नई दिल्ली: मुद्रास्फीति (Inflation) में कमी के कोई संकेत नहीं दिखने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI Repo Rate) बुधवार को अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में एक और बढ़ोतरी किया जा सकता है ।
विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताते हुए बताया है कि गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Repo Rate) पहले ही इसके संकेत देना शुरू कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने बिना तय कार्यक्रम के हुई मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy) की बैठक को लेकर रेपो दर (Repo rate) में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर दिया था। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 फीसदी की और बढ़ोतरी होने जा रही है।
विशेषज्ञ आने वाले महीनों में रेपो दर में देखा जाए तो और बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। गवर्नर दास के नेतृत्व वाली एमपीसी (RBI Repo Rate) की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू होगी। बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की घोषणा गवर्नर बुधवार को करने जा रहे हैं।
थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनना शुरू ही गया है। और अप्रैल में यह 15.08 फीसदी के रिकॉर्ड उच्चस्तर तक पहुंच गया है। दास ने हाल ही में जानकारी दिया है कि रेपो दरों में कुछ बढ़ोतरी होने जा रही है, लेकिन अभी उन्हें नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी जा रही है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने एमपीसी की बैठक पर जानकारी दिया है कि यह समीक्षा वृद्धि और मुद्रास्फीति (RBI Repo Rate) पर केंद्रीय बैंक के विचारों के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया है कि रेपो दर में वृद्धि तो होने जा रही है, लेकिन यह 0.25-0.35 फीसदी से ज्यादा नहीं होने वाली है, क्योंकि मई में हुई बैठक की टिप्पणियों में यह संकेत मिल गया था कि एमपीसी रेपो दर में बड़ी वृद्धि के पक्ष में नहीं माना जा रहा था।
सरकार ने मुद्रास्फीति पर काबू को लेकर पेट्रोल-डीजल पर शुल्क में कटौती, कुछ खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने सहित कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं।
बोफा सिक्योरिटीज ने जानकारी दिया है कि उम्मीद है कि आरबीआई जून में रेपो दर में 0.40 फीसदी और अगस्त में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है। हाउसिंग डॉट कॉम, प्रॉपटाइगर डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने बताया है कि रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने को लेकर एक बार फिर रेपो दर में वृद्धि किए जाने की संभावना है। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि दरों में देखा जाए तो बढ़ोतरी धीरे-धीरे होनी चाहिए, क्योंकि इससे रियल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि प्रभावित हो रही है।
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