धर्मांतरण गिरोह का सरगना छांगुर बाबा गिरफ्त में, अवैध कोठी पर चला बाबा का बुलडोजर

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calendar30 Nov 2025 10:57 AM
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बलरामपुर में बड़ी कार्रवाई: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में मंगलवार को प्रशासन और ATS ने एक बड़ा एक्शन लिया। धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रशासन ने बलरामपुर स्थित उसकी 40 कमरों वाली आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला दिया। बताया जा रहा है कि यह कोठी अवैध निर्माण पर आधारित थी और सरकारी जमीन पर खड़ी की गई थी।

सुबह 10:50 बजे शुरू हुई कार्रवाई

प्रशासन की टीम मंगलवार सुबह 10:50 बजे कोठी पर पहुंची। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मेन गेट का ताला तोड़ा गया और एक-एक कमरे की तलाशी ली गई। दोपहर 2:15 बजे तक कोठी के 20 कमरे जमींदोज कर दिए गए। प्रशासन के अनुसार कोठी की छत पर सैकड़ों सोलर पैनल लगे थे, जिन्हें हटाने के बाद हॉल का हिस्सा भी तोड़ा गया।

ATS का दावा: कोठी से चलता था धर्मांतरण का नेटवर्क

ATS के मुताबिक, छांगुर बाबा ने इस कोठी से धर्मांतरण और लव जिहाद का एक संगठित नेटवर्क चला रखा था। बताया जा रहा है कि इस नेटवर्क में महिलाओं को बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया जाता था। कोठी में लगे 10 CCTV कैमरे, बाउंड्री वॉल पर तार और रात में दौड़ने वाला करंट सुरक्षा का हिस्सा थे, ताकि कोई बाहर से अंदर न आ सके।

नसरीन के नाम थी कोठी, छांगुर बाबा ने कराया धर्मांतरण

कोठी का मालिकाना हक नीतू उर्फ नसरीन के नाम था, जो छांगुर बाबा की महिला मित्र बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, बाबा ने पहले नीतू और फिर उसके पति और बेटे का भी धर्म परिवर्तन करवाया था। इसके बाद नसरीन मुंबई से बलरामपुर आकर बाबा के साथ रहने लगी और इसी कोठी का निर्माण कराया।

तीन बार नोटिस, फिर बुलडोजर चला

प्रशासन की ओर से नसरीन को 17 मई, 17 जून और 7 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने के नोटिस दिए गए थे। लेकिन किसी का जवाब नहीं आया। इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार को 2041 वर्गफुट में बने इस अवैध निर्माण को ढहा दिया।

गिरफ्तारी लखनऊ से, नवंबर 2024 से था मामला दर्ज

छांगुर बाबा को ATS ने लखनऊ से 50 हजार रुपए के इनामी आरोपी के रूप में उसकी महिला मित्र नसरीन के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ नवंबर 2024 में मुकदमा दर्ज किया गया था। पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए, जिनके आधार पर बलरामपुर में यह कार्रवाई की गई।

लोगों में खौफ, देर रात तक आते-जाते थे लोग

स्थानीय लोगों के अनुसार, छांगुर बाबा के खिलाफ कोई खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं करता था। बताया गया कि वह हमेशा अपनी गाड़ियों के काफिले के साथ आता-जाता था और कोठी से बाहर बहुत कम दिखता था। बीते 10 वर्षों में उसने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली थी, लेकिन आमदनी का स्रोत स्पष्ट नहीं है।

70 दिन होटल में रहकर नेटवर्क चलाता रहा

ATS की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और नसरीन ने लखनऊ के विकास नगर स्थित एक होटल में 70 दिन एक साथ बिताए थे। वहां से दोनों ने धर्मांतरण नेटवर्क को ऑपरेट किया। होटल स्टाफ के अनुसार, वे आम दंपति की तरह रहते थे और ज़्यादातर होटल में ही खाना खाते थे। यूपी में बिजली निजीकरण बना राष्ट्रीय मुद्दा, कल देशभर में 27 लाख कर्मचारी करेंगे हड़ताल
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यूपी में 'धर्मांतरण नेटवर्क' पर बुलडोजर : छांगुर बाबा की कोठी जमींदोज, 100 करोड़ की विदेशी फंडिंग का खुलासा

Changur baba
UP News
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calendar01 Dec 2025 01:07 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण के गहरे जाल को उजागर करते हुए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। धर्मांतरण का मास्टरमाइंड कहे जा रहे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी को रविवार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। यह कोठी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के आधार पर बनाई गई थी, जिस पर पूर्व में नोटिस भी जारी किया गया था।

ग्राम सभा की जमीन पर खड़ी थी करोड़ों की कोठी

बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र के मधपुर गांव स्थित यह कोठी गाटा संख्या 337/370 के तहत दर्ज 0.0060 हेक्टेयर ग्राम सभा भूमि पर अवैध रूप से खड़ी की गई थी। तहसील प्रशासन ने 7 दिन का नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन समयसीमा बीतने के बाद प्रशासन ने दो बुलडोजर मशीनों से ढांचा ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई से पहले कोतवाली प्रभारी अवधेश राज सिंह और उतरौला के तहसीलदार मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। प्रशासन का कहना है कि छांगुर के सहयोगियों की संपत्तियों की जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। UP News

जाति देखकर तय करता था धर्मांतरण की 'कीमत'

यूपी एटीएस द्वारा की गई जांच में ऐसे चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जो धर्मांतरण को सुनियोजित 'वित्तीय सौदेबाजी' के रूप में दर्शाते हैं। आरोप है कि छांगुर बाबा जातियों के अनुसार लड़कियों की कीमत तय करता था। ब्राह्मण और क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये तक की फंडिंग होती थी। लक्षित वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से असहाय होता था। जांच में अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग का संदेह जताया गया है, जिसका प्रयोग धर्मांतरण, प्रॉपर्टी खरीद, और महंगी गाड़ियों की खरीद में हुआ। UP News

मुंबई से बलरामपुर तक फैला नेटवर्क

छांगुर का नेटवर्क केवल बलरामपुर तक सीमित नहीं रहा। एटीएस के मुताबिक, मुंबई निवासी नवीन रोहरा और उनकी पत्नी नीतू को धर्म परिवर्तन कराकर जमालुद्दीन और नसरीन नाम दिया गया। यह दंपती बलरामपुर लाया गया और नेटवर्क का हिस्सा बना दिया गया। नवीन को 8 अप्रैल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। छांगुर ने शोरूम, कोठियां और विदेशी गाड़ियां भी बनाई हैं, जिनकी जांच अब केंद्रीय एजेंसियां भी कर रही हैं। UP News

न्यायालय लिपिक का कनेक्शन भी उजागर

इस प्रकरण की परतें खुलती जा रही हैं। जांच में सामने आया है कि छांगुर का संबंध उतरौला न्यायालय में तैनात लिपिक राजेश उपाध्याय से भी रहा है। राजेश ने छांगुर के मुकदमों में पैरवी की थी। बाद में पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीद में राजेश की पत्नी संगीता को भी हिस्सेदार बनाया गया। हालांकि राजेश ने किसी प्रकार के लेन-देन या साझेदारी से इनकार किया है, लेकिन एटीएस अब उन्हें आरोपी मानकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। UP News

राज्य सरकार का कड़ा संदेश

यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति को दर्शाती है, जिसके तहत धर्मांतरण, अवैध फंडिंग और अतिक्रमण के मामलों में जीरो टॉलरेंस अपनाया जा रहा है। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और अब बुलडोजर की कार्रवाई यही दिखाती है कि शासन-प्रशासन अब ऐसे संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक रुख अख्तियार कर चुका है। बलरामपुर की यह कार्रवाई महज एक अतिक्रमण हटाने का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध तंत्र के ध्वस्त होने की शुरुआत मानी जा रही है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और खुलासे इस कथित धर्मांतरण नेटवर्क के बारे में अहम जानकारियां सामने ला सकते हैं। UP News

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यूपी में बिजली निजीकरण बना राष्ट्रीय मुद्दा, कल देशभर में 27 लाख कर्मचारी करेंगे हड़ताल

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calendar08 Jul 2025 10:17 PM
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यूपी का फैसला बना राष्ट्रव्यापी चिंता: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को निजी हाथों में देने के फैसले ने देशभर के बिजली कर्मचारियों को आंदोलित कर दिया है। बीते कई दिनों से यूपी में बिजली विभाग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब यह विरोध प्रदेश की सीमाओं से बाहर निकल चुका है।

9 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर मंगलवार को घोषणा की गई कि बुधवार, 9 जुलाई को पूरे देश में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। इस हड़ताल में लगभग 27 लाख बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, अभियंता और जूनियर इंजीनियर भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजलीकर्मी पूरे दिन कार्यालयों और कार्यस्थलों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह हड़ताल केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अपनाई जा रही निजीकरण की नीति के विरोध में हो रही है। उनका कहना है कि सार्वजनिक सेवाओं को निजी हाथों में देने से आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा और कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।

निजीकरण पर रोक की मांग

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह हस्तक्षेप कर उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दे कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए। यह मांग देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों के साझा मांगपत्र में भी शामिल है।

जेल भरो आंदोलन की तैयारी

हड़ताल से पहले बिजली कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने सभी डिस्कॉम को निर्देश दिया कि जो भी कर्मचारी जेल भरो आंदोलन में भाग लेना चाहता है, उसकी जानकारी एक निर्धारित फॉर्मेट में भरवाकर भेजी जाए। इससे कर्मचारियों में और अधिक आक्रोश फैल गया। उत्तर प्रदेश ने लगाई विकास की छलांग, SDG इंडेक्स में हासिल किया बड़ा स्थान