Thursday, 28 March 2024

Farooq Sheikh : सादगी और सहजता से बनी पहचान आज भी cult movie है ,चश्मे बद्दूर।

Farooq Sheikh की 75वीँ जयंती  आज भी क्लासिक फ़िल्म चश्मे बद्दूर के मुरीद हैं दर्शक। Farooq Sheikh : दीप्ति नवल,…

Farooq Sheikh : सादगी और सहजता से बनी पहचान आज भी cult movie है ,चश्मे बद्दूर।

Farooq Sheikh की 75वीँ जयंती

 आज भी क्लासिक फ़िल्म चश्मे बद्दूर के मुरीद हैं दर्शक।

Farooq Sheikh : दीप्ति नवल, राकेश बेदी और रवि बासवानी के अभिनय से सजी 1981 की फ़िल्म चश्मे बद्दूर आज भी लोगों को एक बेहतर romcom (रोमांटिक और कॉमेडी) की याद दिलाती है। हालांकि आजकल की फिल्मों में दर्शकों के लिए इस जॉनर की कमी देखी जाती है और जो फ़िल्में romcom का टैग लेकर बनती भी हैं तो उनमें चश्मे बद्दूर जैसा सादगी भरा अभिनय और लम्बे समय तक दर्शकों को याद रहने वाला प्यार मौजूद नहीं रहता।
Farooq Sheikh
हाल ही लव रंजन के द्वारा निर्मित “तु झूठी मैं मक्कार” को देखने के बाद कई फ़िल्म विश्लेषकों का कहना है कि दीप्ति नवल और फारूक शेख की ऑनस्क्रीन जोड़ी के रूप में जो रोमांस और कॉमेडी दर्शायी गयी थी वो आज की फिल्मों को अब भी मात देती है।

दिल से सराही गयी दीप्ति नवल और Farooq Sheikh की जोड़ी

साईं पराँजपे के निर्देशन में बनी चश्मे बद्दूर एक कॉलेज ग्रेजुएट सिद्धार्थ ( Farooq Sheikh) और उसके दो रूम मेट्स ओमी (राकेश बेदी) और जोमो (रवि बसवानी) की कहानी है। सिद्धार्थ अपने रूम मेट्स के विपरीत ज्यादातर समय किताबों में ही ताल्लीन रहता है। वहीं नेहा ‘मिस चमको’ (दीप्ति) के सिद्धार्थ की जिंदगी में आने से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलता है।
मिस चमको एक डिटेर्जेंट के प्रचार के लिए सिद्धार्थ के घर पर दस्तक देती है और वहाँ उनकी पहली मुलाक़ात होती है जो उस समय के दर्शकों को आज भी याद है। हर आम इंसान की तरह सिद्धार्थ उन्हें बहाना बनाते हुए टालने के बारे में सोचता है लेकिन सिर्फ एक डेमो के लिए पांच मिनट रुकने को बोलती मिस चमको यहाँ सिद्धार्थ के बारे में और सिद्धार्थ को अपने बारे में जानने की आजादी देती है।

Farooq Sheikh : काल्पनिक नहीं, आस पास की कहानी लगती है

सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली बात इस फ़िल्म में यह है कि Farooq Sheikh और दीप्ति की यह जोड़ी बिल्कुल भी काल्पनिक नहीं लगती है और जिस तरह से वे बॉलीवुड के क्लासी और फैंसी रोमांस का मजाक उड़ाते हैं वह फ़िल्म को और भी हस्यास्पद बनाता है।

Farooq Sheikh : आज भी पैसा वसूल है चश्मे बद्दूर

इस फ़िल्म में केवल नायक और नायिका के पात्र ही नहीं बल्कि स्क्रिप्ट और सह-कलाकार भी प्रशंसा के योग्य है। फिल्म दिल्ली मे फिल्माई गई थी जो दर्शको के लिए नई ताज़गी ले कर आई थी । फिल्म का संगीत भी अब तक सुनने वालो की पसंद बना हुआ है।

2013 में डेविड धवन ने बनाई चश्मे बद्दूर की रीमेक

2013 में डेविड धवन ने चश्मे बद्दूर नाम से इस फिल्म का रीमेक बनाया था लेकिन उसे दर्शकों ने कुछ खास पसंद नहीं किया क्योंकि जब ओरिजिनल इतनी बेहतरीन हो तो रीमेक को कौन देखेगा। तापसी पन्नू और सिद्धार्थ को लीड रोल में रखकर बनाई गई इस फिल्म में नए जमाने के लटके झटके थे जो पुरानी चश्मे बद्दूर की सादगी और ताज़गी के आगे कहीं नहीं ठहरती। आज भी पैसा वसूल है चश्मे बद्दूर।

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