Ghaziabad:ओमिक्रोन से घबराने की नहीं सजग रहने की जरूरत है’

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Jan 2022 05:52 PM
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गाजियाबाद । वरिष्ठ समाजसेवी एवं यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के प्रबंध निदेशक डॉक्टर पी एन अरोड़ा ने जनता के नाम संदेश देते हुए कहा कि मैं कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित हो गया हूं, लेकिन मेरे अनुभव के अनुसार इस समय चल रहे कोरोनावायरस के वेरिएंट ओमीक्रोन से बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। यह डेल्टा वेरिएंट से कम घातक है। इसमें सजग रहने की मुख्य आवश्यकता है क्योंकि यह डेल्टा वैरीअंट की तुलना में बहुत तेजी से फैलता है।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टर अरोड़ा यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में ही भर्ती हैं और उनका इलाज रेस्पिरेट्री एवं क्रिटिकल केयर टीम के वरिष्ठ डॉक्टर, डॉ आर के मणि, डॉ के के पांडे, डॉ अर्जुन खन्ना एवं डॉ अंकित सिन्हा कर रहे हैं । डॉक्टरों के अनुसार उनकी सघन निगरानी की जा रही है और उनकी हालत अभी स्थिर है।

डॉ पी एन अरोड़ा ने कहा कि कोरोनावायरस का उत्परिवर्तन हमेशा एक नई चुनौती के रूप में सामने आता है पहले डेल्टा वेरिएंट और अब ओमीक्रोन वेरिएंट, लेकिन इस चुनौती का सामना करने के लिए हम तैयार हैं हमारे पास उन्नत चिकित्सा सुविधाएं एवं दवाइयां उपलब्ध हैं जिससे हम सब मिलकर उसे हरा सकते हैं। हमें डरना बिल्कुल भी नहीं है और कोविड-19 रूप उचित व्यवहार को जारी रखना है जिसमें मास्क पहनना सामाजिक दूरी रखना और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना एवं इस तरह के आयोजन करना शामिल है।

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Big Breaking: जिस सरकारी कंपनी के खाद कारखाने का PM मोदी ने किया उद्घाटन, अब वो जा रही बिकने

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मोदी पर पीएचडी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:26 AM
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नई दिल्‍ली। 7 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गोरखपुर में खाद कारखाने के लोकार्पण समारोह में भाग लिया था। फिर 14 दिसंबर को खबर आ गई कि मोदी सरकार ने PDIL कंपनी (PDIL Company) को बेचने का फरमान जारी कर दिया है. दरअसल पीडीआईएल (PDIL) भारत सरकार के स्वामित्व वाले उर्वरक विभाग के तहत एक कंपनी है। यह एक मिनी रत्न, श्रेणी-1 और आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित प्रीमियर कंसल्टेंसी एंड इंजीनियरिंग सीपीएसई है। खासतौर पर यूरिया खाद आदि के कारखानों के निर्माण में इस संस्था की भूमिका सबसे बड़ी मानी जाती है। PDIL भारतीय उर्वरक उद्योग के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसके पास अवधारणा से लेकर विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करने तक डिजाइन, इंजीनियरिंग और संबंधित परियोजना निष्पादन सेवाएं प्रदान करने में छह दशकों से अधिक का अनुभव और विशेषज्ञता है। ऐसा भी नहीं है कि यह संस्था घाटे में चल रही है बल्कि पिछले कुछ सालों से तो इसने बेहतरीन रिजल्ट दिए हैं। पीडीआईएल (PDIL) ने 2019-20 में अब तक का सबसे उच्‍चतम वित्‍तीय प्रदर्शन किया है। इसके तहत उसने 133.01 करोड़ रुपये की लागत के काम-काज से राजस्‍व, 142.16 करोड़ रुपये की कुल आमदनी, टैक्‍स पूर्व 45.86 करोड़ का लाभ और टैक्‍स के बाद 31.83 करोड़ का लाभ हासिल किया है। GST: समाजवादी इत्र की असली सुगंध की खोज में जीएसटी-छापेमारी का बढ़ा विस्तार अब ऐसे संस्थान को भी क्यो बेचा जा रहा है यह समझ लीजिए सच तो यह है कि मोदी सरकार पूरी तरह से भारत को एक बार फिर से विदेशी ताकतों की गुलाम बनाना चाहती है। एक बात तो सभी मानेंगे कि किसान अपनी आमदनी तभी बढ़ा सकेंगे जब उन्हें यूरिया खाद आदि कम दामों में मिले और यह वस्तुए कम दाम पर तब मिलेगी जब इनका उत्पादन सरकारी कारखानों मे होगा, लेकिन भारत की बढ़ती हुई जरूरत को पूरा करने के लिए यूरिया के नए कारखाने खुलेंगे कैसे? जब PDIL जैसे PSU को ही बेच दिया जाएगा आपको जानकर हैरानी होगी कि पीडीआईएल ने भारत में लगने वाली लगभग 95% उर्वरक/अमोनिया यूरिया इकाइयों के निर्माण में अपना स योगदान दिया है।
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उप्र में तय समय पर होंगे चुनाव

उप्र में तय समय पर होंगे चुनाव
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calendar01 Dec 2025 03:16 PM
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लखनऊ (एजेंसी)। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने कहा कि सभी राजनैतिक दल तय समय पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं। आयोग प्रदेश में निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त तथा कोविड प्रोटोकॉल के तहत कराने के लिए प्रतिबद्घ है।

आज एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने कहा कि राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद सभी एसपी, डीआईजी, कमिश्ननर से मिलकर हालात का जायजा लिया गया। इसके बाद सभी नोडल अधिकारियों से चर्चा की गई। सबसे अंत में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों से बातचीत की। सभी दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निश्चित समय पर चुनाव कराने की मांग की। कुछ दलों ने कोविड प्रोटोकॉल के बिना पालन किए होने वाली रैलियों पर चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए 1500 लोगों पर एक बूथ को घटाकर 1250 लोगों पर एक बूथ कर दिया गया है। इससे 11 हजार बूथ बढ़े हैं। हर पोलिंग बूथ पर पानी, बिजली और शौचालय की व्यवस्था होगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था होगी।चुनाव आयुक्त ने कहा कि कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदाता एपिक कार्ड के अलावा 11 अन्य दस्तावेज दिखाकर वोटर वोट डाल सकता है। इसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज शामिल हैं।

चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ प्रतिनिधियों ने प्रशासन के पक्षपाती रवैये के बारे में शिकायत की। पुलिस द्वारा रैलियों पर अनुचित प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने प्रचार के दौरान धनबल, शराब और मतदाताओं को मुफ्त चीजें दिए जाने पर चिंता जताई है। इन मुद्दों से आयोग अवगत है। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। अब तक 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं।  नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं। 23.9 लाख पुरुष और 28.8 लाख महिला मतदाता हैं। 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि  2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं। इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं।

पार्टियां घनी आबादी वाले इलाके में बूथ के खिलाफ

चुनाव आयोग ने कहा कि लगभग पार्टियां घनी आबादी वाले इलाके में बूथ नहीं चाहते हैं, ताकि कोरोना दिशानिर्देश का उल्लंघन न हो। इसलिए घनी आबादी वाले इलाकों में बूथ नहीं होगा।