Vice President Election : उपराष्ट्रपति चुनाव में गुलाम नबी आजाद हो सकते हैं विपक्ष के साझा उम्मीदवार
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 05:03 AM
New Delhi: नई दिल्ली। आगामी छह अगस्त को प्रस्तावित उपराष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। इस बात की चर्चा सियासी गलियारे में तैर रही है। फिलहाल 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। इसके बाद होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है। क्या सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बनेगी या दोनों ओर से अलग-अलग उम्मीदवार उतारे जाएंगे। चर्चा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि यह बात भी सच है कि कुछ विपक्षी दल इसके खिलाफ है।
कांग्रेस की ओर से अभी अपने उम्मीदवार के नाम के बाबत विचार साझा नहीं किए गए हैं। पार्टी की ओर से यह बयान भी सामने आ गया है कि वह इस चुनाव के लिए किसी नाम का सुझाव नहीं देने जा रही है। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की सर्वदलीय चर्चा के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा कि हमारा उम्मीदवार कौन होगा। हालांकि यह बात भी सच है कि पिछले दो दिनों से कांग्रेस आलाकमान जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ मैराथन बैठक कर रही है। इस बैठक में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल हुए थे। खबर यह भी है कि गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर में बड़ी भूमिका सौंपी जा सकती है। लेकिन, सबसे ज्यादा अटकलें उनके उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर लगाई जा रही है।
दूसरी ओर, आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए इसी सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय बोर्ड की बैठक होगी। उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है। ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो इसमें राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैठक से पहले उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनाने के प्रयासों के तहत पार्टी की ओर से विपक्षी दलों से भी संपर्क साधा जाएगा।
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02 Dec 2025 05:03 AM
New Delhi: नई दिल्ली। आगामी छह अगस्त को प्रस्तावित उपराष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। इस बात की चर्चा सियासी गलियारे में तैर रही है। फिलहाल 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। इसके बाद होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है। क्या सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बनेगी या दोनों ओर से अलग-अलग उम्मीदवार उतारे जाएंगे। चर्चा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद विपक्ष के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि यह बात भी सच है कि कुछ विपक्षी दल इसके खिलाफ है।
कांग्रेस की ओर से अभी अपने उम्मीदवार के नाम के बाबत विचार साझा नहीं किए गए हैं। पार्टी की ओर से यह बयान भी सामने आ गया है कि वह इस चुनाव के लिए किसी नाम का सुझाव नहीं देने जा रही है। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की सर्वदलीय चर्चा के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा कि हमारा उम्मीदवार कौन होगा। हालांकि यह बात भी सच है कि पिछले दो दिनों से कांग्रेस आलाकमान जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ मैराथन बैठक कर रही है। इस बैठक में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल हुए थे। खबर यह भी है कि गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर में बड़ी भूमिका सौंपी जा सकती है। लेकिन, सबसे ज्यादा अटकलें उनके उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर लगाई जा रही है।
दूसरी ओर, आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए इसी सप्ताह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय बोर्ड की बैठक होगी। उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है। ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो इसमें राजग उम्मीदवार का पलड़ा भारी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैठक से पहले उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनाने के प्रयासों के तहत पार्टी की ओर से विपक्षी दलों से भी संपर्क साधा जाएगा।
जुमलाजीवी, तानाशाह, नौटंकी जैसे शब्दों पर अब संसद में रोक
भारत
चेतना मंच
14 Jul 2022 04:56 PM
New Delhi : नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले लोकसभा सचिवालय ने संसद की कार्यवाही के दौरान कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। इस बाबत असंसदीय शब्दों और भवो को सूचीबद्ध करते हुए एक बुकलेट जारी किया है। इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य जुमलाजीवी, तानाशाह, नौटंकी जैसे दर्जनों शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों और अभिव्यक्तियों की एक पुस्तिका जारी की है, जिसके अनुसार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट, शर्मनाक, दुर्व्यवहार, विश्वासघाती, भ्रष्ट जैसे शब्दों को असंसदीय माना जाएगा। यह बुकलेट ऐसे वक्त जारी की गई है, जब 18 जुलाई से सदन का मानसून सत्र शुरू होने वाला है।
वहीं, अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाही, तानाशाह, जयचंद जैसे शब्दों पर भी रोक लगाई है। दोंनों सदनों में बहस के दौरान या अन्यथा इस्तेमाल होने पर विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून से खेती जैसे शब्दों के प्रयोग पर भी रोक रहेगी। इसके अलावा बुकलेट में नाटक, विधर्म, अक्षम शब्द को असंसदीय घोषित किया गया है। सत्तावादी, जयचंद, विनाश आदमी, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंडोरा पीठना और बहरी सरकार जैसे शब्दों को भी असंसदीय माना जाएगा। संसद की कार्यवाही में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर जारी नई गाइड लाइंस असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत तैयार की गई है।
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चेतना मंच
14 Jul 2022 04:56 PM
New Delhi : नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले लोकसभा सचिवालय ने संसद की कार्यवाही के दौरान कुछ शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। इस बाबत असंसदीय शब्दों और भवो को सूचीबद्ध करते हुए एक बुकलेट जारी किया है। इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य जुमलाजीवी, तानाशाह, नौटंकी जैसे दर्जनों शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों और अभिव्यक्तियों की एक पुस्तिका जारी की है, जिसके अनुसार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट, शर्मनाक, दुर्व्यवहार, विश्वासघाती, भ्रष्ट जैसे शब्दों को असंसदीय माना जाएगा। यह बुकलेट ऐसे वक्त जारी की गई है, जब 18 जुलाई से सदन का मानसून सत्र शुरू होने वाला है।
वहीं, अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाही, तानाशाह, जयचंद जैसे शब्दों पर भी रोक लगाई है। दोंनों सदनों में बहस के दौरान या अन्यथा इस्तेमाल होने पर विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून से खेती जैसे शब्दों के प्रयोग पर भी रोक रहेगी। इसके अलावा बुकलेट में नाटक, विधर्म, अक्षम शब्द को असंसदीय घोषित किया गया है। सत्तावादी, जयचंद, विनाश आदमी, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंडोरा पीठना और बहरी सरकार जैसे शब्दों को भी असंसदीय माना जाएगा। संसद की कार्यवाही में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर जारी नई गाइड लाइंस असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत तैयार की गई है।
डोलो-650 की बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को दिए 1,000 करोड़ के उपहार: सीबीडीटी
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 06:39 PM
CBDT : अपनी दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियां सब कुछ करने को तैयार रहती हैं। ऐसा ही एक मामला बुखार की दवा डोलो-650 बनाने वाली कंपनी का सामने आया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो-650 दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया है। आयकर विभाग ने छह जुलाई को बेंगलुरु स्थित माइक्रो लैब्स लिमिटेड के नौ राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी के बाद यह दावा किया है। सीबीडीटी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के बाद विभाग ने 1.20 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1.40 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण जब्त किए हैं। इस संबंध में माइक्रो लैब्स को भेजे गए ई-मेल का कंपनी ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है।
सीबीडीटी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में पर्याप्त आपत्तिजनक सबूत मिले हैं, उन्हें जब्त कर लिया गया है। बोर्ड के अनुसार, सबूतों से संकेत मिलता है कि समूह ने अपने उत्पादों और ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए अनैतिक प्रथाओं को अपनाया है। इस तरह के मुफ्त उपहारों की राशि लगभग 1,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। सीबीडीटी ने हालांकि अभी अपने बयान में समूह की पहचान नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह समूह माइक्रो लैब्स ही है।
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चेतना मंच
29 Nov 2025 06:39 PM
CBDT : अपनी दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियां सब कुछ करने को तैयार रहती हैं। ऐसा ही एक मामला बुखार की दवा डोलो-650 बनाने वाली कंपनी का सामने आया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो-650 दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों को लगभग 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया है। आयकर विभाग ने छह जुलाई को बेंगलुरु स्थित माइक्रो लैब्स लिमिटेड के नौ राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी के बाद यह दावा किया है। सीबीडीटी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के बाद विभाग ने 1.20 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1.40 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण जब्त किए हैं। इस संबंध में माइक्रो लैब्स को भेजे गए ई-मेल का कंपनी ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है।
सीबीडीटी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में पर्याप्त आपत्तिजनक सबूत मिले हैं, उन्हें जब्त कर लिया गया है। बोर्ड के अनुसार, सबूतों से संकेत मिलता है कि समूह ने अपने उत्पादों और ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए अनैतिक प्रथाओं को अपनाया है। इस तरह के मुफ्त उपहारों की राशि लगभग 1,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। सीबीडीटी ने हालांकि अभी अपने बयान में समूह की पहचान नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह समूह माइक्रो लैब्स ही है।