UTI के दौर से SIP के युग तक: 25 साल में म्यूचुअल फंड ने कैसे रचा इतिहास?

ताजा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2025 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM ₹80.80 ट्रिलियन (करीब ₹80.80 लाख करोड़) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। हैरानी की बात यह है कि महज 2020 के आसपास यह आंकड़ा करीब ₹30 लाख करोड़ के करीब था यानी सिर्फ 5 सालों में इंडस्ट्री ने लगभग तीन गुना उछाल दर्ज किया।

भारत की निवेश क्रांति
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar15 Dec 2025 12:29 PM
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Mutual Funds : भारतीय निवेश जगत की सबसे बड़ी कहानियों में अगर किसी एक बदलाव का नाम लिया जाए, तो वह है म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का “जन-आंदोलन” बन जाना। साल 2000 में जहां यह सेक्टर करीब ₹1 लाख करोड़ के आसपास सिमटा हुआ था, वहीं 2025 आते-आते तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है अब इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹80 लाख करोड़ के पार निकल चुका है। यह सिर्फ नंबरों की छलांग नहीं, बल्कि उस भरोसे की जीत है जो आम निवेशक ने धीरे-धीरे बाजार पर बनाया। ताजा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2025 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM ₹80.80 ट्रिलियन (करीब ₹80.80 लाख करोड़) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। हैरानी की बात यह है कि महज 2020 के आसपास यह आंकड़ा करीब ₹30 लाख करोड़ के करीब था यानी सिर्फ 5 सालों में इंडस्ट्री ने लगभग तीन गुना उछाल दर्ज किया।

कैसे बदला पूरा खेल?

साल 2000 में म्यूचुअल फंड बाजार पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) का लगभग एकतरफा दबदबा था। तब कुल AUM करीब ₹1,03,452 करोड़ था, जिसमें UTI की हिस्सेदारी 66% (करीब ₹68,524 करोड़) बताई जाती है। उस समय निवेश का मतलब कुछ चुनिंदा शहरों और सीमित निवेशकों तक सिमटा हुआ था और जोखिम का डर सबसे बड़ा ब्रेक। लेकिन समय बदला निवेशक बदला और निवेश का तरीका भी बदला। कोरोना काल के बाद बाजार में आई तेजी, डिजिटल ऑनबोर्डिंग, और निवेश को “हर महीने की आदत” में बदल देने वाली SIP ने इंडस्ट्री को नई रफ्तार दी। आज भारतीय बाजार पहले से ज्यादा गहरा, ज्यादा भागीदारी वाला और तुलनात्मक रूप से अधिक संगठित दिखता है।

SIP बना भरोसे का इंजन

इस ऐतिहासिक ग्रोथ के पीछे सबसे मजबूत कड़ी है आम निवेशक और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)। अब निवेश सिर्फ मेट्रो शहरों की चीज नहीं रहा। छोटे शहरों, कस्बों और उभरते भारत से आए नए निवेशकों ने म्यूचुअल फंड को असल मायनों में “मास प्रोडक्ट” बना दिया। इस बदलाव की झलक फोलियो डेटा में साफ दिखती है। मई 2021 में जहां म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या 10 करोड़ थी, वहीं नवंबर 2025 तक यह बढ़कर 25.86 करोड़ (258.6 मिलियन) हो गई। इक्विटी और हाइब्रिड स्कीम्स में हिस्सेदारी बढ़ना इस बात का संकेत है कि निवेशक अब पारंपरिक बचत विकल्पों से आगे बढ़कर लंबी अवधि के लिए इक्विटी में भरोसा जता रहा है।

निवेशकों का भरोसा क्यों बढ़ा?

इस तेजी के पीछे सिर्फ बाजार का मूड नहीं, बल्कि कई ठोस कारण हैं:

  1. वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion): निवेश अब पहले से ज्यादा आसान, डिजिटल और पहुंच के भीतर है—मोबाइल से फोलियो बन रहा है, KYC मिनटों में हो रही है।
  2. बाजार का प्रदर्शन: जब रिटर्न बेहतर दिखता है, निवेशक का आत्मविश्वास बढ़ता है—और वही भरोसा निवेश को टिकाऊ बनाता है।
  3. अनुशासित निवेश की आदत: SIP ने “एकमुश्त जोखिम” की मानसिकता तोड़ी और निवेश को नियमित प्रक्रिया बनाया, जिससे बाजार में स्थिर फंड फ्लो बना। Mutual Funds

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सोने ने फिर दिखाई चमक:10 ग्राम के दाम बढ़े,कौन-सा शहर कितना महंगा?

विशेषज्ञों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों ने सोने को सपोर्ट दिया। इसका असर सीधे घरेलू कीमतों पर दिखा और आज 10 ग्राम पर करीब 820 रुपये तक की बढ़त सामने आई।

महंगा हुआ गोल्ड
महंगा हुआ गोल्ड
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar15 Dec 2025 12:09 PM
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Gold Price Today: देशभर में सोमवार, 15 दिसंबर को सोना-चांदी दोनों की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया। सुबह के कारोबार में 10 ग्राम सोने के दाम कई शहरों में 1.34 लाख रुपये के स्तर से ऊपर पहुंच गए, जिससे खरीदार और निवेशक दोनों की नजरें फिर बाजार पर टिक गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों ने सोने को सपोर्ट दिया। इसका असर सीधे घरेलू कीमतों पर दिखा और आज 10 ग्राम पर करीब 820 रुपये तक की बढ़त सामने आई। नोट: ये रेट GST और मेकिंग चार्ज के बिना हैं ज्वेलरी खरीदते समय कुल भुगतान इससे अधिक हो सकता है।

देश के बड़े शहरों में आज सोने के रेट (प्रति 10 ग्राम)

देश के प्रमुख शहरों में आज सोने के भाव लगभग एक जैसे ट्रेंड पर रहे। दिल्ली और जयपुर में 10 ग्राम 22 कैरेट सोना ₹1,23,650 और 24 कैरेट ₹1,34,880 पर पहुंच गया। अहमदाबाद और पुणे में यह थोड़ा नीचे रहा—22 कैरेट ₹1,23,550 और 24 कैरेट ₹1,34,780। वहीं मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े बाजारों में 10 ग्राम 22 कैरेट ₹1,23,500 जबकि 24 कैरेट ₹1,34,730 दर्ज किया गया।

चांदी भी पीछे नहीं

सोने के साथ-साथ चांदी में भी मजबूती देखी गई। घरेलू स्पॉट मार्केट में चांदी के भाव बढ़कर करीब ₹1,97,900 प्रति किलो तक पहुंच गए। ग्लोबल मार्केट में भी चांदी में 1% से ज्यादा की तेजी दर्ज होने से कीमती धातुओं में निवेशकों की दिलचस्पी फिर बढ़ती दिख रही है।सोने की तेजी के साथ चांदी ने भी रफ्तार पकड़ ली है। घरेलू स्पॉट बाजार में चांदी के दाम चढ़कर करीब ₹1,97,900 प्रति किलो तक पहुंच गए, यानी सफेद धातु ने भी निवेशकों को साफ संकेत दे दिया कि ट्रेंड फिलहाल ऊपर की ओर है। उधर ग्लोबल मार्केट में चांदी 1% से ज्यादा उछली, जिससे यह साफ होता है कि निवेशक एक बार फिर महंगाई और अनिश्चितता के दौर में कीमती धातुओं को “सेफ हेवन” मानकर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से क्यों मिला सपोर्ट?

वैश्विक बाजार में सोना करीब 0.74% चढ़कर 4,326 डॉलर प्रति औंस के आसपास ट्रेड करता नजर आया। आमतौर पर डॉलर कमजोर होता है तो सोना निवेश के लिए ज्यादा आकर्षक बनता है। वहीं ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी गोल्ड को सपोर्ट देती है—क्योंकि कम दरों के माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तरफ बढ़ते हैं।

शादी के सीजन में भी मांग सुस्त क्यों?

भारत में शादी-विवाह का सीजन होने के बावजूद मांग उम्मीद के मुताबिक नहीं दिख रही। ऊंचे भाव और रोज़ बदलते रेट की वजह से आम खरीदार सतर्क हैं। इसी कारण कुछ जगहों पर डीलर अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में डिस्काउंट पर सोना बेचते नजर आ रहे हैं।

भारत में सोने की कीमत किन बातों पर तय होती है?

भारत में गोल्ड रेट रोजाना कई कारकों से प्रभावित होते हैं, जैसे

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव
  • डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल
  • इंपोर्ट ड्यूटी
  • टैक्स/अन्य सरकारी शुल्क Gold Price Today

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शेयर बाजार के यह 5 सितारे बना रहे निवेशकों को करोड़पति

2025 में कुछ Multibagger Stocks ने निवेशकों की किस्मत बदल दी। RRP Semiconductor, Swadeshi Industries, RRP Defence, Midwest Gold और Swan Defence जैसे 5 टॉप स्टॉक्स ने निवेशकों को 7000% तक का रिटर्न दिया। यह स्टॉक्स कम समय में भी शानदार लाभ देने वाले साबित हुए हैं।

BSE Shares
मल्टीबैगर स्टॉक्स 2025
locationभारत
userअसमीना
calendar14 Dec 2025 12:19 PM
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शेयर बाजार में निवेश करना हमेशा रोमांचक और जोखिम भरा होता है। कई बार बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है लेकिन ऐसे कुछ शेयर भी होते हैं जो निवेशकों की किस्मत बदल सकते हैं। 2025 में कुछ स्टॉक्स ने निवेशकों को वह रिटर्न दिया जो सपनों से भी बाहर है। इनमें से कुछ शेयरों ने इस साल अब तक 7000% तक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया। आइए जानते हैं इस साल के 5 सबसे शानदार मल्टीबैगर स्टॉक्स के बारे में।

मिडकैप इंडेक्स में हुए बड़े बदलाव

शेयर बाजार में इस साल सेंसेक्स और निफ्टी ने स्थिर प्रदर्शन दिया। निफ्टी 50 ने लगभग 10% और सेंसेक्स ने 9% की बढ़त दर्ज की। मिडकैप इंडेक्स में बड़े बदलाव नहीं हुए लेकिन चुनिंदा स्टॉक्स ने निवेशकों को हैरान कर दिया और उन्हें भारी लाभ पहुंचाया।

पहला स्टॉक: RRP Semiconductor

आरआरपी सेमीकंडक्टर के शेयरों में इस साल जबरदस्त उछाल आया है। 149.50 रुपये से बढ़कर इस साल अब तक इसका शेयर भाव 11,207 रुपये तक पहुंच गया। निवेशकों को इस स्टॉक से 7,396.32% का मल्टीबैगर रिटर्न मिला। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 15,380 करोड़ रुपये है।

दूसरा स्टॉक: Swadeshi Industries

स्वदेशी इंडस्ट्रीज का स्टॉक इस साल 2.92 रुपये से बढ़कर 146.40 रुपये पर पहुंचा। निवेशकों को 4,913.70% का रिटर्न मिला। हाल ही में कंपनी ने फिलीपींस की Pearlas Wel Flores International Trading Corporation के साथ समझौता किया जिसके बाद इस शेयर ने तेजी दिखाई।

तीसरा स्टॉक: RRP Defence

आरआरपी डिफेंस का शेयर 19.35 रुपये से बढ़कर 936.30 रुपये पर पहुंचा। इस बदलाव के कारण निवेशकों को 4,738.76% का रिटर्न मिला। कंपनी का मार्केट कैप 1280 करोड़ रुपये है।

चौथा स्टॉक: Midwest Gold

मिडवेस्ट गोल्ड के शेयर में भी शानदार प्रदर्शन देखा गया। साल की शुरुआत में 101.20 रुपये का यह शेयर अब 4075 रुपये तक पहुंच गया। निवेशकों को इस स्टॉक से 3,926.68% का रिटर्न मिला।

पांचवां स्टॉक: Swan Defence

स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड का शेयर 37.80 रुपये से बढ़कर 1199.30 रुपये तक पहुंचा। निवेशकों को इस साल अब तक 3,072% का रिटर्न मिला। कंपनी की मार्केट वैल्यू भी शेयर भाव बढ़ने के साथ 6,320 करोड़ रुपये हो गई।

निवेशकों के लिए सलाह

शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम के साथ आता है। इन मल्टीबैगर स्टॉक्स ने इस साल शानदार रिटर्न दिए हैं लेकिन किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है। सही जानकारी और रणनीति के साथ निवेश करना ही लंबे समय में फायदे का रास्ता है।

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