Friday, 23 May 2025

आशीर्वाद या अभिशाप? तीन सुपरस्टार्स की बर्बादी की गवाह बनी एक हवेली!

सुपर स्टार राजेश खन्ना के परिवार ने उनका प्रतिष्ठित बंगला आशीर्वाद खाली कर दिया है और सारा सामान वहां से…

आशीर्वाद या अभिशाप? तीन सुपरस्टार्स की बर्बादी की गवाह बनी एक हवेली!

सुपर स्टार राजेश खन्ना के परिवार ने उनका प्रतिष्ठित बंगला आशीर्वाद खाली कर दिया है और सारा सामान वहां से हटा दिया। उसके नए मालिक हैं कारोबारी शक्ति शेट्टी जिन्होंने दो दिनों पहले ही इस शानदार बंगले का सौदा पूरा कर लिया। मुंबई के कार्टर रोड पर स्थित ‘आशीर्वाद’ बंगला एक समय में बॉलीवुड की पहचान हुआ करता था। यह बंगला जितना प्रसिद्ध था, उतना ही विवादों और अफवाहों में भी घिरा रहा। हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का यह निवास स्थान वर्षों तक सुर्खियों में रहा, लेकिन इसके पीछे छिपी एक काली कहानी ने इसे ‘भूत बंगला’ और ‘अभिशप्त बंगला’ बना दिया।

भारत भूषण थे ‘आशीर्वाद’ के पहले मालिक:

1950 के दशक में मशहूर अभिनेता भारत भूषण इस बंगले के पहले फिल्मी मालिक बने। ‘बैजु बावरा’ और ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’ जैसी फिल्मों से लोकप्रियता की बुलंदियों को छूने वाले भारत भूषण ने इस बंगले को खरीदा, लेकिन कुछ ही समय में उनके करियर का ग्राफ गिरने लगा। बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं और आर्थिक तंगी के चलते उन्हें बंगला बेचना पड़ा। यहीं से इस बंगले को लेकर यह धारणा बननी शुरू हुई कि यह घर दुर्भाग्य लेकर आता है।

दूसरे मालिक बने जुबली कुमार राजेन्द्र कुमार

1960 के दशक में सिल्वर स्क्रीन के ‘जुबली कुमार’ कहे जाने वाले राजेन्द्र कुमार ने यह बंगला ₹60,000 में खरीदा। शुरुआत में उनका करियर चमकता रहा, लेकिन दशक के अंत तक उनकी फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया। मजबूरी में उन्होंने भी बंगला बेच दिया। अब तक यह मान्यता और भी मजबूत होने लगी थी कि यह घर कलाकारों के करियर के लिए अशुभ है।

राजेश खन्ना और ‘आशीर्वाद’ की कहानी

1970 के दशक की शुरुआत में राजेश खन्ना ने इस बंगले को ₹3.5 लाख में खरीदा और इसका नाम ‘आशीर्वाद’ रखा। उस समय वह अपने करियर के शिखर पर थे, लगातार 17 सुपरहिट सोलो फिल्में दे चुके थे। आशीर्वाद में प्रवेश करते ही वह बॉलीवुड के ‘सुपरस्टार’ बन चुके थे।

लेकिन समय का पहिया घूमते देर नहीं लगी। जल्द ही उनके करियर में गिरावट आने लगी और निजी जीवन में भी परेशानियाँ बढ़ गईं। ठीक उसी दौर में अमिताभ बच्चन उभरते सितारे बनकर सामने आए। राजेश खन्ना ने इस बंगले को अपनी अंतिम सांस तक नहीं छोड़ा और 2011 में यहीं उनका निधन हुआ।

क्या यह बंगला वास्तव में था ‘अभिशप्त’?

भारत भूषण, राजेन्द्र कुमार और फिर राजेश खन्ना—तीनों बड़े सितारों का करियर इस बंगले में आने के बाद ढलान पर चला गया। यही कारण है कि वर्षों तक यह बंगला ‘अभिशप्त’ कहा जाता रहा। हालांकि, यह महज एक अंधविश्वास हो सकता है, लेकिन इसकी कहानी लोगों के दिलों में आज भी रोमांच और रहस्य बनाए हुए है।

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