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बॉलीवुड की मानसिकता से निराश अनुराग कश्यप का मुंबई छोड़ने का फैसला

Anurg Kashyap

Anurg Kashyap

Anurg Kashyap : अनुराग कश्यप का नाम हिंदी सिनेता जगत में एक जाना पहचाना नाम है। वे बॉलीवुड के सफल फिल्म मेकर हैं। इनकी कई फिल्मों ने बॉक्स आॅफिस पर नोटों की बारिश करवा दी। वर्तमान परिस्थितियों अब उन्हें बॉलीवुड में घुटन महसूस हो रही है। अब फिल्म मेकर और एक्टर अनुराग कश्यप बॉलीवुड से परेशान हो गए हैं। यहां तक कि उन्होंने मुंबई छोड़कर साउथ शिफ्ट होने का प्लान भी बना लिया है। उनका कहना है कि यहां पर फिल्म बनाने का जो मजा पहले था वो खत्म हो गया है। उनकी इस बात में उनकी तल्खी साफ दिखाई पड़ रही थी।

साउथ चले अनुराग कश्यप

इतने सालों तक अलग-अलग जॉनर की फिल्में बनाने वाले अनुराग अब बॉलीवुड से त्रस्त हो गए हैं और वे मुंबई छोड़ने तक को तैयार हैं। ‘गैंग्स आॅफ वासेपुर’, ‘देव डी’ और ‘ब्लैक फ्राइडे’ जैसी फिल्मों से बॉक्स आॅफिस पर कब्जा जमाने वाले एक्टर और फिल्म मेकर अनुराग कश्यप का नाम हिंदी सिनेमाजगत के सफर डायरेक्टर्स में शामिल हैं। उन्होंने कहा आज बॉलीवुड में फिल्म बनाने का मजा खत्म हो गया है। मैनेजमेंट एजेंसीज नए कलाकारों को बेहतर एक्टर बनाने के बजाय स्टार बनाने के लिए कहती हैं, जो सिनेमाजगत के लिए एक नुकसानदायक तरीका होगा। इस सबसे त्रस्त होकर मैंने मुंबई बॉलीवुड छोड़ने का फैसला लिया है, मैं साउथ जाकर वहां इस कार्य को करुंगा।

एक्सपेरिमेंट्स करना मुश्किल हो गया

अनुराग कश्यप ने कहा कि मेरे जैसों के लिए कुछ अलग से करना मुश्किल हो गया है। यहां ‘मेरे लिए बाहर जाकर एक्सपेरिमेंट्स करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि सब कुछ पैसों से ही संभव होता है। प्रोड्यूसर मुनाफे और मार्जन के बारे में सोचने लगते हैं। फिल्म शुरू होने से पहले ही ये बेचने के बारे में सोचने लगते हैं, इसलिए मजा किरकिरा हो गया है। कुछ भी अलग हटकर करने की यहां अब सोच ही नहीं रही है। बस पैसा कमाने की होड़ मची है, उनके लिए कला और उसकी बारीकियों से कोई मतलब नहीं है। उन्हें केवल पैसा वसूल पिक्चर चाहिए।

अगले साल मुंबई छोड़कर साउथ जा रहा

अनुराग कश्यप ने कहा कि मैं अपनी इंडस्ट्री की मानसिकता से निराश हूं और परेशान हूं। आज यहां मानसिकता ऐसी बन गई है कि जो पहले काम हो चुका है उसे ही रीमेक करना है, कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं करेंगे। कश्यप ने कहा, इसीलिए मैं अगले साल मुंबई छोड़कर साउथ जा रहा हूं, जहां प्रेरणा मिले। नहीं तो मैं बूढ़ा होकर मर जाऊंगा। आज यहां मंजूमेल बॉयज जैसी फिल्में हिंदी में कभी नहीं बनेगी, लेकिन अगर हिट हुई तो रीमेक जरूर बनाया जाएगा, ताकि कमाई की गारंटी मिल सके।

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