Chhattisgarh : दो दिन में ही विधवा हो गई दुल्हन, शराब पीने से सेना के जवान समेत तीन की मौत

Chhattisgarh
दो दिन पहले ही हुई थी सेना के जवान की शादी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के नवागढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत रोगदा गांव में शराब पीने के बाद तीन लोगों नंदलाल कश्यप, सतीश कश्यप और परसराम साहू की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली कि सेना में पदस्थ जवान नंदलाल कश्यप अपने गांव रोगदा आया हुआ था। दो दिन पहले ही नंदलाल का विवाह हुआ था, परिवार प्रीतिभोज की तैयारी में लगा था।Noida News : बैंक में सिविल रिकार्ड खराब होने पर भी दिलाया करोड़ों का लोन
आज सुबह ही तीनों ने पी थी शराब पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नंदलाल से आज सुबह लगभग 6.30 बजे उसके मित्र सतीश और परसराम मिले और तीनों मित्रों ने शराब पी। उन्होंने बताया कि इसके कुछ देर बाद तीनों बेहोश होकर गिर गए। जब इसकी जानकारी वहां मौजूद लोगों को मिली, तब उन्होंने तीनों को नवागढ़ स्थित अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया है, साथ ही फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी गांव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शवों के पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजहों के बारे में अधिक जानकारी मिल सकेगी।Chhattisgarh
Twin Towers : जंग का अखाड़ा बना टि्वन टॉवर का खाली भूखंड
तनाव के मद्देनजर गांव में 200 पुलिसकर्मी तैनात पुलिस अधिकारियों ने बताया कि युवकों ने जहां से शराब खरीदी थी, वहां भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस के दल ने शराब के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे हैं। घटना के बाद गांव में तनाव की आशंका को देखते हुए लगभग दो सौ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये सहायता राशि देने की मांग की है। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
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दो दिन पहले ही हुई थी सेना के जवान की शादी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के नवागढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत रोगदा गांव में शराब पीने के बाद तीन लोगों नंदलाल कश्यप, सतीश कश्यप और परसराम साहू की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली कि सेना में पदस्थ जवान नंदलाल कश्यप अपने गांव रोगदा आया हुआ था। दो दिन पहले ही नंदलाल का विवाह हुआ था, परिवार प्रीतिभोज की तैयारी में लगा था।Noida News : बैंक में सिविल रिकार्ड खराब होने पर भी दिलाया करोड़ों का लोन
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बेजुबानों के लिए बेचा अपना घर
जानवरों की देखभाल के लिए हरसिमरन ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी। हरसिमरन की चाहत के लिए उनके परिवार को अपना घर भी बेचना पड़ा। शुरुआत में जब हरसिमरन घायल पशुओं को घर लाती थीं, तब परिवार वाले तो उनका साथ देते थे, लेकिन जिस सोसाइटी या कॉलोनी में वे रहते थे, वहां इतने सारे कुत्तों या बिल्लियों को रहने की इजाजत नहीं थी। जैसे-जैसे जानवरों की संख्या बढ़ने लगी वैसे-वैसे दिक्कतें भी बढ़ने लगीं। समय के साथ उन्हें कई घर भी बदलने पड़े। हरसिमरन ने बताया कि उन्होंने इन बेजुबानों की देखभाल के लिए अपने खुद के घर को बेच दिया। फिलहाल उनका पूरा परिवार शहर से दूर एक घर में रह रहा है, ताकि उनके साथ ये सभी बेजुबान जानवर भी आराम से रह सकें।
करीब 5000 रुपये हैं महीने का खर्च
हरसिमरन और उनके परिवार के साथ करीब 100 से अधिक डॉग्स, 10 बिल्ली और कुछ कछुए रहते हैं। इसके खाने-पीने से लेकर उनकी दवाईयों तक का खर्च हरसिमरन का परिवार उठाता है। इसके अलावा उन्होंने कुछ डोनेशन भी मिल जाती है। हरसिमरन बताती हैं कि शुरुआत में जब वह घायल जानवरों को घर लाती थीं. तो लोग वहां नाराज हो जाते थे. क्योंकि वहां इतने सारे कुत्तों या बिल्लियों को रखने की अनुमति नहीं थी। अब वो 5000 से अधिक रुपये हर महीने इन जानवरों की देखभाल में खर्च करती हैं। ऐसे में शहर से दूर रहने के बावजूद भी इन्हें दिक्कतों का काफी सामना करना पड़ता है।
अपनी व पिता की सेविंग का करती इस्तेमाल
हरसिमरन जिस गांव में वह रहती हैं, वहां पर उन्हें रहने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहां रहने वाले लोग इस काम को खराब मानते हैं। उन्हें अपने से अलग भी समझते हैं। बावजूद इसके हरसिमरन वालिया और उनका परिवार लगातार बेज़ुबानों की मदद के लिए तैयार रहता है। फिलहाल, हरसिमरन अपनी नौकरी और अपने पिता की सेविंग से यह काम कर रही हैं, वहीं उन्हें कुछ नियमित डोनर्स भी मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि वे खुद ही अपने घर में इन सभी बेजुबानों के लिए खाना पकाते हैं और दिन के 5 हजार रुपये खर्च करके इनका पेट भरते हैं।