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ED : चीन से संचालित हो रही पेमेंट गेटवे कंपनियों पर ईडी का छापा, 17 करोड़ जब्त

चाइनीज लोन ऐप (chinese loan app) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) बेंगलुरू में छह ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी ने बताया है कि वह ऑनलाइन पेमेट गेटवे कंपनियों (online payment gateway companies) रेजरपे, पेटीएम और कैश फ्री (Razorpay, Paytm and Cash Free) के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस दौरान 17 करोड़ की नकदी जब्त की गई है।

ईडी के अनुसार छापेमारी की यह कार्रवाई दो सितंबर को बेंगलुरु के छह ठिकानों पर शुरू की गई। यह अब भी जारी है। एजेंसी ने कहा कि उसने छापेमारी के दौरान मर्चेंट आईडी और चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित संस्थाओं के बैंक खातों में रखे गए 17 करोड़ रुपये को जब्त कर लिया है। ईडी के अनुसार इन संस्थाओं के काम करने का तरीका यह है कि वे भारतीय नागरिकों के जाली दस्तावेजों का उपयोग कर उन्हें डमी निदेशक बनाकर अवैध आमदनी अर्जित कर रहे हैं। ईडी ने कहा है कि इन संस्थाओं को चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित किया जाता है। यह भी पता चला है कि ये संस्थाएं भुगतान गेटवे और बैंकों के पास रखे गए विभिन्न मर्चेंट आईडी व खातों के माध्यम से संदिग्ध और अवैध व्यवसाय चला रही थीं। ईडी ने कहा कि रेजोरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स और पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड जैसी कंपनियों के परिसरों की तलाशी अभियान के दौरान यह बात सामने आई है कि ये चीन के लोगों की ओर से नियंत्रित और संचालित होती हैं।

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ईडी के अनुसार ये संस्थाएं विभिन्न मर्चेंट आईडी व खातों के माध्यम से अवैध आय अर्जित कर रहीं थीं। ईडी ने यह भी कहा है कि जांच के दौरान पता चला है कि ये संस्थाएं एमसीए (कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय) की वेबसाइट पर दिए गए पंजीकृत पते पर से भी काम नहीं कर रहे हैं। वे नकली पते से ऑपरेट कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि मनी लांड्रिंग का यह मामला, जिसके तहत छापेमारी चल रही है, वह बेंगलुरु पुलिस के साइबर क्राइम स्टेशन की ओर से दर्ज कम से कम 18 एफआईआर पर आधारित है। ये एफआईआर कई संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में आरोपियों पर छोटी राशि के लोन की वसूली के लिए भी उत्पीड़न करने के आरोप लगाए गए हैं।

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