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Noida: कोविड की अनिश्चितता ने हमें कई सारे अवसर प्रदान किये: डा.पात्रा

Noida: नोएडा । एमिटी बिजनेस स्कूल (Amity Business School) द्वारा ‘नव वास्तविकता में अग्रणी- कार्यो में अंर्तदृष्टि’ विषय पर ऑनलाइन 7 वे ग्लोबल लीडरशिप रिसर्च सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ राज्यसभा सांसद डा सस्मित पात्रा, कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा कार्ल मूर, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, वित्त मंत्रालय के प्रिसिंपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल, एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल द्वारा किया गया । इस अवसर पर कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा कार्ल मूर, ब्लैकरॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर और टेक एवं ओफ्स के भारत प्रमुख निशांत गोविल और कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड की एचआर हेड अरूनधती मुकु को एमिटी एक्सलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।

राज्यसभा सांसद डा सस्मित पात्रा (Rajya Sabha MP Dr. Sasmit Patra) ने कहा कि जब आप नेता कहते है तो आपको खादी पहने राजनेताओं की झलक दिखती है लेकिन ऐसा नही है हमे समझना होगा कि नेतृत्व का अर्थ घर का संचालन करने वाली गृहणी से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक है।
कोविड की अनिश्चितता ने हमें कई सारे अवसर प्रदान किये है ‘गिग’ इकोनॉमिक के पहलू सामने आ रहे है। इस गिग इकोनॉमिक में हर व्यक्ति स्वतंत्र कार्य करता है, और कंपनी ग्राहको को सेवाएं प्रदान करने के लिए गिग कर्मचारियों की सेवाएं लेती है जिससे लागत कम होगी और उत्पादकता बढ़ेगी। आज वर्क फ्राम होम और रिमोट वर्किंग भारत में नव समान्य बन रहा है।

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एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष प्रसिद्घ शिक्षाविद् डा. अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी के शिक्षण वातावरण मे ‘हम छात्रों को सफल बनने के लिए मूल्यों और संस्कारों के साथ शिक्षा प्रदान करते है। उन्होनें छात्रो से कहा कि सम्मेलन में आये उद्यमियों, विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें, इनके विचारो ‘से आप नेतृत्वता के गुण को समझ कर जीवन में सफल होगें। किसी भी देश का विकास उद्योग, शोध और नवाचार से संभव है इसलिए हमें नवाचार के महत्व को समझना होगा और हम छात्रों को सदैव शोध नवाचार के लिए प्रेरित करते है।

वित्त मंत्रालय के प्रिसिंपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने संबोधित करते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत कोरोना महामारी सबसे बड़ा आर्थिक और मानवीय झटका रहा है। उन्होनें छात्रों को ऐसी परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता को बताते हुए कहा कि सबसे पहले आपको समझना चाहिए कि आप एक ऐसे वातावरण मे  है जहां संभावनाओं और अनुमानों की गुजाइंश कम होती है।

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