चंद्र ग्रहण आज, गर्भवती महिलाएं बरते ये सावधानी

आज 19 नवंबर 2021 को चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण (Grahan) अवधि के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ नियत बताए गए हैं। कहा जाता है कि इन नियमों और सावधानी का ध्यान रखने से गर्भ में पल रही संतान पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
चंद्र ग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और 4.47 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण का चरम दोपहर बाद 2.34 बजे होगा जो कि अरुणाचल प्रदेश व असम के कुछ हिस्सों में थोड़ी देर के लिए देखने को मिलेगा। इसके साथ ही इस बार का चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, उत्तर अफ्रीका व दक्षिण अफ्रीका और यूएसए/दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं रखें ये सावधानियां -
- ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिला को अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में सहवास नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिला कैंची, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें। - ग्रहणकाल में गर्भवती महिला स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण को गर्भवती महिला बिल्कुल भी न देखें। चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता लेकिन गर्भवती इसे देखने से बचें तो ही सही है।
- ग्रहणकाल के दौरान गुरु मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
- ग्रहणकाल के दौरान मन में नकारात्मक भाव न आने दें इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है। - ग्रहणकाल के दौरान अच्छी भक्ति पुस्तकों का अध्य्यन करें।
- ग्रहणकाल में अनावश्यक रूप से ज्यादा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ना जाएं।
- गर्भवती महिला अपने पास तुलसी और गंगाजल रखें और इन्हीं का सेवन भी कर सकती हैं।
- गर्भवती महिला अपने पास सूखा नारियल का गोला रखें, सिरहाने सुपारी रखें।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी
आज 19 नवंबर 2021 को चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण (Grahan) अवधि के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ नियत बताए गए हैं। कहा जाता है कि इन नियमों और सावधानी का ध्यान रखने से गर्भ में पल रही संतान पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
चंद्र ग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और 4.47 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण का चरम दोपहर बाद 2.34 बजे होगा जो कि अरुणाचल प्रदेश व असम के कुछ हिस्सों में थोड़ी देर के लिए देखने को मिलेगा। इसके साथ ही इस बार का चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, उत्तर अफ्रीका व दक्षिण अफ्रीका और यूएसए/दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं रखें ये सावधानियां -
- ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिला को अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में सहवास नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिला कैंची, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें। - ग्रहणकाल में गर्भवती महिला स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण को गर्भवती महिला बिल्कुल भी न देखें। चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता लेकिन गर्भवती इसे देखने से बचें तो ही सही है।
- ग्रहणकाल के दौरान गुरु मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
- ग्रहणकाल के दौरान मन में नकारात्मक भाव न आने दें इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है। - ग्रहणकाल के दौरान अच्छी भक्ति पुस्तकों का अध्य्यन करें।
- ग्रहणकाल में अनावश्यक रूप से ज्यादा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ना जाएं।
- गर्भवती महिला अपने पास तुलसी और गंगाजल रखें और इन्हीं का सेवन भी कर सकती हैं।
- गर्भवती महिला अपने पास सूखा नारियल का गोला रखें, सिरहाने सुपारी रखें।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी







