पश्चिम बंगाल के भवानीपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने बदला फैसला,ममता के खिलाफ नहीं उतारेगी उम्मीदवार

INC Logo
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Sep 2021 05:19 PM
bookmark

पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी की राह आसान होती नजर आ रही है। कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि वह इस सीट पर अब अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

बतादें कि कल ही राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने कहा था कि वह भवानीपुर में अपना उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने अपना बयान वापस ले लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2024 में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता मजबूत करने की मुहिम के तहत यह फैसला किया है। वैसे भी भवानीपुर ममता बनर्जी की परंपरागत सीट है,जहां से वे लगातार जीतती आई हैं। जबकि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में वजूद की लड़ाई लड़ रही है और बीते विधानसभा चुनाव मे उसका खाता तक नहीं खुल पाया।  फिलहाल कांग्रेस ने अपने इस निर्णय से टीएमसी के साथ ही वामदलों को भी साधने की कोशिश की है। क्यों कि वामदलों की ओर से कहा गया है कि सूबे को टीएमसी और भाजपा का विकल्प चाहिए और वह इसी विकल्प के रूपन में मैदान में उतरेगी और कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी न उतारकर परोक्ष रूप से टीएमसी व वामदलों दोनो का समर्थन करने का संकेत दिया है।

अगली खबर पढ़ें

International Literacy Day- 8 सितम्बर: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस

International literacy day
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Sep 2021 10:59 AM
bookmark

आज, यानी 8 सितंबर का दिन पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज का दिन पूरे विश्व के लिए बेहद खास है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य पूरे विश्व के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। मानव जाति में शिक्षा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस बारे में संपूर्ण जानकारी आज के इस पोस्ट में हम आपको देंगे। लेकिन इससे पहले हम जान लेते हैं कि आखिर साक्षरता है क्या?

हम यदि भारतीय परिभाषा के मुताबिक साक्षरता को समझे तो इसका अर्थ है- बच्चा यदि 7 साल का हो जाए और वह अगर किसी भाषा को पूर्णत समझ, लिख एवं पढ़ ले तो वह साक्षर कहलाएगा। लेकिन क्या, साक्षरता की यह परिभाषा पूर्ण है? क्या साक्षर होने के लिए बस किसी भाषा को जान लेना ही आवश्यक है? नहीं साक्षरता का अर्थ इससे कहीं ज्यादा है। किसी को साक्षर बनाने का अर्थ है, उस व्यक्ति को अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाना व व्यक्ति के पूर्ण सामाजिक विकास का आधार बनाना।

कैसे और कब हुई विश्व साक्षरता दिवस की शुरुआत-

साल 1965 में, 8 से 19 सितम्बर के बीच, ईरान देश की राजधानी तेहरान में दुनिया के विभिन्न देशों के शिक्षा मंत्रियों का एक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में, पूरे विश्व में शिक्षा के महत्व को बढ़ाने को लेकर बातचीत की गई थी। इसी सम्मेलन में निर्धारित किया गया कि प्रतिवर्ष 8 सितंबर के दिन को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उसके बाद साल 1966 में पूरे विश्व में 8 सितंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। तब से लेकर आज तक 8 सितंबर का दिन विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज यह दिन पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। जैसा कि आप सभी जानते हैं पूरे विश्व में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। कोरोना काल में, जब पूरे विश्व में लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई ऐसे में शिक्षा के नए आयाम देखने को मिले। स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से इन दिनों ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिला है। कुछ छात्रों के लिए जहां या फायदेमंद साबित हुआ है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो वर्चुअल एजुकेशन प्राप्त करने में असफल है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस साल विश्व साक्षरता दिवस की थीम 'मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता : डिजिटल विभाजन को कम करना' रखी गई है।

अगली खबर पढ़ें

पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता, सितंबर 9 को वर्चुअल मध्यम से होगी बैठक

locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Sep 2021 05:20 PM
bookmark

नई दिल्ली:मंत्रालय ने जानकारी दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल फॉर्मेट में गुरुवार यानी सितंबर 9को को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय ने आगे बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी बैठक में पूर्ण रूप से शामिल होंगे जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। शिखर सम्मेलन 2021 में 'ब्रिक्स@15: अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति ' के लिए सहयोग विषय चुना गया है जिसको लेकर सभी ब्रिक्स सम्मेलन वाले देश बारी बारी अपनी राय रखेंगे। ये दूसरी बार प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे 2016 में भी गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता किया थी जिसमें उन्होंने काफी विस्तार से अपनी राय रखी थी। इस बार की बात करें तो भारत ऐसे समय में अध्यक्षता संभाल रहा है जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मैक्रोज ट्रॉयजो, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष, ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी को शामिल होना है जिसके लिए उनको अलग तरह से तैयारी करनी होगी। पिछला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस द्वारा आयोजित हुआ जिसमें कोरो ना को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल बैठक हुई थी और बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा हुई थी। ये शिखर सम्मेलन नवंबर के महीने में किया गया था और यह पहली दफा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग गलवान घाटी घटना के बाद एक प्लेटफॉर्म पर मौजूद थे।