Monday, 18 November 2024

Agriculture News: खेती और किसान: रक्त के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है ओट्स

Agriculture News: ओट्स को वानस्पतिक रूप से एविना सटाइवा के नाम से जाना जाता है, जिसे आमतौर पर जई भी…

Agriculture News: खेती और किसान: रक्त के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है ओट्स

Agriculture News: ट्स को वानस्पतिक रूप से एविना सटाइवा के नाम से जाना जाता है, जिसे आमतौर पर जई भी कहा जाता है। आजकल यह ओट्स और ओटमील नाम से ज्यादा प्रचलित है। कुछ स्थानों पर इसे जई का दलिया भी कहा जाता है। आमतौर पर यह एक साबुत अनाज है। इसके बीज के दलिये को ओटमील कहते हैं, जिससे तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं। हरियाणा और पंजाब राज्यों में इसकी पैदावार अधिक होती है। इसकी खेती खराब मृदा में भी की जा सकती है, जहां अन्य फसलें उगने में असमर्थ होती हैं। ओट्स पूरे वर्ष सेवन हेतु उपलब्ध होता है। ओटमौल को हताबंद डब्बे में ठंडी एवं सूखी जगह पर लगभग दो महीनों तक रखा जा सकता है। ओट्स हमारे सुबह के नाश्ते में सबसे जयादा प्रयोग होने वाला पदार्थ है।

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ओट्स में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है। इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्वों के कारण हमारे भोजन में कैलोरी की मात्रा नियंत्रित रहती है। ओट्स हमारी कुल कंलोरी को 81 प्रतिशत तक कम कर सकता है। ओट्स शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है। ओटमील खाने से पेट भरा रहता है और जल्दी भूख भो नहीं लगती है। 100 ग्राम ओट्स में 16.9 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती हैं तथा 1.628 किलो जूल ऊर्जा देती है।

इसके सेवन से यह रक्त के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है, जिसमें हृदय रोग को आशंका भी कम रहती है। इसमें विटामिन, मिनरल और मैंगनीज होने के कारण यह हमारी हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता हैं।

बीटा-ग्लूकोन शरीर में कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह को नियंत्रित करने के साथ ही हानिकारक जीवाणुओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिनमें एवेनानथ्रालिड्स भी शामिल हैं। उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

ओट्स का खाद्य पदार्थों में उपयोग:

आजकल बाजार में विभिन्न प्रकार के ओट्स उपलब्ध हैं। जैसे-परिष्कृत ओट्, पूर्ण ओट्स, ओट्स का आटा, पैकड ओट्स (जो जल्द बन जाते हैं) इत्यादि। यह मैदा के एक पौष्टिक विकल्प के रुप में माना जात है। इसका सेवन कई प्रकार से किया जाता है। इसको ओटमील और बारीक आटे के रूप में प्रयोग किया जाता है। दिन की शुरूआत करने के लिए इसका गरमा-गरम उपयोग बेहतरीन होता है। इसको कच्चा भी खाया जा सकता है। इससे खिस्कुट भी बनाये जा सकते हैं, जो लोगो को काफी पंसद भी आते हैं। ओटमील अक्सर पोरिज के रूप में खाया जाता है। इसका प्रयोग विभिन्न प्रकास के बेकरी पदार्थ जैसे- ओट्स केक और ओट्स ब्रैड बनाने में किया जाता है।

विभिन्न प्रकार के ओट्स पकाने के तरीके अलग-अलग होते है, जिनका प्रयोग कर गरम सिरमिल या पोरिज बनाया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में मिलाने के लिए ओट्स बहुपयोगी सामग्री है। सभी प्रकास के ओटस कस लिए बेहतर होता है कि ओट्स को पहले ठंडे पानी में मिलाया जाये और फिर धीमी जांच पर पकाया जाए। अंकुरिस ओट्स स्वास्थ्य के मामले में अधिक पौष्टिïक होते हैं। इसलिए ओट्स सैंडविच, सलाद, स्टरफ्राय और सूप में अंकुरित उपयोग करने से स्वास्थ्यवद्र्घक गुण को बढाया जा सकता है। ओट्स से बेहतरीन मिठाईयां भी बनाई जाती हैं। इसमें शर्करा की मात्रा कम होने के कारण, यह अधिक ऊर्जा उत्पादित करने वाला स्रोत बन सकता है। यह सूप और ग्रेवी को गाढा बनाने में मदद करता है।

ओट्स खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। थोक वाली दुकानों से ओट्स लेते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस डिब्बे में यह रखा है वह साफ और ढका हुआ हो। ओटस कंकड़ से मुक्त हो तथा ओट्स में नमी नहीं होनी चाहिए।

महत्व:
ओट्स को सुपर फूड की श्रेणी में सबसे बड़ा दावेदार माना जाता है। इसमें स्वास्थ्यकारक गुण और पोषण संबंधी लाभ होते हैं। इसको 100 प्रतिशत साबुत अनाज का भोजन माना जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, खनिज और कई एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं। इसके साथ ही घुलनशील फाइबर ग्लूकोन की प्रचुर मात्रा भी पायी जाती है।। फाइबर की अधिक मात्रा होने के कारण यह वजन घटाने में मदद करता है। अनुशंसित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। मानव स्वास्थ्य और उनके लाभकारी अनुमोदित स्वास्थ्य दावों के लिए कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में इसके उपयोग की संभावना का उज्ज्वल भविष्य है।

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