शेयर बाजार के यह 5 सितारे बना रहे निवेशकों को करोड़पति

2025 में कुछ Multibagger Stocks ने निवेशकों की किस्मत बदल दी। RRP Semiconductor, Swadeshi Industries, RRP Defence, Midwest Gold और Swan Defence जैसे 5 टॉप स्टॉक्स ने निवेशकों को 7000% तक का रिटर्न दिया। यह स्टॉक्स कम समय में भी शानदार लाभ देने वाले साबित हुए हैं।

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मल्टीबैगर स्टॉक्स 2025
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userअसमीना
calendar14 Dec 2025 12:19 PM
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शेयर बाजार में निवेश करना हमेशा रोमांचक और जोखिम भरा होता है। कई बार बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है लेकिन ऐसे कुछ शेयर भी होते हैं जो निवेशकों की किस्मत बदल सकते हैं। 2025 में कुछ स्टॉक्स ने निवेशकों को वह रिटर्न दिया जो सपनों से भी बाहर है। इनमें से कुछ शेयरों ने इस साल अब तक 7000% तक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया। आइए जानते हैं इस साल के 5 सबसे शानदार मल्टीबैगर स्टॉक्स के बारे में।

मिडकैप इंडेक्स में हुए बड़े बदलाव

शेयर बाजार में इस साल सेंसेक्स और निफ्टी ने स्थिर प्रदर्शन दिया। निफ्टी 50 ने लगभग 10% और सेंसेक्स ने 9% की बढ़त दर्ज की। मिडकैप इंडेक्स में बड़े बदलाव नहीं हुए लेकिन चुनिंदा स्टॉक्स ने निवेशकों को हैरान कर दिया और उन्हें भारी लाभ पहुंचाया।

पहला स्टॉक: RRP Semiconductor

आरआरपी सेमीकंडक्टर के शेयरों में इस साल जबरदस्त उछाल आया है। 149.50 रुपये से बढ़कर इस साल अब तक इसका शेयर भाव 11,207 रुपये तक पहुंच गया। निवेशकों को इस स्टॉक से 7,396.32% का मल्टीबैगर रिटर्न मिला। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 15,380 करोड़ रुपये है।

दूसरा स्टॉक: Swadeshi Industries

स्वदेशी इंडस्ट्रीज का स्टॉक इस साल 2.92 रुपये से बढ़कर 146.40 रुपये पर पहुंचा। निवेशकों को 4,913.70% का रिटर्न मिला। हाल ही में कंपनी ने फिलीपींस की Pearlas Wel Flores International Trading Corporation के साथ समझौता किया जिसके बाद इस शेयर ने तेजी दिखाई।

तीसरा स्टॉक: RRP Defence

आरआरपी डिफेंस का शेयर 19.35 रुपये से बढ़कर 936.30 रुपये पर पहुंचा। इस बदलाव के कारण निवेशकों को 4,738.76% का रिटर्न मिला। कंपनी का मार्केट कैप 1280 करोड़ रुपये है।

चौथा स्टॉक: Midwest Gold

मिडवेस्ट गोल्ड के शेयर में भी शानदार प्रदर्शन देखा गया। साल की शुरुआत में 101.20 रुपये का यह शेयर अब 4075 रुपये तक पहुंच गया। निवेशकों को इस स्टॉक से 3,926.68% का रिटर्न मिला।

पांचवां स्टॉक: Swan Defence

स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड का शेयर 37.80 रुपये से बढ़कर 1199.30 रुपये तक पहुंचा। निवेशकों को इस साल अब तक 3,072% का रिटर्न मिला। कंपनी की मार्केट वैल्यू भी शेयर भाव बढ़ने के साथ 6,320 करोड़ रुपये हो गई।

निवेशकों के लिए सलाह

शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम के साथ आता है। इन मल्टीबैगर स्टॉक्स ने इस साल शानदार रिटर्न दिए हैं लेकिन किसी भी निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है। सही जानकारी और रणनीति के साथ निवेश करना ही लंबे समय में फायदे का रास्ता है।

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भारत में सोने की कीमतें आसमान पर, 2026 में निवेशकों को क्या मिलेगा?

साल 2025 सोने और चांदी के निवेशकों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। सोने ने इस साल कई बार नया ऑल-टाइम हाई बनाया और निवेशकों को करीब 65% का शानदार रिटर्न दिया। वहीं चांदी ने 1971 के बाद का अपना सबसे बेहतरीन साल दर्ज किया। भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में उछाल रुपये की कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय...

Gold rate today news
सोने और चांदी की कीमतों का सालभर का ग्राफ
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userअसमीना
calendar14 Dec 2025 09:54 AM
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Gold Prices: 2025 में रिकॉर्ड तोड़ उछाल के बाद अब 2026 में क्या सोना देगा रिटर्न या थमेगी रफ्तार?


साल 2025 निवेशकों के लिए कई मायनों में यादगार रहा लेकिन अगर किसी एक एसेट ने इस साल इतिहास रचा है तो वह है सोना। बीते कई दशकों में ऐसा बहुत कम देखने को मिला है जब सोने ने एक ही साल में दर्जनों बार नया ऑल-टाइम हाई बनाया हो। 2025 में सोने ने न सिर्फ निवेशकों को महंगाई और अनिश्चितता से सुरक्षा दी बल्कि करीब 65 फीसदी का शानदार रिटर्न देकर पोर्टफोलियो की चमक भी बढ़ा दी। वहीं चांदी ने तो सोने से भी आगे निकलते हुए 1971 के बाद का अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन दर्ज किया। अब जब साल खत्म होने को है तो निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 2026 में भी यह चमक बरकरार रहेगी या अब मुनाफावसूली का दौर आएगा?

सोने में देखने को मिली एकतरफा तेजी

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो 1 जनवरी 2025 को सोने की कीमत करीब 2,600 डॉलर प्रति औंस थी। इसके बाद पूरे साल सोने में एकतरफा तेजी देखने को मिली। 200-दिन, 100-दिन, 50-दिन और 20-दिन के सभी प्रमुख एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज के ऊपर टिके रहते हुए सोने ने मजबूती दिखाई। 13 दिसंबर 2025 तक सोना बढ़कर करीब 4,300 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया जो साल भर में लगभग 65 फीसदी की तेजी को दर्शाता है। यह तेजी केवल तकनीकी कारणों तक सीमित नहीं रही बल्कि इसके पीछे वैश्विक स्तर पर कई मजबूत बुनियादी कारक भी सक्रिय रहे।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी ज्यादा तेज सोने की चाल

भारतीय बाजार में सोने की चाल अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी ज्यादा तेज रही। मुंबई में 1 जनवरी 2025 को सोना करीब 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था जो दिसंबर के मध्य तक बढ़कर लगभग 1,34,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। यानी घरेलू बाजार में सोने ने करीब 72 फीसदी का उछाल दर्ज किया। इसकी एक बड़ी वजह डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी रही। रुपया 90.5 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसल गया और चूंकि भारत अपनी ज्यादातर सोने की जरूरत आयात से पूरी करता है, इसलिए कमजोर रुपये ने घरेलू कीमतों को और ऊपर धकेल दिया।

चांदी ने भी निवेशकों को चौंकाया

सोने के साथ-साथ चांदी ने भी 2025 में निवेशकों को चौंका दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें साल की शुरुआत में करीब 28 डॉलर प्रति औंस थीं जो 13 दिसंबर 2025 तक बढ़कर लगभग 62 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं। इस तरह चांदी ने एक ही साल में करीब 121 फीसदी की छलांग लगाई और 1971 के बाद का अपना सबसे शानदार साल दर्ज किया। औद्योगिक मांग, ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने चांदी को जबरदस्त सपोर्ट दिया।

क्या है एक्सपर्ट का कहना?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2025 में सोने की इस ऐतिहासिक तेजी के पीछे कई बड़े कारण रहे। भू-राजनीतिक तनाव, ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितता, दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीद, ETF के जरिए बढ़ता निवेश, कमजोर डॉलर और कई देशों में ब्याज दरों में कटौती इन सभी फैक्टर्स ने मिलकर सोने को मजबूत सहारा दिया। गोल्ड रिटर्न एट्रिब्यूशन मॉडल के अनुसार, सिर्फ जोखिम और अनिश्चितता ने ही इस साल सोने के रिटर्न में करीब 11.5 प्रतिशत अंकों का योगदान दिया, जबकि डॉलर की कमजोरी और ब्याज दरों में कटौती से जुड़े ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट फैक्टर ने लगभग 10 प्रतिशत अंकों का योगदान दिया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का भी मानना है कि 2025 में सोने की तेजी किसी एक वजह पर नहीं बल्कि कई संतुलित कारकों पर आधारित रही।

बाजार पर बढ़ सकता है दबाव

2026 में सोना और चांदी किस दिशा में जा सकते हैं? एनालिस्ट्स का मानना है कि 2026 में सोने की चाल पूरी तरह से ग्लोबल मैक्रोइकोनॉमिक हालात, भू-राजनीतिक घटनाओं, सेंट्रल बैंकों की खरीद और गोल्ड रीसाइक्लिंग सप्लाई पर निर्भर करेगी। दिल्ली स्थित एक बुलियन मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक हाल के महीनों में गोल्ड रीसाइक्लिंग असामान्य रूप से कमजोर रही है। इसकी एक बड़ी वजह भारत में गोल्ड लोन का बढ़ता चलन है जहां 2025 में 200 टन से ज्यादा पुराने आभूषण गिरवी रखे गए हैं। सीमित रीसाइक्लिंग सप्लाई फिलहाल कीमतों को सहारा दे रही है लेकिन अगर भविष्य में मजबूरी में इन आभूषणों की बिकवाली बढ़ती है तो सेकेंडरी सप्लाई बढ़ने से बाजार पर दबाव भी बन सकता है।

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चांदी की तेज रफ्तार पर अचानक कैसे लगी ब्रेक? वजह चौंकाने वाली

चांदी के दाम में अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली है। महज चार घंटों में चांदी अपने पीक से करीब 8,800 रुपये तक टूट गई जबकि सोने की कीमतें भी रिकॉर्ड हाई से फिसल गईं। जानिए MCX पर आज सोने और चांदी के ताजा भाव, गिरावट की वजह, मुनाफावसूली का असर और आगे कीमतों का पूरा अनुमान।

Silver Price Today
चांदी के दाम में भारी गिरावट
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userअसमीना
calendar13 Dec 2025 11:12 AM
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शुक्रवार का दिन सर्राफा बाजार के लिए बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां एक तरफ चांदी ने अपने जीवनकाल का सबसे ऊंचा स्तर छूकर निवेशकों को चौंका दिया वहीं दूसरी ओर महज कुछ घंटों में ऐसा तेज क्रैश देखने को मिला कि बाजार में हलचल मच गई। चांदी चार घंटों के भीतर अपने पीक से करीब 8,800 रुपये तक टूट गई जबकि सोने की कीमतों में भी रिकॉर्ड हाई से गिरावट दर्ज की गई। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह निवेशकों की ओर से की गई जबरदस्त मुनाफावसूली रही।

कुछ घंटों में तेजी से फिसली चांदी की कीमत

शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर चांदी के भाव पहले तेजी से चढ़ते हुए शाम करीब 8 बजे अपने ऑल टाइम हाई स्तर 2,01,615 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए। जैसे ही चांदी ने 2 लाख रुपये का आंकड़ा पार किया वैसे ही बड़े निवेशकों ने मौके को भांपते हुए मुनाफा निकालना शुरू कर दिया। इसका असर यह हुआ कि कुछ ही घंटों में चांदी की कीमतें तेजी से फिसलती चली गईं। बाजार बंद होते-होते चांदी 1,92,851 रुपये प्रति किलो पर आकर बंद हुई।

बाजार में बना अचानक दबाव

इतना ही नहीं, देर रात कारोबार के दौरान चांदी और भी कमजोर होती नजर आई और एक समय यह 1,90,077 रुपये प्रति किलो तक फिसल गई थी। अगर गुरुवार की बात करें तो उस दिन चांदी 1,98,942 रुपये पर बंद हुई थी। इस हिसाब से चांदी एक ही दिन में करीब 6,091 रुपये सस्ती हो गई। साफ है कि ऊंचे स्तरों पर पहुंचते ही निवेशकों ने चतुराई दिखाते हुए मुनाफावसूली को तरजीह दी जिससे बाजार में अचानक दबाव बन गया।

कैसा है सोने का हाल?

सोने की बात करें तो वहां भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। हालांकि गिरावट की तीव्रता चांदी जितनी नहीं रही। शुक्रवार को MCX पर सोने के भाव 1,35,263 रुपये प्रति 10 ग्राम के साथ अपने लाइफ टाइम हाई पर पहुंचे थे। इसके बाद यहां भी मुनाफावसूली देखने को मिली और बाजार बंद होते समय सोना 1,33,622 रुपये पर आ गया। कारोबार के दौरान सोने ने 1,32,275 रुपये का निचला स्तर भी देखा।

सोने पर निवेशकों का भरोसा

गिरावट के बावजूद सोना गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को मजबूती के साथ बंद हुआ। गुरुवार को सोना 1,32,469 रुपये पर बंद हुआ था, जबकि शुक्रवार को इसमें 1,153 रुपये की तेजी दर्ज की गई। इससे साफ होता है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी सोने पर बना हुआ है भले ही ऊपरी स्तरों पर थोड़ी मुनाफावसूली हो रही हो।

निवेशकों को रिकॉर्ड रिटर्न

अगर पूरे साल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो सोना और चांदी दोनों ने निवेशकों को रिकॉर्ड रिटर्न दिया है। वायदा बाजार में पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन सोने की कीमत करीब 76,748 रुपये थी। वहां से अब तक सोना करीब 56,874 रुपये महंगा हो चुका है जो लगभग 74 फीसदी की जबरदस्त बढ़त को दिखाता है। वहीं चांदी ने तो इस मामले में सोने को भी पीछे छोड़ दिया है।

1 लाख से ज्यादा की छलांग

पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन चांदी की कीमत 87,233 रुपये प्रति किलो थी। अब यह बढ़कर 1 लाख रुपये से ज्यादा की छलांग लगा चुकी है। कुल मिलाकर चांदी में करीब 1,05,618 रुपये यानी 121 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। यही वजह है कि चांदी निवेशकों के लिए इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली धातु बन गई है।

जल्दबाजी में न लें फैसला

बाजार जानकारों के मुताबिक, सोने और चांदी की कीमतों में आई इस ऐतिहासिक तेजी के पीछे कई वजहें हैं। वैश्विक स्तर पर सप्लाई की कमी, माइनिंग प्रोडक्शन में गिरावट, आर्थिक अनिश्चितता और जियो-पॉलिटिकल तनाव ने कीमती धातुओं की डिमांड को मजबूत किया है। इसके साथ ही महंगाई और ब्याज दरों को लेकर बनी अनिश्चितता भी निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही बीच-बीच में मुनाफावसूली के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले लेकिन आने वाले समय में सोने और चांदी दोनों की कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे जल्दबाजी में फैसले लेने के बजाय बाजार की चाल को समझते हुए रणनीति बनाएं।


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