Manipur News : मणिपुर सरकार ने कर्मचारियों के लिए लिया ये चौंकाने वाला फैसला

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Manipur government took this shocking decision for the employees
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Jun 2023 06:24 PM
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इंफाल। मणिपुर सरकार ने कार्यालय नहीं आने वाले अपने कर्मचारियों पर ‘काम नहीं, वेतन नहीं’ नियम लागू करने का फैसला लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से उन कर्मचारियों का ब्योरा देने के लिए कहा गया है, जो जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य की मौजूदा स्थिति के कारण कार्यस्थल पर उपस्थिति नहीं दर्ज करा पा रहे हैं।

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Income Tax News : 26 जून तक इतने लोगों ने दाखिल किए आईटीआर, विभाग ने जारी​ किए आंकड़े

सीएम बीरेन सिंह की बैठक में लिया गया फैसला जीएडी सचिव माइकल एचोम की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि 12 जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक और कार्यवाही के पैरा 5-(12) में लिए गए निर्णय के अनुसार, मणिपुर सचिवालय के सामान्य प्रशासन विभाग से वेतन प्राप्त कर रहे सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि उन सभी कर्मचारियों पर ‘काम नहीं, तो वेतन नहीं’ नियम लागू किया जा सकता है, जो अधिकृत छुट्टी लिए बगैर कार्यस्थल पर नहीं पहुंच रहे हैं।

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सामान्य प्रशासन विभाग ने दिया 28 जून तक का समय मणिपुर सरकार के लगभग एक लाख कर्मचारी हैं। परिपत्र में सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है, जो राज्य के मौजूदा हालात के चलते कार्यालय नहीं आ रहे हैं। इसमें निर्देश दिया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग और कार्मिक विभाग को 28 जून तक ऐसे सभी कर्मचारियों के नाम, ईआईएन (कर्मचारी पहचान संख्या), मौजूदा पता सहित अन्य विवरण उपलब्ध कराए जाएं, ताकि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती और अल्पसंख्यक कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #ManipurNews #ManipurGovernment #CMNVirenSingh
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Income Tax News : 26 जून तक इतने लोगों ने दाखिल किए आईटीआर, विभाग ने जारी​ किए आंकड़े

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Till June 26, so many people filed ITR, the department released the figures
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:45 PM
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नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने बताया कि 26 जून तक एक करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किये गये हैं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।

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बीते साल के मुकाबले 12 दिन पहले हासिल किया लक्ष्य वेतनभोगी करदाताओं और ऐसे करदाता, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है, उनके लिए वित्त वर्ष 2022-23 में हुई आय के लिए कर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि एक करोड़ आईटीआर दाखिल करने का लक्ष्य पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल 12 दिन पहले हासिल कर लिया गया।

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समय पर अपना आईटीआर दाखिल करें करदाता विभाग ने कहा कि इस साल 26 जून तक एक करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जबकि पिछले साल आठ जुलाई तक एक करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। विभाग ने करदाताओं से अपना आईटीआर जल्दी दाखिल करने का भी आग्रह किया, ताकि अंतिम समय की भीड़ से बचा जा सके। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #IncomeTaxNews # Incometax #ITR
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Manipur Violence : मणिपुर में शांति बहाली के लिए सेना ने मांगी जनता से मदद

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Army seeks public help to restore peace in Manipur
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 02:23 AM
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इंफाल। सेना ने लोगों से मणिपुर में शांति बहाल करने में उनकी मदद करने का आग्रह किया है। सेना ने कहा कि हिंसा प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं।

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महिलाओं के कारण पकड़ में नहीं आए 12 उग्रवादी सेना के स्पीयर्स कोर ने सोमवार देर रात ट्विटर पर ऐसी ही कुछ घटनाओं का एक वीडियो साझा किया और कहा कि इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है। यह बयान इंफाल ईस्ट जिले के इथम गांव में सेना और महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के बीच गतिरोध के दो दिन बाद आया है, जिसके कारण सुरक्षा बलों को वहां छिपे 12 उग्रवादियों को जाने देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

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सेना के रास्ते में आ रही हैं महिलाएं स्पीयर्स कोर ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप गंभीर परिस्थितियों के दौरान जान-माल का नुकसान रोकने के लिए सुरक्षा बलों को समय पर जरूरी कार्रवाई करने से रोकता है। उसने कहा कि भारतीय सेना सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है। मणिपुर की मदद करने में हमारी सहायता करें।

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मेइती उग्रवादियों को पकड़ने गई सेना के रास्ते में आईं महिलाएं अधिकारियों ने बताया था कि इंफाल ईस्ट के इथम गांव में महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को गतिरोध के बाद सेना ने नागरिकों की जान जोखिम में न डालने का परिपक्व फैसला किया और बरामद किए गए हथियारों व गोला-बारूद के साथ वहां से हट गए। इससे ही यह गतिरोध खत्म हो पाया। सुरक्षा बलों ने इथम गांव को शनिवार को घेर लिया था, जहां प्रतिबंधित मेइती उग्रवादी समूह कांगलेई योल कान-ना लुप (केवाईकेएल) के 12 सदस्य छिपे हुए थे। इस कार्रवाई के बाद भीड़ और सैनिकों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था। केवाईकेएल एक मेइती उग्रवादी समूह है, जो 2015 में छह डोगरा इकाई पर घात लगाकर किए गए हमले सहित कई हमलों में शामिल रहा है।

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अब तक जा चुकी है 100 से अधिक लोगों की जान गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।