नई दिल्ली: कर्ज के संकट से परेशान होने वाली अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने को लेकर टोरंट ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगा दिया है। रिलायंस कैपिटल लिमिटेड को खरीदने को लेकर टोरंट ग्रुप 8640 करोड़ रुपए लगाने को तैयार है। अनिल अंबानी की इन्वेस्टमेंट कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए कई कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है। जिसमें हिंदूजा ग्रुप ने ₹8150 करोड़ तक बोली लगा दिया था। पिरामल समूह में शुरुआत के दौरान रिलायंस कैपिटल को खरीदने में दिलचस्पी ली थी लेकिन बोली वाली प्रक्रिया में मौजूद नहीं हुई।
सूत्रों ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया के तहत इस कंपनी को कर्ज देने वाली समिति की बात करें तो नीलामी के लिए बेस प्राइस 6,500 करोड़ रुपये तय हुआ था। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के एक आदेश के मुताबिक रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं को 31 जनवरी 2023 तक इसका रिजॉल्यूशन पूरा करना होगा।
हालांकि रिलायंस कैपिटल की नीलामी. अभी कौन सी कंपनी को रिलायंस कैपिटल को खरीदेगी जिसपर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। यह पहला मौका है जब किसी कर्ज वाली कंपनी की नीलामी की प्रक्रिया आरंभ हुई है।
LIC, EPFO की कंपनी में है अहम हिस्सेदारी
रिजर्व बैंक की बात करें तो नवंबर में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को कंपनी से बर्खास्त किया गया था। इसी के साथ नागेश्वर राव वाई को कंपनी का एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्त किया गया था। रिलायंस कैपिटल की नीलामी का फैसला एलआईसी और ईपीएफओ के आग्रह के बाद लिया गया है।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने मांगी मदद
इससे पहले अनिल अंबानी की एक और कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Reliance General Insurance Company) ने कर्ज में डूबी मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड से कारोबार बढ़ाने के लिए 600 करोड़ रुपये तक की मदद मांगा था। जानकारी के मुताबिक कर्जदाताओं की समिति (COC) जल्द ही मीटिंग में पूंजी देने को लेकर आरजीआईसी (RGIC) के अनुरोध पर चर्चा करने पर विचार करने जा रही है।रिलायंस कैपिटल इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (ICB) के तहत समाधान प्रक्रिया में गुजर रही है।