Tuesday, 3 December 2024

Kanjhawala episode: छह आरोपियों पर लगा हत्या का आरोप

Kanjhawala episode: नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक युवती की स्कूटी को कार से टक्कर मारने के बाद…

Kanjhawala episode: छह आरोपियों पर लगा हत्या का आरोप

Kanjhawala episode: नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक युवती की स्कूटी को कार से टक्कर मारने के बाद करीब 12 किलोमीटर तक उसे घसीटने से जुड़े मामले में छह आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

Kanjhawala episode

उन्होंने बताया कि मामले के सात में से छह आरोपियों के खिलाफ पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आरोप लगाए गए थे। हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद आरोपियों को मृत्युदंड या उम्रकैद और जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, सुल्तानपुरी की घटना में भौतिक, मौखिक, फॉरेंसिक और अन्य वैज्ञानिक सबूतों को जुटाने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा-304 की जगह धारा-302 (हत्या) शामिल कर दी है। मामले में आगे की जांच जारी है। यह कदम दिल्ली पुलिस द्वारा एक सत्र अदालत को यह बताए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है कि वह मामले में आईपीसी की धारा-302 शामिल करेगी।

पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र के सिंह ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार को जल्द मुआवजा दिलवाने के लिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) का रुख किया है।

उन्होंने बताया कि तथ्यों और परिस्थितियों की जांच के बाद आईपीसी की धारा-279 (सार्वजनिक जगह पर जानबूझकर या असावधानी से असुरक्षित रूप से वाहन चलाकर दूसरों का जीवन खतरे में डालना) और 304ए (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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सिंह के मुताबिक, आगे की जांच के बाद प्राथमिकी में धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या के लिये सजा), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (साझा इरादा) को भी उसी दिन जोड़ा गया था, जिस दिन घटना की सूचना दी गई थी। उन्होंने कहा, “आईपीसी की धारा-304ए को शामिल करने का मकसद एमएसीटी से पीड़िता के परिवार को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना भी था, क्योंकि वह अपने परिवार की एकमात्र कमाऊ सदस्य थी।”

सिंह ने बताया, एमएसीटी को पहली दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) भेजी गई थी। दुर्घटना दावा प्रपत्र संख्या 54 भी भरा गया है। दिल्ली पुलिस मृतका के परिवार के सदस्यों के लिए मुआवजे के रूप में अधिकतम राशि सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास के साथ एमएसीटी में मुआवजे का दावा भर रही है, ताकि उनका गुजारा हो जा सके। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उस मार्ग पर पीसीआर और पिकेट ड्यूटी पर तैनात अपने 11 कर्मियों को निलंबित कर दिया, जिस पर सुल्तानपुरी से कंझावला तक एक कार के नीचे घिसटने से 20 वर्षीय युवती की मौत हो गई थी।

गृह मंत्रालय द्वारा विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता में गठित एक जांच समिति की ओर से सौंपी गई दुर्घटना की रिपोर्ट के बाद दिल्ली पुलिस को मार्ग पर तैनात अपने सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया था। अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को 31 दिसंबर की देर रात एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद वह कार में फंसकर सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच 12 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक घसीटती चली गई थी। इस घटना में अंजलि की मौत हो गई थी।

पुलिस ने दो जनवरी को मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी अंकुश ने छह जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया था और अगले दिन जमानत पर रिहा हो गया था। चार दिन बाद एक अन्य आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया गया था। अंजलि के माता-पिता और रिश्तेदारों ने अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग को लेकर सुल्तानपुरी थाने के बाहर धरना भी दिया था। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए प्राथमिकी में धारा-302 को जोड़े जाने की मांग की थी कि आरोपियों ने यह जानते हुए भी कार चलाना जारी रखा कि युवती उनकी कार में फंसकर घिसटती जा रही है।

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