Bussiness नयी दिल्ली। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई की तरफ से खाद्य उत्पादों के पैकेट पर पौष्टिकता के बारे में सूचना देने से संबंधित नियम का मसौदा छोटे मिठाई एवं नमकीन विनिर्माताओं के हितों को चोट पहुंचाएगा।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गत सितंबर में पैकेट के अगले हिस्से में पौष्टिकता से संबंधित जानकारी देने का एक मसौदा पैकेटबंद खाद्य कंपनियों के लिए जारी किया था। इसमें खाद्य उत्पादों को उनकी पौष्टिकता के आधार पर फाइव स्टार रेटिंग देने की संकल्पना पेश की गई है।
कैट ने इसके विरोध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कैट ने प्रावधान के मसौदे को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं।
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने पत्र में कहा, प्रस्तावित नियम देशवासियों को पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने की अच्छी मंशा से लाया गया है। लेकिन इसमें खाद्य व्यवसाय से जुड़ी जमीनी हकीकत और ग्राहकों के खर्च से जुड़े मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है।
खंडेलवाल ने कहा है कि इस प्रस्तावित नियम के माध्यम से एफएसएसएआई खाद्य उत्पादों के कारोबार को एक ही ढंग से संचालित करने की कोशिश कर रहा है जबकि भारत विविधताओं से भरा देश है।
उन्होंने कहा, एक ही पैमाने पर सभी पैकेटबंद खाद्य उत्पादों को संचालित करने वाले किसी भी नियम से बड़ी संख्या में छोटे मिठाई एवं नमकीन व्यवसायियों के सामने कारोबार बंद करने की स्थिति पैदा हो जाएगी। इससे छोटे हलवाइयों एवं मिठाई-नमकीन विनिर्माताओं के यहां काम करने वाले लोग भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हो जाएंगे।