ईरान-अमेरिका तनाव: ट्रंप की धमकी और युद्ध की संभावना !

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Trump's Threat :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:31 AM
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Trump's Threat : मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को चिट्ठी लिखकर चेतावनी (Trump's Threat) दी थी। ट्रंप ने कहा था कि यदि ईरान बातचीत के लिए सहमत नहीं होता, तो उसे सैन्य टकराव का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद, अमेरिका और ईरान एक बार फिर से आमने-सामने हैं।

ईरान ने अमेरिका से बातचीत से किया इनकार

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अमेरिका से सीधी परमाणु बातचीत करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अमेरिका से अप्रत्यक्ष बातचीत के लिए तैयार है। इस प्रकार, दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, क्योंकि यह स्थिति दोनों पक्षों के लिए चुनौतीपूर्ण है।

ट्रंप की धमकी (Trump's Threat) : बमबारी और टैरिफ

एनबीसी न्यूज के अनुसार, ट्रंप ने कहा था कि यदि ईरान न्यूक्लियर डील पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका ऐसी बमबारी करेगा, जो पहले कभी नहीं देखी गई। इसके अलावा, अमेरिका ईरान पर टैरिफ भी लगा सकता है। यह धमकी (Trump's Threat) उस समय दी गई है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।

1979 से बढ़ते तनाव

ईरान और अमेरिका के रिश्ते 1979 में ईरानी क्रांति के बाद खराब हो गए थे। इसके बाद बंधक संकट के कारण दोनों देशों ने अपने संबंध तोड़ दिए थे। इसके साथ ही, 1980 से अब तक दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं। इसके अलावा, 1995 से अमेरिका ने ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध भी लगा दिए थे।

अमेरिका का नया कदम: इजरायल को अधिकार

अमेरिका ने इजरायल को ईरान और उसके प्रॉक्सी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दिया है। इसके परिणामस्वरूप, इजरायल बिना अमेरिका से अनुमति लिए ईरान और उसके प्रॉक्सी संगठनों पर हमले कर सकता है। ट्रंप ने न केवल युद्ध के दरवाजे खोले, बल्कि ईरान के खिलाफ जंग की शुरुआत भी की है।

इस प्रकार, ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अब और बढ़ चुका है । इस संघर्ष (Trump's Threat) का असर पूरी दुनिया पर हो सकता है।Trump's Threat :

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66 साल की महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म, नहीं हुई परेशानी

Motherhood
Motherhood Age
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:06 AM
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Motherhood Age : जर्मनी की 66 वर्षीय एलेक्जेंड्रा हिल्डेब्रांट ने 19 मार्च को अपने 10वें बच्चे, फिलिप, को जन्म दिया, जिससे उन्होंने मातृत्व की नई परिभाषा स्थापित की है। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने गर्भधारण के लिए किसी भी प्रकार की दवा या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का सहारा नहीं लिया, और उनकी गर्भावस्था बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक पूरी हुई।

50 की उम्र के बाद भी कई बच्चों को दिया जन्म

एलेक्जेंड्रा, जो बर्लिन के चेकपॉइंट चार्ली पर स्थित वॉल म्यूजियम की मालिक और निदेशक हैं, ने अपने पहले बच्चे, स्वेतलाना, को 1977 में जन्म दिया था। इसके बाद, उन्होंने 50 वर्ष की आयु के बाद भी कई बच्चों को जन्म दिया, जिसमें 12 वर्षीय जुड़वां एलिजाबेथ और मैक्सिमिलियन, 10 वर्षीय एलेक्जेंड्रा, 8 वर्षीय लियोपोल्ड, 7 वर्षीय अन्ना, 4 वर्षीय मारिया, और 2 वर्षीय काथरीना शामिल हैं।

स्वस्थ जीवनशैली को इस उपलब्धि का श्रेय

अपनी स्वस्थ जीवनशैली को इस उपलब्धि का श्रेय देते हुए, एलेक्जेंड्रा ने बताया कि वह प्रतिदिन एक घंटे तैराकी करती हैं, दो घंटे दौड़ती हैं, शराब और धूम्रपान से दूर रहती हैं, और कभी भी गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं किया। उनका मानना है कि यदि शरीर स्वस्थ है, तो उम्र मातृत्व में बाधा नहीं बनती।

डाक्टर ने गर्भावस्था को असाधारण मामला बताया

बर्लिन के चैरिटे अस्पताल के प्रसूति चिकित्सा विभाग के निदेशक, प्रोफेसर वोल्फगैंग हेनरिच, ने इस गर्भावस्था को असाधारण मामला बताया, जबकि प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. एलेक्स रोब्लेस ने 45 वर्ष की आयु के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावना को 5% से भी कम बताया। एलेक्जेंड्रा का मानना है कि समाज में बच्चों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलने की आवश्यकता है और अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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पाकिस्तान ने आतंकियों के साथ अपने नागरिक भी मारे, रिपोर्ट दबाई

Pak ataik
Pakistani Campaign
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:53 PM
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Pakistani Campaign : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों में जल्दीबाजी में किए गए निर्णय के कारण कई आतंकवादियों के साथ आम नागरिक भी मारे गए हैं। साथ ही पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की भी जान गई है। हालांकि, इन अभियानों में नागरिकों की मौत की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उदाहरण के लिए, 26 दिसंबर 2024 को खैबर पख्तूनख्वा में तीन अलग-अलग अभियानों में 13 आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तानी सेना के एक मेजर की मौत हुई थी। ​

सेना आम नागरिकों को भी मार रही

इसी तरह, 20 नवंबर 2024 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में एक आत्मघाती हमले में 10 सैनिकों की मौत हुई थी, जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली थी। ​इस इलाके में आतंकियों और सैनिकों में बराबर झड़प या गोलीबारी होती रही है। हालात ये है कि सेना इतना त्रस्त हो गई है कि अब आम नागरिकों को भी मारने से परहेज नहीं कर रही है।

इन घटनाओं में नागरिकों की मौत की कोई रिपोर्ट नहीं

हालांकि, इन घटनाओं में नागरिकों की मौत की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है। सेना का भी मानना है कि आतंकी आम लोगों के बीच में छिपे होते हैं जिसके कारण ऐसे हादसे होते हैं। जानकारी मिलने पर आतंकियों के मारने के चक्कर में आम लोग भी ड्रोन या सेना के शिकार हो जाते हैं।

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