Bussiness News : नयी दिल्ली। आंकड़ों की खपत तेजी से बढ़ने से देश में डेटा केंद्रों की मांग बढ़ने के बीच वर्ष 2020 से डेटा केंद्रों को 10 अरब डॉलर (करीब 81,247 करोड़ रुपये) का निवेश मिला है। संपत्ति परामर्शदाता कंपनी कॉलियर्स इंडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया।
कॉलियर्स की ‘डेटा केंद्र- हरित युग में वृद्धि’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत में डेटा केंद्रों का क्षेत्रफल वर्ष 2025 तक दोगुना होकर करीब दो करोड़ वर्ग फुट हो जाएगा जो वर्तमान में 1.03 करोड़ वर्ग फुट है।
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देश के शीर्ष सात शहरों- मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में करीब 770 मेगावॉट की डेटा केंद्र क्षमता है।
कॉलियर्स इंडिया ने एक बयान में कहा, डिजिटलीकरण और क्लाउड प्रौद्योगिकी का ज्यादा इस्तेमाल होने से डेटा की खपत बहुत बढ़ गई है और यह भारत में डेटा केंद्रों की वृद्धि का कारण है। इसके अलावा कई राज्यों में डेटा केंद्रों को कम दाम पर जमीन औऱ स्टांप शुल्क में छूट भी दी जा रही है। देश के कुल डेटा केंद्रों में से सर्वाधिक 49 फीसदी मुंबई में स्थित हैं।