नई दिल्ली: अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) की की बात करें तो थर्ड-पार्टी मरीन सर्विसेज (Adani deal) उपलब्ध करवाए जाने वाली मशहूर कंपनी ओसियन स्पार्कल (Ocean Sparkle) के 100 फीसदी स्टेक का अधिग्रहण कर लिया है।
APSEZ ने अपनी सब्सिडियरी अडानी हार्बर सर्विसेज (Adani Harbour Services) की मदद से 1,530 करोड़ रुपये में यह अधिग्रहण पूरा कर लिया है। कंपनी ने मरीन सर्विस सेग्मेंट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने को लेकर रणनीति के हिसाब से ये डील कर दिया है। यह ट्रांजैक्शन एक महीने में पूरी होने की संभावना जताई जा रही है।
कंपनी ने बीएसई को साझा की जानकरी
APSEZ ओएसएल द्वारा 75 फीसदी हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए 1,135.30 करोड़ रुपये का भुगतान कर कंपनी को खरीदेगी। इसके अलावा APSEZ ओएसएल की 24.31 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर परोक्ष अधिग्रहण के लिए 394.87 करोड़ रुपये का भुगतान भी करने जा रही है। ये ट्रांजैक्शन पूरा होने के साथ ही ओशियन स्पार्कल (Ocean Sparkle )अडानी ग्रुप की कंपनी Adani Harbour Services की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी की श्रेणी में पहुंच जाएगी।
कॉन्सॉलिडेटेड बिजनेस दोगुना होने की है उम्मीद
APSEZ के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अडानी ने जानकारी दिया है कि, ओएसएल और अडानी हार्बर सर्विसेज के तालमेल को देखने के साथ कहा जा सकता है कि मार्जिन में सुधार के अलावा अगले पांच साल में कॉन्सॉलिडेटेड बिजनेस बल होना शुरु हो जाएगा।
इससे APSEZ के शेयरहोल्डर्स को लेकर काफी जबरदस्त वैल्यू क्रिएट होना शुरु हो जाएगी। ” उन्होंने साथ ही कहा कि इस अधिग्रहण से कंपनी को अन्य देशों में अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए भी सहायता मिलना शुरु हो जाएगी।
ओशियन स्पार्कल के बारे में चेक करें जानकारी
आशियन स्पार्कल (Ocean Sparkle) की बात करें तो 26 जुलाई, 1995 को शुरु हो गया था। यह कंपनी पोर्ट ऑपरेशन्स और मैनेजमेंट सर्विस मुहैया कराने में मदद करती है। इनमें मरीन क्राफ्ट्स का टेक्निकल मैनेजमेंट भी शामिल किया गया है। भारत के अलावा ओएसएल की कारोबारी गतिवधियां श्रीलंका, सऊदी अरब, यमन, कतर और अफ्रीका में मौजूद है।