अरुण मौर्य पर पिछले साल पानीपत में दर्ज हुए थे 2 मामले Atiq Ahmed Murder Case

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Atiq Ahmed Murder Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:47 PM
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Atiq Ahmed Murder Case चंडीगढ़। गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में शामिल अरुण मौर्य पर पिछले साल हरियाणा के पानीपत में अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौर्य पर फरवरी, 2022 में शस्त्र अधिनियम के तहत और उसी साल मई में एक अन्य मामला दर्ज किया गया था तथा वह जेल भी गया था।

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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोपी कभी हरियाणा के पानीपत और कभी उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित अपने पैतृक गांव कादरवाड़ी में रहता था। पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मौर्य के खिलाफ 2022 में दो मामले दर्ज थे। उन्होंने कहा, "फरवरी 2022 में अवैध हथियार रखने के चलते शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया गया था, जबकि दूसरा मामला मई में एक झगड़े को लेकर दर्ज किया गया था।"

जब पानीपत में मौर्य के खिलाफ पहली बार शस्त्र अधिनियम के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था तो उसकी उम्र कितनी थी, इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने जवाब दिया, "हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, वह लगभग 18 साल का था।" अधिकारी ने कहा कि वह दोनों मामलों में जमानत पर था। शेखावत ने कहा कि मौर्य का परिवार कासगंज से है, लेकिन उसके दादा पानीपत में काम करते थे।

मौर्य के चाचा सुनील के मुताबिक आरोपी ने मैट्रिक की पढ़ाई की है। पानीपत में रहने वाले सुनील ने पत्रकारों को बताया कि आरोपी का 12 साल का एक भाई है जो छात्र है।

अतीक और उसके भाई की हत्या पर आरोपी के चाचा ने कहा कि घटना के बारे में परिवार को तब पता चला जब हरियाणा पुलिस मौर्य के बारे में पूछताछ करने के लिए उनके घर पानीपत पहुंची। अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों के रूप में आए तीन लोगों ने शनिवार की रात उस वक्त गोली मार दी जब पुलिसकर्मी उन्हें चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे। प्रयागराज अस्पताल के बाहर मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में हुई गोलीबारी के तुरंत बाद हमलावरों - बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ ​​सन्नी (23) और मौर्या को गिरफ्तार कर लिया गया।

प्राथमिकी के अनुसार, हमलावरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया।

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सपा नेता आजम खान की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली के अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक Azam Khan

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Azam Khan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:36 AM
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Azam Khan : नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (SP) के नेता आजम खान को सोमवार को यहां सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका ऑपरेशन होना है।

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अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि खान की हालत फिलहाल ‘स्थिर’ है। अस्पताल के उपाध्यक्ष (लैप्रोस्कोपिक, लेजर और जनरल सर्जरी) डॉ बी बी अग्रवाल ने कहा कि खान को सोमवार सुबह हर्निया की जटिल समस्या के कारण भर्ती कराया गया।

अस्पताल ने खान की स्थिति पर एक बुलेटिन में कहा कि हाल में हृदय में स्टेंट डाले जाने के कारण उन्हें वर्तमान में रक्त को पतला करने वाली दवा नहीं दी जा रही और जल्द ही हर्निया के लिए ऑपरेशन किया जाएगा। खान को नियमित चिकित्सा जांच के लिए पिछले साल मई में सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हुई थी एंजियोप्लास्टी सर्जरी

यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा नेता आजम खान की तबीयत पिछले कुछ महीने से खराब चल रही है. आजम की तबीयत पिछले साल अगस्त, मई और सितंबर महीने में खराब हुई थी। सितंबर में आजम खान को हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। आजम खान की एंजियोप्लास्टी सर्जरी हुई थी। आजम खान का चेकअप के बाद पता चला था कि उनको हार्ट अटैक आया था। मेडिकल जांच में आजम के दिल की नस में ब्लॉकेज होने की बात सामने आई थी। आजम खान को देखने सपा प्रमुख अखिलेश यादव दिल्ली पहुंचे थे।

बता दें कि आजम खान यूपी के सीनियर नेता हैं। वह समाजवादी पार्टी से रामपुर से 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं। वह अखिलेश यादव की सरकार और मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह रामपुर से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

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Maharashtra : सैनिकों की रक्षा न करने वाली सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं : पवार

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Maharashtra News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Apr 2023 12:28 AM
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Maharashtra News / पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार सैनिकों की रक्षा नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पवार ने 2019 के पुलवामा हमले के संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा किए गए "खुलासे" पर यह टिप्पणी की है। पवार पुणे जिले की पुरंदर तहसील में किसानों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

पवार ने कहा कि हालांकि देश में बहुत कुछ हुआ है, जिन घटनाओं का तथ्य सामने नहीं आया। पुलवामा नामक एक जगह है, जहां 40 जवान शहीद हुए थे। इसके पीछे की कहानी जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताई है, जिन्हें भाजपा ने उस पद पर नियुक्त किया था।

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पवार ने कहा कि उस समय (पुलवामा हमला के समय) सैनिकों को आवश्यक उपकरण और हवाई जहाज नहीं उपलब्ध कराए गए थे, इसलिए उनकी मौत हो गई। जब मलिक ने देश के एक बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह बात बताई, तो उन्हें इस बारे में बात नहीं करने को कहा गया।

राकांपा नेता ने कहा कि देश के सैनिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार पर होती है और यदि सरकार सैनिकों की सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाती है, तो हम सभी को यह रुख अख्तियार करना होगा कि सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, और इसके लिए अगला चुनाव महत्वपूर्ण है।

मलिक ने एक समाचार पोर्टल को दिए गए साक्षात्कार में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कुछ दावे किए थे। हालांकि, केंद्र ने मलिक की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि मलिक की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल हैं और इस संबंध में पार्टी ने हाल के वर्षों में उनके विभिन्न बयानों का हवाला दिया।

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