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5G Spectrum Auction: धमाकेदार स्पीड वाले 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई शुरू, भारत की टॉप कंपनियों हुई शामिल

नई दिल्ली:  भारत में 5G टेलीकॉम स्पेक्ट्रम (5G Spectrum Auction) को लेकर इंतजार खत्म हो गया है। आज से ही स्पेफ्ट्रम की नीलामी शुरू हो गई है। बोली प्रक्रिया की बात करें तो सुबह 10 बजे से ऑनलाइन शुरुआत हो गई जो कि शाम में करीब 6 बजे तक जारी रहेगी। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी डेटा नेटवर्क्स 5G टेलीकॉम स्पेक्ट्रम बोले लगाने वाली कंपनियों की सूची में शामिल है।

इसकी वैलिडिटी 20 साल तक होने जा रही है। नीलामी विभिन्न वाली फ्रीक्वेंसी बैंड, मीडियम (5G Spectrum Auction) और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड रेडियो वेव्स को लेकर होने जा रही है। नीलामी में सफल टेलीकॉम कंपनियों द्वारा 5G सर्विस मुहैया करवाने में मदद करेगी। यह मौजूदा 4G सर्विस से 10 गुना ज्यादा तेज होने की संभावना है।

5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में बोली लगाने के लिए जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने बयाना राशि जमा करवा दिया था। रिलायंस के इरादे इसी बात से स्पष्ट हो गया है कि इस राशि भारती एयरटेल की राशि से 2.5 गुना और वोडाफोन आइडिया से 6.3 गुना से ज्यादा है।

जानकारी के मुताबिक टेलीकॉम पोस्ट प्री-क्वालिफाइड बिडर्स वाली सूची के मुताबिक वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपए, भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपए, अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपए और रिलायंस जियो ने 14000 करोड़ रुपए तक जमा करने की शुरआत किया था। वहीं साफ तौर पर लगता है कि अडाणी नीलामी के दौरान केवल कम कीमत वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने को तैयार हैं।

जियो में सबसे अधिक हुआ एलिजिबिलिटी पॉइंट

14,000 करोड़ रुपए की EMD के अलावा नीलामी को लेकर Jio को आवंटित पात्रता अंक (eligibility points) 1,59,830 पर पहुंच गया है, जो चार बिडर्स की लिस्ट में काफी अधिक हो चुका है। आमतौर पर, EMD राशि नीलामी में स्पेक्ट्रम लेने को लेकर सभी कंपनियों में काफी उत्सुकता बढ़ चुकी है। अडाणी वाली जमा राशि के आधार पर 1,650 पॉइंट प्राप्त किया है।

बोली में इन कंपनियों का रहेगा दबदबा

रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी ग्रुप का बोली-प्रक्रिया में दबदबा रहने की उम्मीद लगाई जा रही है। चारों कंपनियों ने मिलने के बाद 21,800 करोड़ रुपए की बयाना राशि जमा कर चुकी है। यह उन्हें 2.3 ट्रिलियन रुपए (कुल राशि का 53%) के स्पेक्ट्रम को लेकर बोली लगाने की अनुमति देता है।

स्पेक्ट्रम कैसे करता है काम

एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में रेडियो फ्रीक्वेंसी मौजूद रहती है, जो टेलीकॉम सहित कई सर्विसेज को लेकर वायरलेस तरीके से सूचना प्राप्त कर सकते है। सरकार इन एयरवेव्स का मैनेजमेंट और आवंटन करने का कार्य कर रही है। स्पेक्ट्रम वाली फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंस तक के बैंड में डिवाइड करने काफी आसान है।

हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा में ज्यादा डाटा का इस्तेमाल होता है और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में अधिक स्पीड होती है, लेकिन इनको ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है। लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान करने में मदद करती है।

 

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