Corona: केंद्र ने राज्यों से नमूनों का जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने को कहा

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calendar30 Nov 2025 10:50 PM
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Corona: नई दिल्ली। जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन और अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे संक्रमित व्यक्तियों के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण में तेजी लाएं और वायरस के उभरते स्वरूपों पर नजर रखें।

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नए स्वरूपों, यदि कोई हो, का समय पर पता लगाने में सक्षम बनाएगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य कदम उठाए जाने में मदद करेगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि परीक्षण-निगरानी-उपचार-टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन के साथ भारत कोरोना वायरस के प्रसार को प्रतिबंधित करने में सक्षम रहा है और साप्ताहिक आधार पर संक्रमण के लगभग 1,200 मामले सामने आ रहे हैं। भूषण ने कहा, "जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक आई तेजी को देखते हुए, भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के माध्यम से वायरस के स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमण के मामलों के नमूनों का पूरा जीनोम अनुक्रमण तैयार करना आवश्यक है।

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International News : सीओपी—15 में डीएसआई से भारत में जैव विविधता की रक्षा में मदद मिल सकती है : विशेषज्ञ

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Goa government's drone policy promotes use of UAVs for effective governance
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 09:10 AM
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मॉन्ट्रियल। सीओपी—15 सम्मेलन में जैव विविधता की रक्षा के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते के तौर पर अपनाए गए ‘डिजीटल सिक्वेंस इंफोर्मेशन’ (डीएसआई) से प्रकृति के संरक्षण के लिए भारत जैसे देशों को धन मुहैया होगा।

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कनाडा के मॉन्ट्रियल में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र की संधि के लिए पक्षकारों के सम्मेलन की 15वीं बैठक (सीओपी—15) चल रही है। जैव विविधता से संबंधित नागोया प्रोटोकॉल के जरिए संयुक्त राष्ट्र जैवविविधता सम्मेलन का मकसद उपयोगकर्ताओं (कॉरपोरेट संस्थानों) तथा विकासशील देशों में इन संसाधनों का संरक्षण कर रहे स्वदेशी समुदाय तथा किसानों के बीच आनुवंशिक संसाधनों से पैदा हुए फायदों को वितरित करना है। अब डीएसआई तकनीक से कंपनियां संसाधनों को हासिल करने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरिंग के जरिए आनुवंशिक संसाधनों के न्यूक्लियोटाइड सिक्वेंस का इस्तेमाल कर सकती हैं।

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सीओपी—15 में विकासशील देशों ने कहा है कि डीएसआई से मिलने वाले फायदों को समान रूप से साझा किया जाना चाहिए। डीएसआई का उपयोग कुछ अंतरराष्ट्रीय नीति मंचों के संदर्भ में किया जाता है, विशेष रूप से जैविक विविधता पर संधि, आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त डेटा को संदर्भित करने के लिए।

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राष्ट्रीय जैवविविधता प्राधिकरण (एनबीए) के सचिव जस्टिन मोहन ने कहा कि देशों ने डीएसआई को संसाधनों तक पहुंचने और फायदे साझा करने के तंत्र में लाने पर स्वीकृति दी थी। विभिन्न देशों से मिलने वाले सुझावों के आधार पर एक कार्यकारी समूह इन फायदों को साझा करने के तौर-तरीकों पर काम करेगा और तुर्किये में अगले सीओपी में इन सिफारिशों को अपनाने की उम्मीद है। मोहन ने कहा कि कई प्रजातियां किसी खास क्षेत्र में ही पायी है जैसे कि लाल चंदन, जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं और वह प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है। इसलिए डीएसआई से अर्जित होने वाली निधि भारत को मिलनी चाहिए।उन्होंने कहा कि भारत यह दलील देता रहा है कि जहां भी जैविक संसाधन का स्रोत पता हो और उसे हासिल करने में कोई समस्या न हो तो डीएसआई से अर्जित निधि मूल देश में ही जानी चाहिए।
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International Human Solidarity Day : लोगों को एकजुट करना और उनमें जागरूकता फैलाना है मुख्य उद्देश्य

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calendar02 Dec 2025 04:44 AM
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प्रत्येक वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाने वाला International Human Solidarity Day संयुक्त राष्ट्र संस्था के द्वारा प्रारम्भ किया गया था और यह इस अंतराष्ट्रीय संस्था के नियमों के तहत विश्व भर में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत कब हुई, इसको शुरू करने का कारण क्या था और किन उद्देश्यों की पूर्ती इसके तहत की जा रही है आदि.. आइये एक नजर डालते हैं इन सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर।

क्या है इस दिन का इतिहास?

समाज में एकजुटता की भावना को प्रचलित करने के लिए वर्ष 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा संकल्प 60/209 को एक मौलिक मूल्य बताया गया और प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह की 20 तारीख़ को International Human Solidarity Day मनाया जाने लगा। लोगों के बीच सामनता और एकता की भावना को सुदृढ़ करने के लिए वर्ष 2002 में एकजुटता कोष की स्थापना भी की गयी थी जिसे वर्ष 2003 में एक ट्रस्ट का रूप दे दिया गया। इस ट्रस्ट से प्राप्त होने वाली धनराशि को विश्व से गरीबी का उन्मूलन करने में प्रयोग किया गया।

क्या है इस दिन को मनाने का उद्देश्य?

विभिन्न उद्देशयों को पूर्ण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के द्वारा International Human Solidarity Day मनाने की शुरुआत की गयी। यह दिन सभी देशों की सरकार को यह याद दिलाता है कि समाज से गरीबी जैसी समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने में वे सभी एकजुट हैं। विश्व के सामने आने वाली किसी भी आपदा या मुश्किल के समय सभी साथ मिलकर उसका सामना करेंगें और आपसी मतभेदों को एक किनारे रखेंगे। International Human Solidarity Day सभी देशों की विविध संस्कृतियों का सम्मान करने और उन्हें सीखने व समझने की प्रेरणा देता है। यह दिवस विश्व में शांति स्थापित करने और मनवाधिकारों की रक्षा करने पर भी केंद्रित है क्योंकि जब सभी आपस में मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करेंगे तभी विश्व में शांति की उम्मीद की जा सकती है।
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