नयी दिल्ली। एलन मस्क चाहते हैं कि उनका स्टारलिंक पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों से भारत में वायरलेस इंटरनेट को प्रसारित करे। हालांकि, उनका समूह जिस लाइंसेस व्यवस्था का समर्थन कर रहा है, उसके चलते उन्हें मुकेश अंबानी की रिलायंस के साथ मुकाबला करना पड़ सकता है।
Business News
Greater Noida News : योगी आदित्यनाथ ने UPSC टॉपर्स को किया सम्मानित
सिग्नल वाले स्पेक्ट्रम या एयरवेव्स की नीलामी पर जोर न दे भारत : स्टारलिंक
पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मस्क ने 21 जून को कहा कि वह भारत में स्टारलिंक की शुरुआत करना चाहते हैं। इस सेवा की मदद से बुनियादी ढांचे की कमी वाले दूरदराज के गांवों में इंटरनेट को पहुंचाया जा सकता है। स्टारलिंक चाहता है कि भारत सिर्फ सेवा के लिए लाइसेंस दे और सिग्नल वाले स्पेक्ट्रम या एयरवेव्स की नीलामी पर जोर न दे। मस्क का यह रुख टाटा, सुनील भारती मित्तल और अमेजन से मेल खाता है। दूसरी ओर, अंबानी की रिलायंस का कहना है कि विदेशी उपग्रह सेवा प्रदाताओं के वॉयस और डेटा सेवाएं देने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए। रिलायंस का कहना है कि पारंपरिक दूरसंचार कंपनियों को समान अवसर देने के लिए ऐसा करना जरूरी है, जो सरकारी नीलामी में खरीदे गए एयरवेव्स का उपयोग करके ऐसी ही सेवाएं देते हैं।
Business News
Tribute : राजीव गांधी के करीबी रहे पूर्व सांसद राजकरन सिंह का निधन
एसएस के लिए स्पेक्ट्रम निर्णय महत्वपूर्ण
ब्रोकरेज कंपनी सीएलएसए ने एक टिप्पणी में कहा कि भारत की अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवा (एसएस) के लिए स्पेक्ट्रम निर्णय महत्वपूर्ण है। सरकार ने 2010 से 77 अरब अमेरिकी डॉलर के मोबाइल स्पेक्ट्रम की नीलामी की है। कई कंपनियां एसएस के लिए उत्सुक हैं। सीएलएसए ने कहा कि स्टारलिंक सहित कई कंपनियां भारतीय एसएस के लिए उत्सुक हैं। टिप्पणी में कहा गया है कि अमेजन, टाटा, भारती एयरटेल समर्थित वनवेब और लार्सन एंड टुब्रो नीलामी के खिलाफ हैं, जबकि रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया भारत एसएस नीलामी का समर्थन करते हैं।
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।