Signature Bank Crisis : अमेरिका में तीन दिन के अंदर एक और बैंक डूब गया। शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के डूबने के बाद रविवार को सिग्नेचर बैंक के डूबने की खबर से वित्तीय जगत में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया।पैसा निकालने के लिए बैंको में लोगों की भीड़ लग गई। अमेरिका में बैंक के वित्तीय संकट को देखते हुए फेडरल रिजर्व की इमर्जेंसी बैठक में बैंकों के वित्तीय संकट को लेकर कुछ खास कदमों पर विचार किया गया है.
Signature Bank Crisis :
क्यों है चिंता का विषय :
दरअसल सिग्नेचर बैंक अमेरिका का एक मुख्य क्षेत्रीय बैंक है जो क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देता है तथा उसके पास क्रिप्टोकरेंसी का अच्छा खासा निवेश भी है। इस बैंक को ताला लगने के साथ ही इस बैंक के ग्राहकों के साथ बाजार में भी वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया है. एक जानकारी के अनुसार साल 2022 के अंत तक बैंक के पास लगभग 110.36 अरब डॉलर की रकम मौजूद थी.
फिर क्यों आया बैंक संकट में ?
दरअसल बैंक ने लोन देने की अपनी नीति में कमी की थी जिससे उसका वित्तीय संतुलन गड़बड़ा गया था।
कहा जा रहा है कि मौजूदा संकट Run On The Bank की वजह से आया है।
क्या होता है रन ऑन द बैंक
जब खाता धारको को यह डर सताता है कि शायद बैंक अब उनका पैसा ना दे पाए तो ऐसे में अधिकांश ग्राहक एक साथ पैसा निकाल लेते हैं जिससे बैंक पर नकदी की परेशानी आ जाती है और उसे भुगतान करने में दिक्कत होती है, यानी कि ये वो समय है जब लोगों का भरोसा बैंक से उठ जाता है और यह बैंक को डूबने की स्थिति की तरफ ले जाता है।
अमेरिकी बैंकिंग इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा संकट
सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने से पहले 2008 में अमेरिका में वाशिंगटन म्यूच्यूअल नाम का बैंक डूब गया था जो अभी तक का सबसे बड़ा बैंकिंग संकट था ।उसके बाद सिलीकान वैली बैंक का डूबना दूसरा बड़ा संकट बना और रविवार को जब सिग्नेचर बैंक के भी डूबने की खबर आई तो यह अमेरिकी बैंकिंग इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा बैंकिंग संकट बन गया है।
बेखौफ है अमेरिकी सरकार :
बहरहाल अभी तक तो अमेरिकी सरकार इस वित्तीय संकट से बेखौफ नजर आ रही है फिर भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बयान जारी किया है की अमेरिकन बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित है तथा सरकार इस वित्तीय संकट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगी। इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट करके अपना बयान भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा की हम बड़े बैंकों के रेगुलेशन सिस्टम को और भी मजबूत बनाएंगे.
सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने से भारत में भी इन्वेस्टर्स के बीच एक बार फिर से डर का माहौल उत्पन्न हो गया है क्योंकि सिग्नेचर बैंक ने भारत में भी कई प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट कर रखा है जिसके बाद से अब उन प्रोजेक्ट्स पर भी वित्तीय संकट उत्पन्न हो जाएगा. बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा की अमेरिका इन बैंकों के वित्तीय संकट से कितनी जल्दी और किस प्रकार से निकल पाता है.
क्या होगा कस्टमर्स का ?
बहरहाल अमेरिकन सरकार ने बैंक के कस्टमर्स को आश्वस्त किया है की उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय खतरा नही है तथा अमेरिकन सरकार इस वित्तीय संकट में पूरी तरह से कस्टमर्स के साथ है.
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क्या यह दुनिया में मंदी का दौर है ?
विशेषज्ञों की राय माने तो ये किसी भी प्रकार की मंदी का दौर नहीं है यह सिर्फ अमेरिका के दो तीन बैंकों का हाल हुआ है। समूचे अमेरिका में भी ऐसा नहीं है। निवेशक दुनिया के बैंकों में भारी निवेश कर रहे हैं साथ ही हिंदुस्तान में भी अर्थव्यवस्था बिल्कुल पटरी पर है। इससे दुनिया भर में मंदी आएगी ऐसा अभी नहीं कहा जा सकता । दुनिया के बाजार के लिए अभी ऐसा कुछ नहीं है।