नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार के दिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक किया था। ये बैठक कोरोना में चल रहे हालात पर चर्चा करने के बुला दी गई थी, लेकिन इसको लेकर पीएम मोदी ने राज्यों को पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) की कीमतों में रियायत देने की नसीहत दिया था।
पीएम ने जानकारी दिया है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में एक्साइजट ड्यूटी (Petrol-Diesel Price) कम की गई थी और राज्यों से टैक्स कम करने का आग्रह कर दिया गया था लेकिन कुछ राज्यों ने मेरी बात समझने की कोशिश नहीं किया।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों से बताया कि मेरा आग्रह है कि वैट घटाएं और नागरिकों को फायदा दिया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मीटिंग में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु का नाम लिया जा चुका है। वहीं, कर्नाटक और गुजरात जैसे बीजेपी शासित राज्यों की तारीफ करते हुए कहा कि अगर ये वैट न घटाते तो इन्हें हजारों करोड़ रुपये का राजस्व मिलना शुरू हो जाता।
पीएम के बयान पर सियासत हो गई तेज़
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को लेकर सियासत भी तेज होना शुरू हो गई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ट्वीट कर जानकारी दिया है कि केंद्र सरकार सेस के नाम पर राज्य को लूटने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र अगर सेस को हटा देते हैं तो पूरे देश में पेट्रोल 70 रुपये और डीजल 60 रुपये प्रति लीटर में मिलना शुरू हो जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दिया है कि केंद्र पर हमारा 98 हजार करोड़ रुपये बकाया रह चुका है, अगर केंद्र इसका भुगतान करता है तो अगले 5 साल तक कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जानकारी दिया है कि सबसे ज्यादा टैक्स महाराष्ट्र से दिया जा रहा है। उसके बावजूद केंद्र पर 26 हजार करोड़ का जीएसटी बकाया हो चुका है। उन्होंने महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया जा चुका है।
पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगाई जा रही है। एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार ने पिछले 8 साल में 18.23 लाख करोड़ रुपये की कमाई करना शुरू हो गई है। इसमें से 2.62 लाख करोड़ रुपये अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 तक कमाया जा चुका है।
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