्थ एवं सुंदर बनाए रखने में कारगर होता है। अंकुरित मूंग में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे अपच और कब्ज की समस्या नहीं होती तथा पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है। मूंग की दाल में ऐसे गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं और उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।