Friday, 19 April 2024

EPFO Rate: साढ़े 6 करोड़ लोगों को इस रेट से पीएफ पर दिया जाएगा ब्याज, केंद्रीय सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देखा जाए तो 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि  (EPFO Rate) को ध्यान में रखकर…

EPFO Rate: साढ़े 6 करोड़ लोगों को इस रेट से पीएफ पर दिया जाएगा ब्याज, केंद्रीय सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देखा जाए तो 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि  (EPFO Rate) को ध्यान में रखकर डिपॉजिट पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी देने जा रही है। ईपीएफओ ऑफिस की तरफ से देखा जाए तो इस बात की जानकारी मिलना शुरू हो गई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry)  की मंजूरी के बाद से देखा जाए तो ग्राहकों के खातों में ब्याज जमा किया जा रहा है। EFPO ने मार्च के महीने में 2021-22 के वित्तीय वर्ष के लिए  8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी किया जा रहा था।

जल्द ही क्रेडिट किया जा रहा है ब्याज

जानकारी के मुताबिक पीएफ  (EPFO Rate) पर मिलने वाला ब्याज (Interest Rate on PF) अभी कम हो गई है, इसी वजह से इसे दिसंबर से पहले ही क्रेडिट हो सकता है। अभी पीएफ पर 43 साल में सबसे कम ब्याज मिलने जा रहा है। अब  वित्त मंत्रालय से मंजूरी के बाद देखा जाए तो कभी भी ईपीएफओ के मेंबर्स के पीएफ खाते (PF Account) में ब्याज क्रेडिट होने जा रहा है।

सबसे निचले स्तर पर पहुंचा ब्याज

अभी पीएफ पर मिलने को लेकर ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर को लेकर पहुंच गया है। ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए पीएफ के ब्याज की दर 8.1 फीसदी तय कर दिया गया है। यह 1977-78 के बाद पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर होने जा रही है। इससे पहले 2020-21 में पीएफ के साथ 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलना शुरू हो गया था। फिस्कल ईयर 2020-21 (FY21) में पीएफ के ब्याज की दर को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ था। इससे ठीक एक साल पहले 2019-20 में इस ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी पर पहुंच गया था।

यहां इन्वेस्ट होता है पीएफ मिलने वाला पैसा

ईपीएफओ पीएफ खाताधारकों के खाते में देखा जाए तो जमा हुए पैसे को कई जगहों पर इन्वेस्ट करने जा रहे हैं। इस इन्वेस्टमेंट से होने जा रही कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूप में देखा जाए तो खाताधारकों को दिया जा रहा है। अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा डेट (Debt) ऑप्शंस में इन्वेस्ट करना होता है।

इनमें सरकारी सिक्योरिट (Govt Securities) और बॉन्ड (Bond) भी शामिल किया गया है। बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ (ETF) में लगाया जा रहा है। डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज तय करना अहम होता है।

 

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