केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह मामला साल 2017 का है, जब एक युवक ने महज अपनी विकृत सोच और आभासी दुनिया के प्रभाव में आकर अपने पूरे परिवार को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इस खौफनाक हत्याकांड में आरोपी कैडेल जीसन राजा को अब कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए फैसला सुना दिया है।
आत्मा को शरीर से निकलते देखने की सनक
कैडेल ने अपने अपराध को सही ठहराते हुए दावा किया था कि वह “ऐस्ट्रल प्रोजेक्शन” (Astral Projection) के प्रयोग में जुटा था और देखना चाहता था कि “मरने के बाद आत्मा शरीर से कैसे निकलती है।” इस मानसिक भ्रम और हिंसक विचारों के चलते उसने अपने माता-पिता, बहन और मामी की जान ले ली। हालांकि, मनोवैज्ञानिक जांच के बाद यह साबित हुआ कि उसकी मानसिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ी हुई नहीं थी, और उसने यह जघन्य कृत्य जानबूझकर किया था।
पारिवारिक तनाव और आभासी दुनिया का प्रभाव
कैडेल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया गया था, लेकिन पारिवारिक सहयोग की कमी के चलते उसे पढ़ाई अधूरी छोड़कर वापस लौटना पड़ा। वापसी के बाद भी वह अकेलापन और पारिवारिक उपेक्षा का शिकार महसूस करता रहा। वह वीडियो गेम, इंटरनेट और हिंसक ऑनलाइन कंटेंट का आदी बन चुका था। कोर्ट ने माना कि इन कारणों से उसके विचारों में गंभीर हिंसात्मक परिवर्तन आया।
हत्याकांड की भयानक कहानी
5 से 8 अप्रैल 2017 के बीच कैडेल ने इस खौफनाक योजना को अंजाम दिया:
5 अप्रैल: कैडेल ने अपने माता-पिता – राजा थांकम (60), जो कॉलेज प्रोफेसर थे, और जीन पद्मा, जो डॉक्टर थीं – और अपनी 26 वर्षीय बहन को यह कहकर पहली मंजिल के कमरे में बुलाया कि उसने एक नया वीडियो गेम बनाया है।
वहां ले जाकर उसने सभी पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी।
6-7 अप्रैल: 48 घंटों तक घर में रहने वाली उसकी मामी ललिता, जो दृष्टिहीन थीं, को इस हत्याकांड की भनक तक नहीं लगी। लेकिन जब उन्हें शक हुआ, तो कैडेल ने उन्हें भी मार डाला।
8 अप्रैल: कैडेल ने अपने मां-बाप और बहन के शवों को जलाने की कोशिश की और फिर चेन्नई भाग गया। वहां उसने टीवी पर अपने परिवार की मौत की खबरें देखीं।
केरल हत्याकांड पर कोर्ट का फैसला
ट्रायल के दौरान कैडेल ने मानसिक बीमारी का बहाना बनाया, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। जज ने कहा कि आरोपी ने अपने गुस्से, अकेलेपन और वीडियो गेम व इंटरनेट सामग्री के प्रभाव में आकर यह जघन्य अपराध किया है। उसे पूरी तरह मानसिक रूप से सक्षम माना गया और हत्या का दोषी ठहराया गया।
यह मामला उन खतरनाक परिणामों की चेतावनी है जो मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी, सामाजिक उपेक्षा और डिजिटल लत के कारण सामने आ सकते हैं। कैडेल के इस अपराध ने एक संपूर्ण परिवार को खत्म कर दिया और समाज को यह सोचने पर मजबूर किया कि आभासी और वास्तविक जीवन के बीच की दूरी को समझना और मानसिक संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है।
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